मध्य प्रदेश के दमोह में एक ईसाई मिशनरी अस्पताल में लोगों की मौत के बाद बवाल मचा हुआ है। इसमें फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों का ऑपरेशन करने वाले एन जॉन कैम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की डिग्रियाँ फर्जी पाई गई हैं। वहीं, इस अस्पताल को संचालित करने वाले पादरी अजय लाल पर दर्ज धर्मांतरण मामले की सुप्रमी कोर्ट में पैरवी कॉन्ग्रेस नेता विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल ने की थी। पादरी अजय लाल विदेश भाग चुका है।
दरअसल, ईसाई मिशनरी अस्पताल में जनवरी-फरवरी 2025 में हार्ट सर्जरी के बाद 7 मरीजों की मौत हो गई थी। मामले की जाँच हुई तो ‘फर्जी’ यूके रिटर्न हार्ट स्पेशलिस्ट नरेन्द्र यादव का नाम आया। उस पर पिछले डेढ़ महीने में 15 हार्ट सर्जरी करने का आरोप लगा है। उसकी सारी डिग्रियाँ फर्जी मिली हैं। बड़े-बड़े अस्पतालों में काम करने का दावा करने वाला नरेंद्र खुद को डॉक्टर एन जॉन कैम बताता था।
At least 7 people have died after heart surgeries at a missionary hospital run by Pastor Ajai Lall under the banner of Central India Christian Mission https://t.co/ajBWmMHRiz
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) April 7, 2025
घटना के खुलासे के बाद मध्य प्रदेश में हंगामा मच गया है, विपक्षी कॉन्ग्रेस पार्टी ने सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। हालाँकि, इस मामले की जाँच में कई खुलासे हुए हैं। नकली नाम, नकली रजिस्ट्रेशन नंबर और नकली डिग्रियों के सहारे नरेंद्र यादव पिछले 18 सालों से डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहा था।
फर्जी मेडिकल की डिग्री और नकली रजिस्ट्रेशन नंबर
नरेन्द्र यादव के पास कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की डिग्री है। उसकी दूसरी डिग्री नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी यानी एमबीबीएस की है। एमबीबीएस रजिस्ट्रेशन एक महिला डॉक्टर के नाम पर है। तीसरी डिग्री पांडिचेरी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की है। ये तीनों डिग्रियाँ फर्जी हैं।
एनडीटीवी के अनुसार, उसकी आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल का रिकॉर्ड भी संदिग्ध है। दमोह की एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक, “जो डिग्री पेश की गई है वो नकली लग रही हैं। ऐसा लग रहा है कि इसे मॉर्फ किया गया है। आरोपित का मोबाइल, टैब, ईमेल आदि सभी की जाँच की जा रही हैं। ये भी पता लगाया जा रहा है कि उसने अब तक कहाँ-कहाँ काम किया और क्या-क्या सीखा है।”
फर्जी डॉक्टर का कॉन्ग्रेस नेता से संबंध
फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव को काम पर रखने वाले पादरी अजय लाल का प्रतिनिधित्व 2023 में सुप्रीम कोर्ट में कॉन्ग्रेस नेता विवेक तन्खा ने प्रतिनिधित्व किया। विवेक तन्खा इस समय कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। विवेक तन्खा के अलावा, कॉन्ग्रेस से जुड़े रहे कपिल सिब्बल ने भी पादरी की पैरवी की थी। वे जनवरी 2024 तक पादरी अजय लाल की पैरवी कर रहे थे।
अजय लाल फिलहाल भारत से बाहर हैं। कॉन्ग्रेस के एक अन्य नेता अजय सिंह के साथ साथ भी उसकी तस्वीरें सामने आई हैं। दरअसल, नवंबर 2022 में पादरी अजय लाल पर एक दलित दंपति और उसके परिवार को जबरन ईसाई बनाने का आरोप लगा था। दलित पीड़ितों ने बताया कि चर्च के अधिकारियों ने उन्हें धमकाया और धर्म परिवर्तन के समय पहले दिए गए धन से चार गुना अधिक धन की माँग की थी।
So, a Farzi Doctor pulls off a surgery at Mission Hospital — the same hospital whose director, Ajay Lal, has previously faced accusations of religious conversions and has even been booked.
— Bhavesh Lodha (@bhav2406) April 8, 2025
Now guess who shows up in the Supreme Court to play knight in shining armor for Mr. Lal?… https://t.co/07NnVFWONU pic.twitter.com/MuN1XFR1zi
पीड़ित ने कहा, “शुरू में उन्होंने हमें जबरन धर्म परिवर्तन करवाया और 1,20,000 रुपए दिए। उन्होंने हमें चर्च सेवा में शामिल होने और हिंदू धर्म का पालन करना बंद करने के लिए भी कहा। हमने शुरू में चर्च सत्र में भाग लिया, लेकिन बाद में हम नहीं जा सके। इसलिए उन्होंने हमें धमकाना शुरू कर दिया कि अगर हम ईसाई धर्म का पालन करने में विफल रहे, तो वे दी गई राशि को चार गुना ब्याज के साथ वसूल करेंगे।”
उस समय NCPCR के तत्कालीन अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने अजय लाल द्वारा संचालित ‘मिड इंडिया क्रिश्चियन सोसाइटी’ नामक ईसाई संगठन के 10 सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कानूनगो ने कहा था कि सोसाइटी के बाल गृह में रहने वाले कई हिंदू नाबालिग छात्रों को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। मिशनरी अधिकारियों ने उन्हें भविष्य में पादरी बनाने का लालच दिया था।
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष की कर सर्जरी, हो गई थी मौत
फर्जी डॉक्टर नरेन्द्र यादव ने दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच मिशन अस्पताल में 15 हार्ट सर्जरी की है। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि साल 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की हार्ट सर्जरी करने का आरोप भी इसी फर्जी डॉक्टर पर लगा था। सर्जरी के बाद राजेंद्र शुक्ला की मौत हो गई थी।
Bishop Ajai Lall Gang converted Dalit couple to Christianity in exchange of Rs 20,000, when they stopped worshipping Jesus; gang sought 4 times money back, complained to police but they didn't act; When @CollectorDamoh @SP_DAMOHMP are compromised what HM @drnarottammisra can do? pic.twitter.com/jiX8xmc8NU
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) November 18, 2022
यह ऑपरेशन बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में किया गया था। यह बात सामने आई है कि छत्तीसगढ़ में नरेंद्र यादव के ऑपरेशन करने के बाद 8 मरीजों की मौत हुई थी। तब भी जाँच हुई थी और एमबीबीएस की डिग्री पर शक जताया गया था, लेकिन एक्शन नहीं हुआ था। इन 18 सालों में उसने न जाने कितने मरीजों को मौत दे दी और परिजनों को बेपनाह दर्द।
बाउंसर, सूटकेस के साथ आता था अस्पताल
फर्जी डॉक्टर नरेन्द्र यादव मिशन अस्पताल में एक बाउंसर के साथ आता था, जो हमेशा सूटकेस लेकर चलता था। अस्पताल के मुताबिक, इस सूटकेस में पोर्टेबल ईको मशीन भी थी, जो अस्पताल की थी। अब ये मशीन गायब है। इसी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है।
फर्जी डॉक्टर नरेश विक्रमादित्य यादव की गिरफ्तारी के बाद पेशी के दौरान गुस्साए लोगों ने पीटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया। कोर्ट ने उसे 5 दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया है। पुलिस उससे ‘सारा सच’ जानने की कोशिश कर रही है।