OpIndia is hiring! click to know more
Monday, April 14, 2025
Homeदेश-समाज3 कॉन्ग्रेसी, 2 प्रोपेगंडा पत्रकार: जुबैर के अलावा इन 5 पर भी यूपी में...

3 कॉन्ग्रेसी, 2 प्रोपेगंडा पत्रकार: जुबैर के अलावा इन 5 पर भी यूपी में FIR, ‘जय श्रीराम’ पर फैलाया था झूठ

आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अचानक लोक शांति को अस्त-व्यस्त करने और धार्मिक समूहों में विभाजन के लिए संदेशों को प्रचारित-प्रसारित किया। FIR के अनुसार, जो बयान ट्विटर पर प्रचारित किए गए, वो किसी व्यक्ति विशेष मात्र के नहीं थे बल्कि इनके पीछे एक स्पष्ट मंशा थी, जो आपराधिक षड्यंत्र की ओर भी इशारा करती है।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थिर लोनी थाने में मोहम्मद जुबैर और ट्विटर के अलावा सलमान निजामी, राना अयूब, डॉक्टर शमा मोहम्मद, सबा नकवी और मशकूर अहमद के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन सभी ने हिन्दू-मुस्लिम दंगा भड़काने के आपराधिक षड्यंत्र के तहत फेक न्यूज़ फैलाया कि एक मुस्लिम बुजुर्ग को हिन्दुओं ने पीटा और जबरन ‘जय श्री राम’ कहलवाया। आइए, जानते हैं कि ये पाँचों कौन हैं।

आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने अचानक लोक शांति को अस्त-व्यस्त करने और धार्मिक समूहों में विभाजन के लिए संदेशों को प्रचारित-प्रसारित किया। FIR के अनुसार, जो बयान ट्विटर पर प्रचारित किए गए, वो किसी व्यक्ति विशेष मात्र के नहीं थे बल्कि इनके पीछे एक स्पष्ट मंशा थी, जो आपराधिक षड्यंत्र की ओर भी इशारा करती है। हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया। धार्मिक सौहार्द को अस्त-व्यस्त करने के लिए इन्हें बड़े पैमाने पर प्रचारित किया गया।

FIR में इसका जिक्र किया गया है कि किस तरह इस फेक न्यूज़ के फैलने से न सिर्फ तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया है, बल्कि उत्तर प्रदेश में एक वर्ग विशेष के भीतर भय की भावना भर दी है। आरोपित मुख्यतः मुस्लिम मजहब के भीतर अपना प्रभाव रखते हैं। पुलिस की जाँच में पता चला कि आरोपित और पीड़ित पहले से परिचित थे। अब्दुल समद ने ताबीज देकर इसके सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। ताबीज ने काम नहीं किया तो आरोपितों ने उसे पीट दिया। व्यक्तिगत विवाद की इस घटना में आरोपितों में हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों के लोग थे। 

राना अयूब

राना अयूब खुद को पत्रकार बताती हैं और कई अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के लिए लिखती भी हैं। उनके अधिकतर लेख भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के इरादे से लिखे गए होते हैं। फ़िलहाल ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने उन्हें ग्लोबल एडिटर बना रखा है। Time, NYT, गार्डियन, FP और ‘द न्यूयॉर्कर’ जैसे मीडिया संस्थानों ने उन्हें लिखने के लिए जगह दी है। हाल ही में उन्होंने गंगा में लाशें बहने और कोरोना को लेकर दुनिया भर में भारत को बदनाम किया था।

हाल ही में कोविड-19 के लिए फंड्स इकट्ठा करने का दावा करने वाली राना अयूब को लेकर विवाद हुआ था, जब यह आशंका जताई गई थी कि इस कैम्पेन में राना देश के FCRA कानूनों का उल्लंघन कर रही थीं। बाद में उन्होंने इस फंड्स कैम्पेन को समाप्त कर दिया। कोरोना के दौरान उन्होंने ये फेक न्यूज़ भी फैलाया था कि एक साढ़े चार वर्ष का प्रवासी बच्चा दूध न मिलने के कारण श्रमिक ट्रेन से रेलवे स्टेशन पर पहुँचने से पहले ही मर गया।

सबा नकवी

कई वर्षों तक भाजपा और RSS को कवर करती रहीं पत्रकार सबा नकवी In Good Faith (2012), Capital Conquest (2015), Shades of Saffron: From Vajpayee to Modi (2018) और Politics of Jugaad: the coalition handbook (2019) जैसी पुस्तकें लिख चुकी हैं। कुछ ही महीनों पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को उन्होंने अपनी पुस्तक गिफ्ट की थी। दोनों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।

सबा नकवी खुद को राजनीतिक विश्लेषक बताती हैं। साथ ही वो ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के ‘स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन’ में बतौर फैकल्टी भी कार्यरत हैं। वो Outlook पत्रिका की राजनीतिक संपादक रह चुकी हैं और विनोद मेहता के अंतर्गत काम करने का अनुभव है। देश-विदेश में कई अवॉर्ड्स मिलने का दावा करने वाली सबा नकवी आज भी टीवी डिबेट्स में बतौर कमेंटेटर बुलाई जाती हैं।

डॉक्टर शमा मोहम्मद

डॉक्टर शमा मोहम्मद कॉन्ग्रेस नेता हैं। कॉन्ग्रेस पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता बना रखा है। खास बात ये है कि ‘जय श्री राम’ को बदनाम करने के लिए झूठ को आगे बढ़ाने वाली शमा मोहम्मद खुद को राष्ट्रवादी और हिन्दू संस्कृति की पहचान से जोड़ती हैं। प्रोफेशन से डेंटिस्ट डॉक्टर शमा मोहम्मद ‘ज़ोया चैरिटेबल ट्रस्ट‘ की ट्रस्टी भी हैं। उनके पति स्टेफानो पेले कारोबारी हैं। वो केरल से ताल्लुक रखती हैं।

कभी शमा मोहम्मद ने कॉन्ग्रेस सहित केरल की अन्य पार्टियों में पुरुषों के वर्चस्व का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि उन्होंने खुद इसका अनुभव किया है। उन्होंने कहा था कि केरल में महिलाओं को वो महत्व नहीं मिलता, जो बाकी राज्यों में मिलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मुस्लिमों से घृणा करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद भाजपा ने उनके खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी हमेशा पाकिस्तान को भी धमकी देते हैं, क्योंकि वो एक मुस्लिम मुल्क है।

मशकूर अहमद उस्मानी

मशकूर अहमद उस्मानी दरभंगा से ताल्लुक रखने वाले कॉन्ग्रेस के नेता हैं, जो 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम युनिवेर्सिटी (AMU) छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। कॉन्ग्रेस ने 2020 विधानसभा चुनाव में दरभंगा की जाले विधानसभा सीट से मशकूर अहमद उस्मानी को टिकट दिया था, लेकिन भाजपा के जीबेश कुमार ने उन्हें हरा दिया। CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन में उनका भी हाथ था। 2018 में उन्होंने पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी से मुलाकात कर उन्हें AMU में आमंत्रित किया था।

2018 में उनके कार्यकाल के दौरान ही AMU छात्रसंघ के कार्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद हुआ था। 2019 में देश विरोधी नारों के कारण उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ। 2020 में सफूरा जरगर की गिरफ़्तारी के बाद UAPA की आलोचना करने के कारण उनका आधिकारिक ट्विटर हैंडल निलंबित कर दिया गया था। जिन्ना समर्थक होने के आरोपों पर उन्होंने कहा था कि वो गाँधी का अनुसरण करते हैं।

सलमान निजामी

सलमान निजामी भी कॉन्ग्रेस के नेता हैं, जो पार्टी के लिए डिबेट में हिस्सा लेते हैं और मीडिया में कॉलम भी लिखते हैं। ये भी खुद को गाँधीवादी कहते हैं। राजनीति में आने से पहले लगभग एक दशक तक वो मीडिया में ही सक्रिय थे। उन्होंने पीएम मोदी के माता-पिता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। दिसंबर 2017 में गुजरात चुनाव की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बयान का जवाब दिया था।

पीएम ने कहा था, “कॉन्ग्रेस के युवा नेता सलमान निजामी ने ट्विटर पर मुझे लिखा कि बताओ तुम्हारी माँ कौन है, तुम्हारे पिता कौन हैं? ऐसी भाषा तो दुश्मन के लिए भी इस्तेमाल नहीं की जाती। सलमान ने गुजरात में कॉन्ग्रेस के लिए प्रचार भी किया है।” तब कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने उन्हें पहचानने से भी इनकार कर दिया था और कहा था कि वो पार्टी में किसी भी पद पर नहीं हैं। सलमान निजामी जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पति-बेटा दोनों को इस्लामी भीड़ ने मार डाला, थम नहीं रहे बुजुर्ग महिला के आँसू: गोदी में बच्चा लेकर सड़क पर महिलाएँ, BSF को...

सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता की तुष्टिकरण नीतियों की वजह से हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए NIA जाँच की माँग की।

NIA मुख्यालय में ही पाँच वक़्त की नमाज़ पढ़ता है तहव्वुर राणा, क़ुरान की डिमांड भी की गई पूरी: अधिकारी बोले – मजहबी व्यक्ति...

अदालत ने आदेश दिया था कि राणा को हर दूसरे दिन दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) द्वारा नियुक्त वकील से मिलने की अनुमति दी जाएगी।
- विज्ञापन -