Saturday, July 27, 2024
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भारत का वीजा न मिलने पर पाकिस्तान में आत्महत्या को मजबूर हिन्दू: बहन-बेटियों को उठा कर ले जाते हैं, दावा- 12 साल में 14000 हिन्दू लड़कियों का अपहरण-धर्मांतरण

सामाजिक कार्यकर्ता रोशन भील कहते हैं कि बेटियों के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और गैंगरेप का पीड़ित हर परिवार अतीत भूलना चाहता है, पर ऐसा होता नहीं है। पाकिस्तान में पिछले 12 सालों में 14,000 हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और गैंगरेप की घटनाएँ सामने आई हैं।

पाकिस्तान वहाँ के हिंदुओं के लिए नर्क से कम नहीं है। हिंदू समुदाय की लड़कियों का अपहरण और उनका इस्लाम में धर्मांतरण रोजमर्रा की बात हो गई है। इससे तंग आकर हिंदू समुदाय के लोग किसी कीमत पर पाकिस्तान छोड़ना चाहते हैं। हालाँकि, भारत का वीजा नहीं मिलने के कारण हिंदू समुदाय के कई लोगों द्वारा आत्महत्या कर ली गई।

सिंध में गड़िया लुहार सहायता कमेटी के चेयरमैन मांजी लुहार उर्फ काका का कहना है कि पिछले छह माह में उनके चार परिचित हिंदुओं ने आत्महत्या कर ली। ये लोग भारत आना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें वीजा नहीं दिया जा रहा हथा। पाकिस्तान में ऐसे सैकड़ों हिंदू परिवार हैं, जिन्हें भारत आने का वीजा नहीं मिल रहा और पाकिस्तान में उनके परिवार की अस्मत खतरे में पड़ गई है।

भास्कर की खबर के मुताबिक, सिंध स्थित मीरपुर खास के मोहन भारत के जैसलमेर आना चाहते थे, लेकिन तीन साल से उन्हें वीजा नहीं मिल रहा है। इससे तंग आकर उन्होंने जहर खा लिया। ऐसे ही कच्छभूरी की एक हिंदू बुजुर्ग महिला ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

पाकिस्तान से विस्थापित होकर राजस्थान के जयपुर में रह रहे गणेश रीको में कपड़ों की कटिंग करने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके मौसा पाकिस्तान के रहीमयार खान में मजदूरी करते हैं। उनकी 6 बेटियाँ हैं। उनमें से तीन बेटियों का कट्टरपंथी मुस्लिमों ने जबरन इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया, जबकि एक की हत्या कर दी। गणेश 10 साल पहले मौका पाकर भारत आ गए।

पाकिस्तान के ही कोटगुलाम में रहने वाले विष्णुराम की बेटी 9वीं में पढ़ती थी। इलाके के कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम उसे उठा ले गए। पिता के बहुत भागदौड़ करने के बाद भी उनकी बेटी नहीं मिली। ऐसे कई लोग हैं, जिनकी बहन-बेटियों को कट्टरपंथियों द्वारा जबरन उठा लिया गया। ये आवाज तो उठाते हैं, लेकिन पुलिस से लेकर न्यायपालिका तक में उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता।

कुछ ऐसी ही कहानी राव परिवार की है। मीरपुर खास के रहने वाला राव परिवार तीन माह पहले ही पाकिस्तान से मारवाड़ पहुँचा है। राव परिवार का कहना है कि उनकी बहन का भी जबरन धर्म परिवर्तन कर दिया गया। इससे परिवार इतना डर गया कि अपना सब कुछ छोड़कर भारत आ गया।

राव परिवार के लोगों का कहना है कि उनकी बहन अब किस हालत में है, यह उन्हें या उनके परिवार के किसी को पता नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता रोशन भील कहते हैं कि ऐसा हर परिवार अतीत भूलना चाहता है, पर ऐसा होता नहीं है। पाकिस्तान में पिछले 12 सालों में 14,000 हिंदू लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्मांतरण और गैंगरेप की घटनाएँ सामने आई हैं।

पाकिस्तानी कट्टरपंथियों के अत्याचारों से परेशान वहाँ के हिंदुओं ने भारत सरकार से शरण देने की अपील की है। उन्होंने भारत आने वाले हिंदू परिवारों को वीसा उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इसके साथ ही जो परिवार भारत में हैं, उन्हें पाकिस्तान नहीं भेजने की भी अपील की है।

बताते चलें कि पाकिस्तान से भारत आने वाले इन हिंदुओं की समस्याएँ कम नहीं हुई हैं। जैसलमेर की कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर 16 मई 2023 को प्रशासन ने पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के घरों को गिरा दिया। इसकी हर तरफ आलोचना तीखी आलोचना हुई। इसके बाद टीना डाबी ने इन विस्थापितों के पुनर्वास के लिए 40 बीघा जमीन आवंटित किया।

इस जमीन का चयन जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मूलसागर के पास किया गया है। जमीन समतल करने का काम शुरू करने से पहले पूजा-अर्चना भी की गई। नगरीय सुधार न्यास (UIT) को बिजली और पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इस जमीन पर करीब 200 परिवारों को बसाने की योजना है।

इस फैसले के बाद 25 मई 2023 को टीना डाबी शरणार्थी परिवारों के बीच पहुँची। इन लोगों ने उनका भावपूर्ण अंदाज में स्वागत किया। रिपोर्ट के मुताबिक शरणार्थियों ने कहा, “कलेक्टर साहिबा, थों न्याल कर दिया… हे तो हेक ही आशीष देसो थे दूधो नहाओ पूतो फलो।” पुत्रवती होने के आशीर्वाद के जवाब में हँसते हुए कलेक्टर टीना डाबी ने कहा- बेटी होगी तो भी चलेगी

बताते दें कि राजस्थान में गृह विभाग ने 30 मई 2023 को सचिवालय में पाकिस्तान से विस्थापित हुए परिवारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक अहम बैठक बुलाई है। इसमें नागरिकता सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में जोधपुर, बीकानेर संभागीय आयुक्त अथवा इनके प्रतिनिधि और ग्रामीण विकास विभाग, फाइनेंस, उद्याेग, रेवेन्यू के अफसर शामिल होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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