नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ देशभर में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विरोध की आड़ में पिछले शुक्रवार (20 दिसंबर) को जुमे की नमाज़ के बाद हुई व्यापक हिंसा को देखते हुए आज शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज़ के मद्देनज़र पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करते हुए गश्त बढ़ा दी गई है। शरारती तत्वों पर ड्रोन से भी नज़र रखी जा रही है। कई ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि उपद्रवियों से सख़्ती से निपटा जाएगा। इसके अलावा, यूपी में पहले से ही धारा-144 लगी हुई है।
Uttar Pradesh Govt: Mobile Internet services and sms messages of all mobile service providers except BSNL to remain suspended in Lucknow on 27th December.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 27, 2019
गाज़ियाबाद, मेरठ, कानपुर, अलीगढ़ समेत 20 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए गाज़ियाबाद में शुक्रवार (27 दिसंबर) रात 10 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा। सहारनपुर में भी जुमे की नमाज़ को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से चौकस है। इस बीच मौलवियों ने जुमे की नमाज़ से पहले शांति की अपील की है।
अफ़वाहों पर लगाम लगाने के लिए राजधानी लखनऊ, गाज़ियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर, बुलंदशहर, बिजनौर, मुज़फ़्फ़रनगर, शामली, संभल, फिरोजाबाद, मथुरा आगरा, कानपुर और सीतापुर में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। मेरठ और अलीगढ़ में गुरुवार (26 दिसंबर) रात 10 बजे से इंटरनेट बैन का आदेश दिया गया था। वहीं, वेस्ट यूपी के संवेदनशील मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में 28 दिसंबर तक इंटरनेट बंद रखने का आदेश दिया गया है।
मुज़फ़्फ़रनगर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। जुमे की नमाज़ के बाद अधिकारी लोगों को नमाज़ के बाद सड़कों पर नहीं आने के लिए समझा रहे हैं। एक सप्ताह पूर्व हुए उपद्रव वाले स्थानों में मदीना चौक, कच्ची सड़क, मीनाक्षी चौक, फक्करशाह चौक व अन्य स्थलों पर भी फ़ोर्स तैनात कर दी गई है। इसी बीच, गुरुवार (26 दिसंबर) को सरवट क्षेत्र में विवादित पोस्टर लगाकर कुछ लोगों ने शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस ने तत्काल प्रभाव से उन पोस्टर्स को उतारकर कब्ज़े में ले लिए।
सहारनपुर में जुमे की नमाज़ के बाद नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध को देखते हुए ज़िले में अलर्ट घोषित किया गया है। गुरुवार दोपहर को ही इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं थी। पुलिस अधिकारियों ने पूरे ज़िले में पैदल मार्च निकालकर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। देवबंद में जुलूस, धरना प्रदर्शन और रैली आदि पर पूर्णत: पाबंदी लगा दी गई है। इसके अलावा, बागपत को चार ज़ोन और 16 सेक्टर में बाँट दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर फ़ोर्स की तैनाती की गई है।
यूपी के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर पीवी रमाशास्त्री ने बताया कि जुमे की नमाज़ को देखते हुए राज्य के अलग-अगल ज़िलों में सुरक्षा-व्यवस्था के सभी पुख़्ता इंतज़ाम कर लिए गए हैं। शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों से बातचीत भी की गई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनज़र कई ज़िलों में इंटरनेट सेवा प्रतिबंधित की गई है और साथ ही सोशल मीडिया पर की जा रही पोस्ट पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
उधर, लखनऊ के मौलाना ख़ालिद रशीद फिरंगी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वो नमाज़ के बाद किसी भी तरह का विरोध-प्रदर्शन न करें। साथ ही उन्होंने शांति और सौहार्द की बात कहते हुए मुस्लिम समुदाय से एक दिन का रोज़ा रखने की अपील भी की। ऐसी ही शांति-व्यवस्था और रोज़ा रखने की अपील देहरादून में पलटन बाज़ार की जामा मस्जिद के इमाम ने भी की है। वहीं, मेरठ में आईजी, कमिश्नर, डीएम और एसएसपी ने ज़िम्मेदार लोगों के साथ मीटिंग करके उनसे शांति बनाए रखने की अपील की।
ग़ौरतलब है कि नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में विरोध-प्रदर्शनों ने काफ़ी हिंसक रूप ले लिया था। जिन शहरों में हिंसक वारदातों की ख़बरें आई थीं, उनमें फ़िरोज़ाबाद, हापुड़, लखनऊ, कानपुर, बहराइच, सीतापुर, गोरखपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, अलीगढ़, बलरामपुर, बिजनौर, गोंडा और हमीरपुर प्रमुख थे। इन जगहों पपर हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के दौरान पुलिस को निशाना बनाते हुए उन पर पत्थरबाज़ी, फायरिंग, तेज़ाब की भरी बोतलों और पेट्रोल बम से हमले किए गए थे। इन हमलो में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी भी घायल हुए थे, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती भी कराया गया।
31 जनवरी तक धारा 144, लखनऊ समेत 42 जिलों में इंटरनेट बंद: योगी सरकार ने उठाया सख्त कदम