Friday, November 8, 2024
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जहाँ पर बैठकर जज सुनाते हैं कानून का फैसला, उसी के पास 2 महिलाओं ने पढ़ी नमाज: कर्नाटक हाई कोर्ट का Video वायरल

"कर्नाटक हाई कोर्ट के हॉल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि 2 लोग यहाँ माननीय न्यायाधीशों के पोडियम का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह सर्वविदित है कि पोडियम का इस्तेमाल माननीय न्यायाधीशों द्वारा न्याय देने के लिए किया जाता है।”

कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) में जज के पोडियम के पास नमाज अदा करती हुई दो महिलाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को सबसे पहले मीडिया चैनल ‘संवाद’ ने अपने यूट्यूब और फेसबुक चैनल पर अपलोड किया। कन्नड़ भाषा में वीडियो का शीर्षक लिखा गया है। हिंदी में इसका अर्थ है, ‘कर्नाटक उच्च न्यायालय में नमाज’। तब से नेटिज़न्स इस वीडियो को ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं।

कर्नाटक में हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने 15 मई को ट्विटर पर इस वीडियो को शेयर किया था। उन्होंने कहा था, “मुस्लिमों ने कर्नाटक हाई कोर्ट के हॉल के अंदर नमाज अदा की। आदरणीय प्रवीण सूद (डीजीपी कर्नाटक), अरागा ज्ञानेंद्र (राज्य गृह मंत्री कर्नाटक), डॉ. संजीव एम पाटिल (डीसीपी पश्चिम बीसीपी), डीसीपी सेंट्रल बीसीपी, उच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन करने वाले दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई? इस तरह से नमाज पढ़कर उच्च न्यायालय परिसर का दुरुपयोग किया जा रहा है?”

संवाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बिना अनुमति के उच्च न्यायालय परिसर में शूट किए गए वीडियो को अपलोड करने के लिए चैनल संवाद के खिलाफ 16 मई, 2022 को एफआईआर दर्ज की गई थी। बेंगलुरु के विधान सौध पुलिस स्टेशन में चैनल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। एनजी दिनेश (in-charge Registrar administration NG Dinesh) ने शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 447 (आपराधिक कार्य) और 505 (2) (शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या इसे बढ़ावा देने) के तहत एफआई दर्ज की थी

एफआईआर कॉपी। साभार: कर्नाटक पुलिस

शिकायत में लिखा गया है कि एक मिनट 48 सेकंड का वीडियो 14 मई को ‘कर्नाटक उच्च न्यायालय में नमाज’ शीर्षक के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था। इसमें आगे लिखा है, “हाई कोर्ट परिसर के अंदर बिना अनुमति के प्रवेश करना और वीडियो बनाना प्रतिबंधित है। नियमों का उल्लंघन कर शूट किया गया वीडियो दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करता है। हम उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की माँग करते हैं, जिन्होंने वीडियो शूट किया और इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया।” एफआईआर में फेसबुक और यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो का लिंक भी दिया है। फिलहाल वीडियो को चैनल से हटा दिया गया है।

हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज

मोहन गौड़ा ने इस विषय में ऑपइंडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के पास एक शिकायत दर्ज की गई है। कर्नाटक डेली होसादिगेंथा (Karnataka Daily Hosadigantha) ने अधिवक्ता आर पुट्टरैय्या के हवाले से कहा कि उन्होंने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। अधिवक्ता के शब्दों में, “मैंने न्यायाधीशों की एक पीठ के सामने कथित रूप से कोर्ट के परिसर में प्रवेश करने और नमाज पढ़ने वाली दो महिलाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। इस संबंध में यूट्यूब चैनल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने वाले रजिस्ट्रार को भी विश्वास है कि अदालत कक्ष में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं पर मुकदमा चलाया जाएगा।”

साभार: मेचिरुभट/ट्विटर

कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित करते हुए शिकायत में उन्होंने कहा, “हम अधिवक्ता न्यायालयों को न्याय का मंदिर मानते हैं, जिसने कभी भी किसी व्यक्ति से उसके धन, जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। यही कारण है कि आज भी देश के नागरिक न्यायिक व्यवस्था में पूर्ण विश्वास रखते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “कर्नाटक हाई कोर्ट के हॉल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि 2 लोग यहाँ माननीय न्यायाधीशों के पोडियम का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह सर्वविदित है कि पोडियम का इस्तेमाल माननीय न्यायाधीशों द्वारा न्याय देने के लिए किया जाता है।” पुट्टरैय्या ने CJI से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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