Friday, October 11, 2024
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कोरोना संक्रमित माँ 6 घंटे बेड का इंतजार कर मर गई, 8 दिन से गायब दादी का शव अस्पताल के टॉयलेट में मिला

बुजुर्ग महिला 2 जून से लापता थी। लेकिन अस्पताल ने उनके परिजनों से कहा कि वह वहाँ से जा चुकी हैं। इसके बाद पूरे 8 दिन दिन तक अस्पताल का कोई सफाई कर्मचारी शौचालय को साफ करने नहीं गया।

महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण से देश का सर्वाधिक प्रभावित राज्य है। यहॉं के एक सरकारी अस्पताल की लापरवाही के कारण एक परिवार के दो लोगों की मौत 9 दिन के भीतर हो गई। मामला जलगाँव सिविल अस्पताल का है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हर्षल नेहेते (Nehete) ने बताया कि उनकी माँ टीना (60) और दादी मालती (82), दोनों कोरोना संक्रमित थीं। उनकी माँ ने अस्पताल में 6 घंटे तक आईसीयू बेड का इंतजार किया। बाद में उनकी मौत गई।

इसी प्रकार बुधवार को 8 दिनों से गायब उनकी दादी का शव अस्पताल के एक शौचालय से बरामद हुआ। हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से बताया गया है कि शव वार्ड नंबर 7 के टॉयलेट से मिला।

रिपोर्ट के मुताबिक बुजुर्ग महिला 2 जून से लापता थी। लेकिन अस्पताल ने उनके परिजनों से कहा कि वह वहाँ से जा चुकी हैं। इसके बाद पूरे 8 दिन दिन तक अस्पताल का कोई सफाई कर्मचारी शौचालय को साफ करने नहीं गया।

प्रशासन ने शव मिलने पर बताया, शौचालय का दरवाजा अंदर से बंद था और बदबू आने के बाद इसे तोड़ा गया। महिला का शव मिलने के बाद बुधवार रात अस्पताल के डीन डॉ. बीएस खैर समेत अस्पताल के पाँच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। मामले में जाँच के आदेश भी दिए गए हैं।

कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मूल रूप से भुसावल की रहने वाली वृद्ध महिला को 1 जून की शाम सात बजे जलगाँव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 2 जून की रात महिला अचानक गायब हो गईं। हॉस्पिटल ने उनकी तलाश शुरू की। परिवार के लोगों से पूछताछ हुई, लेकिन अगले दिन वह अपने आप हॉस्पिटल में लौट आई। वह सारी रात कहाँ थीं इस बारे में कुछ पता नहीं चला। 

फिर, 5 जून को मालती दोबारा लापता हो गईं। जब परिजनों से संबंध में पूछा गया तो उन्हें भी इस बारे में कुछ नहीं मालूम था। महिला के काफी टाइम न मिलने पर उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दी गई। लेकिन अस्पताल को चेक नहीं किया गया।

बुधवार सुबह जब हॉस्पिटल की इंचार्ज डॉ. किरण पाटिल नियमित दौरे के लिए वार्ड नंबर 7 में गईं। तब, उन्होंने नर्सों और सफाई कर्मचारियों से शौचालय के पास से आती बदबू के बारे में पूछा। शौचालय की कुंडी अंदर से बंद होने के कारण गेट को तोड़ा गया, तो वृद्धा का शव शौचालय में पड़ा मिला।

शव की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुँची और उसे अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम में यह बात सामने आई कि महिला की मौत 5 दिन पहले हुई थी। 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्थानीय पुलिस ने इस मामले में बताया कि उन्हें महिला के गुमशुदगी की रिपोर्ट 6 जून को मिली थी। अब वह इस मामले में आगे की जाँच कर रहे हैं।

जिलाधिकारी अविनाश डांगे ने भी कहा कि यह अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। अस्पताल के बाथरूम को हर दिन साफ किया जाता है। ऐसे में किसी की भी नजर पिछले 8 दिनों से बुजुर्ग पर नहीं पड़ी। जिलाधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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