Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजगुरुग्राम में मस्जिद से अलग जुमे की नमाज पर फिर संकट, अब सिखों ने...

गुरुग्राम में मस्जिद से अलग जुमे की नमाज पर फिर संकट, अब सिखों ने कहा- गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में नहीं दे सकते जगह

गुरुद्वारा सिंह सभा कमेटी ने गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में जगह देने से मना कर दिया है। कमेटी का कहना है कि गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में भीड़ होगी। ऐसे में वो नमाज के लिए जगह नहीं दे सकते।

गुरुग्राम में शुक्रवार की नमाज का बवाल अब भी शांत नहीं है। वहाँ गुरुद्वारा सिंह सभा कमेटी ने गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में नमाज पढ़ने के लिए जगह देने से मना कर दिया। कमेटी ने कहा कि गुरु पर्व पर गुरुद्वारे में भीड़ होगी। ऐसे में वो नमाज के लिए जगह नहीं दे सकते। ये नामुमकिन है।

बता दें कि सिख धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस साल 19 नवंबर दिन शुक्रवार को गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है। सिखों के इस त्योहार को प्रकाश पर्व, गुरु पर्व और गुरु पूरब भी कहा जाता है।

ऐसे में गुरुद्वारा कमेटी ने मुस्लिमों को अपने गुरुद्वारे की जगह देने से मना किया है। खबर की पुष्टि के लिए हमने गुरुद्वारा कमेटी के हैरी सिद्धू और सदस्य प्रेम सिंह को फोन किया लेकिन दोनों से बात नहीं हो पाई। एक स्टाफ ने बताया कि आज गुरु पर्व है, इसलिए कार्यक्रम चलने तक बात नहीं हो सकती। वहीं एक अन्य सदस्य ने कॉन्ट्रोवर्सी के डर से कुछ नहीं कहा।

इससे पहले खबर आई थी कि कुछ सिख संगठनों ने मुस्लिम समुदाय को गुरुद्वारे में जुमे की नमाज अदा करने की पेशकश की थी। गुरुग्राम के सदर बाजार गुरुद्वारा ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनका गुरुद्वारा ‘गुरु घर’ है और वहाँ सभी समुदायों का बिना किसी भेदभाव के स्वागत है। गुरुद्वारा अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिंधु ने कहा था, ‘मुस्लिम भाई’ शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के लिए बेसमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

गुरुद्वारे के अलावा अक्षय यादव नाम के एक हिंदू बिजनेसमैन ने शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए मुस्लिमों को सेक्टर 12 में अपनी दुकान देने की पेशकश की थी। गुरुद्वारा और यादव के पेशकश को मीडिया और सोशल मीडिया में सहिष्णुता और भाइचारे के मिसाल का तौर पर प्रदर्शित किया जा रहा है। हालाँकि, इस दिखावटी सेक्युलरिज्म में, एक फैक्ट की अनदेखी की जा रही है और वह यह कि मुस्लिम मस्जिदों में नमाज़ क्यों नहीं पढ़ सकते हैं और उन्हें हर शुक्रवार को नमाज़ अदा करने के लिए सार्वजनिक स्थानों और गैर-मुस्लिमों के स्थानों की जरूरत क्यों है?

सेक्टर 47, सेक्टर 12 और अन्य जगहों पर स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध-प्रदर्शन कभी भी नमाज़ से इनकार करने या मुस्लिमों को नमाज़ पढ़ने से रोकने को लेकर नहीं था। विरोध-प्रदर्शन सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्कों और सड़कों को नमाज के लिए ब्लॉक किए जाने और सुरक्षा, विशेषकर महिलाओं की चिंताओं को लेकर था। सार्वजनिक स्थान सार्वजनिक उपयोग के लिए हैं। निवासियों का सवाल है कि मुस्लिम समुदाय उन स्थानों को क्यों ब्लॉक करता है जब वे मस्जिदों में नमाज अदा कर सकते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -