Saturday, November 16, 2024
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1 पाइप के सहारे चल रही है उत्तरकाशी की सुरंग में 40 जिंदगी, अब 3 फीट व्यास वाले पाइप से मजदूरों को बाहर निकालने का प्लान

पहले मलबा हटाकर इन्हें निकालने का प्रयास किया गया था लेकिन बराबर नया मलबा आने के कारण विशेषज्ञों को दूसरी योजना बनानी पड़ी। इसके पश्चात मलबे के किनारे से एक पाइप डालकर मजदूरों तक पहुँचने की योजना बनाई गई।

उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के भीतर फँसे 40 मजदूरों को अब लगभग 3 फीट व्यास वाले पाइपों से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। घटनास्थल पर पाइप पहुँचाए जा चुके हैं। उन्हें मलबे के बीच से मजदूरों तक पहुँचाया जाएगा।

यह मजदूर 12 नवम्बर को सुबह 5:30 बजे इस सुरंग में अचानक मलबा आने से फँस गए थे। तब से ही NDRF, SDRF, राज्य पुलिस समेत तमाम एजेंसियाँ इनके रेस्क्यू में लगी हुई हैं। सभी मजदूर अभी सुरक्षित हैं और रेस्क्यू टीम से बात कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, पहले मलबा हटाकर इन्हें निकालने का प्रयास किया गया था लेकिन बराबर नया मलबा आने के कारण विशेषज्ञों को दूसरी योजना बनानी पड़ी। इसके पश्चात मलबे के किनारे से एक पाइप डालकर मजदूरों तक पहुँचने की योजना बनाई गई। अगर टीम पहले मलबा हटाने में सफल हो जाती और नया मलबा ना आता तो इन्हें कल निकाल लिया गया होता।

इसी के लिए सुरंग के बाहर 900 मिलीमीटर व्यास वाले पाइप लाए गए हैं और उन्हें मशीनों के जरिए अब मलबे के बीच से गुजारा जाएगा। इस बीच मजदूरों को खाना, पानी, ऑक्सीजन और दवाइयों की सप्लाई एक अन्य पाइप के माध्यम से हो रही है।

मौके पर मौजूद NDRF के कमान्डेंट मणिकांत मिश्रा ने मजदूरों से वॉकीटॉकी के माध्यम से बात की है। उन्होंने मजदूरों को भरोसा दिलाया है कि वह उन्हें जल्द ही निकाल लेंगे। मौके पर राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों समेत उत्तरकाशी प्रशासन मौजूद है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उनसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बात की है। एक टीम भी इस समय उत्तरकाशी सुरंग हादसे की जाँच के लिए गठित की गई है जो कि घटनास्थल पर पहुँच कर जायजा ले रही है। टीम ने उस पहाड़ी का भी दौरा किया है जिसके अंदर से होकर यह सुरंग गुजर रही है।

घटनास्थल पर मलबा काटने वाली मशीन लगाई गई है, इसको स्थापित करने के लिए पहले पूजा भी की गई

यहीं पर बाहर एक अस्थायी अस्पताल भी स्थापित किया गया है। फँसने वाले मजदूरों में उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार के मजदूर शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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