हाथरस मामले में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पीड़िता के भाई और आरोपित संदीप आपस में मित्र थे। कहा जा रहा है कि इन दोनों के बीच बातचीत भी होती थी और इनकी पुरानी जान-पहचान थी। दोनों के बीच कई घंटों तक बातचीत होती थी। कुछ ग्रामीणों ने भी इस खबर की पुष्टि करते हुए चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
ये सब ‘Zee News’ में विशाल पांडेय की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है। ‘Zee News’ ने दावा किया है कि उसके पास वो कॉल रिकार्ड्स हैं, जिसके आधार पर पता चलता है कि आरोपित संदीप और पीड़ित परिवार के बीच घंटों बातचीत होती थी। खबर में कहा गया है कि उक्त नंबर पर अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच दोनों के बीच 5 घंटों की बातचीत हुई थी। वहीं पीड़िता के बड़े भाई ने परिवार के आरोपित संदीप से बातचीत होने की बात से इनकार किया है।
‘Zee News’ की रिपोर्ट में बूलगढ़ी के ग्रामीणों ने बताया है कि पीड़िता और आरोपित के बीच प्रेम सम्बन्ध भी थे। हालाँकि, प्रेम सम्बन्ध होने का ये मतलब नहीं है कि कोई किसी की हत्या नहीं कर सकता – यहाँ ये स्पष्ट करनी ज़रूरी है। मीडिया संस्थान का कहना है कि इस मामले की छानबीन जाँच एजेंसियाँ करेंगी, जिसमें सच सामने आएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीड़िता का भाई कुछ न कुछ छिपा रहा है।
आरोपित लवकुश की माँ का कहना है कि उनके बेटे को उन्होंने घायल पीड़िता को पानी पिलाने के लिए भेजा था लेकिन उसे भी आरोपित बना दिया गया। वहीं आरोपित रामू की माँ ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि उनका बेटा सुबह 7 बजे ही डेयरी प्लांट के लिए निकल चुका था, जहाँ वह नौकरी करता था। डेयरी प्लांट के मालिक ने बताया कि वो सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक वहीं पर ड्यूटी कर रहा था।
डेयरी मालिक आरोपित रामू को सीधा-साधा लड़का बताते हुए कहा कि रजिस्टर में उस दिन उसकी एंट्री भी दर्ज है और अन्य कर्मचारियों ने भी उसे देखा था। पुलिस रजिस्टर ले गई है। वहीं खुद को प्रत्यक्षदर्शी बताने वाले ओंकार सिंह ने कहा कि घायल लड़की जब खेत में पड़ी हुई थी तो उसका भाई उसे ‘संदीप का नाम लेने’ को कह रहा था और उस समय संदीप अपने पिता के साथ गाय को पानी पिलाने में लगा हुआ था।
उधर यूपी पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR के अनुसार, पीड़िता के परिवार पर गलत बयान देने का दबाव था और इसके एवज में उन्हें 50 लाख रुपए देने का लालच एक राजनेता ने दिया था। साथ ही एक पत्रकार द्वारा पीड़िता के भाई को कहा गया था कि वो पिता को मीडिया में उसका मनपसंद बयान देने के लिए मनाए। पिता पर मीडिया में ये कहने का दबाव था कि वो सरकार की कार्रवाई से खुश नहीं हैं। एडीजी प्रशांत कुमार ने भी इसकी पुष्टि की है कि राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश हो रही थी।