Tuesday, October 15, 2024
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SRK के बेटे आर्यन खान को हो सकती है 1 साल तक की सजा! जानिए क्या हैं आरोप और क्या कहता है कानून

आरोपित के पास छोटी मात्रा में चरस या हशीश मिलने पर 6 माह जेल और 10 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन यदि पकड़ा गया चरस या गाँजा किसी अन्य रूप में ढाल कर उपयोग में लाया जा रहा हो तो सज़ा 1 वर्ष हो जाती है।

बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन को मुंबई के पास समुद्र में एक क्रूज पर चल रही रेव पार्टी में शनिवार (अक्टूबर 2, 2021) देर रात चरस लेने के आरोप में NCB द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

क्या हैं आर्यन खान पर आरोप

शाहरुख़ के बेटे आर्यन को 12 घंटे तक चली लम्बी पूछताछ के बाद चरस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आर्यन खान पर अपने लेंस के डिब्बे में ड्रग्स छुपाकर रखने का आरोप है। फिल्मफेयर के अनुसार, NCB ने आर्यन खान की पुलिस हिरासत अवधि और अधिक न बढ़ाने का फैसला किया है।

हिंदुस्तान के मुताबिक, आर्यन के पास से 13 ग्राम कोकेन, 5 ग्राम MD, 21 ग्राम चरस और MDMA की 22 गोलियाँ पाई गईं जिसका मूल्य लगभग 1,33,000 रुपए आँका जा रहा। इस केस में गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध सेक्शन 8C, 20B, 27, 35 के तहत केस दर्ज किया गया है। इस रेव पार्टी में एनसीबी के अधिकारी पैसेंजर बनकर पहुँचे थे।

आर्यन खान को कितनी सज़ा हो सकती है?

फिलहाल अब तक मिली जानकारी के अनुसार नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज ऐक्ट-1985 के नियमानुसार आर्यन खान को को छह महीने से एक साल के बीच में सजा मिल सकती है। आरोपी के पास मिली नारकोटिक्स की मात्रा सज़ा के का आकार तय करती है।

इस प्रकार के प्रकरणों में आरोपी के लिए काउंसलिंग के विकल्प खुले रहते हैं। आरोपित के पास छोटी मात्रा में चरस या हशीश मिलने पर 6 माह जेल और 10 हजार तक जुर्माने का प्रावधान है लेकिन यदि पकड़ा गया चरस या गाँजा किसी अन्य रूप में ढाल कर उपयोग में लाया जा रहा हो तो सज़ा 1 वर्ष हो जाती है। आर्यन खान का अपराध जमानती बताया जा रहा है जिसमें अदालत से ही जमानत का प्रावधान है।

यद्यपि मादक द्रव्यों की तस्करी करने के अपराध में NDPS एक्ट के अंतर्गत अधिकतम 20 वर्ष की जेल और 2 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। चरस के अलावा कोकीन, हेरोइन, गाँजा, हशीश, मार्फीन आदि प्रतिबंधित मादक द्रव्यों की श्रेणी में रखे गए हैं। इसी क्रम में साइकोट्रोपिक के तहत एलएसडी, एमएमडीए, अल्प्राजोलम यानी केमिकल को मिलाकर बनाए जाने वाले पदार्थ आते हैं।

क्या है नारकोटिक्स

नारकोटिक्स का अर्थ नशीले पदार्थ से है। इसका उपयोग चिकित्सीय कार्यों में किया जाता है। नींद के साथ शारीरिक व मानसिक पीड़ा के रोगियों के लिए इसके कुछ प्रकारों की एक निश्चित मात्रा डाक्टरों की सलाह व देखरेख में ली जाती है लेकिन इसको रखने, खरीदने और बेचने के लिए मापदंड शासन तय करता है। बिना शासकीय अनुमति के इसका किसी भी प्रकार से उपयोग गैरकानूनी व दंडनीय होता है।

कब बना इस पर क़ानून –

वर्ष 1985 में भारतीय संसद ने नशीले पदार्थों को अवैध रूप से बेचने, बनाने और सेवन को को कानूनी अपराध मानते हुए NDPS एक्ट पारित किया था, जिसे हिंदी में नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 कहा जाता है। इस एक्ट के लागू होने के बाद सरकार नारकोटिक्स संबंधित सभी गतिविधियों को नियंत्रित करने लगी। अब तक कुल 3 बार, वर्ष 1988, 2001 और 2014 में NDPS एक्ट में संशोधन भी हुए हैं।

इसी एक्ट की धारा 42 के तहत विवेचक को बिना वारंट किसी संदिग्ध की तलाशी लेने, मादक पदार्थ जब्त करने और गिरफ्तार करने का अधिकार रखता है। शाहरुख़ के बेटे आर्यन को गिरफ्तार करने वाली नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) इन अपराधों एक्शन लेने के लिए अधिकृत सर्वोच्च संस्था है जो 17 मार्च, 1986 में स्थापित की गई थी। इसका नियंत्रण केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय अधीन होता है।

बताया जा रहा कि गुप्त सूचना के आधार पर एनसीबी की एक टीम ने क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में शनिवार शाम को गोवा जाने वाले कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी कर के पार्टी में शामिल कुछ यात्रियों के पास से प्रतिबंधित ड्रग्स कब्ज़े में लिया है। आर्यन खान के अलावा उनके दोस्त और फिल्म एक्टर अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा को भी गिरफ्तार किया गया।

कुछ समय पहले कॉमेडियन भारती सिंह के घर से कथित तौर पर गाँजा बरामद किया गया था बरामद मात्रा कानून के तहत कम मात्रा है। उस प्रकरण में एंटी ड्रग एजेंसी ने बताया था कि भारती और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया दोनों ने गाँजे का सेवन स्वीकार किया था।

सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो NCB ने बॉलीवुड में फैले नशे के कारोबार पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी थी और 2 अक्टूबर 2021 को हुई गिरफ्तरियाँ उसी सक्रियता का नतीजा मानी जा रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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