उत्तर प्रदेश पुलिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को बताया है कि उसने फर्जी खबरें फैलाने वाले तथाकथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर पर भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुँचाने के लिए मामला दर्ज किया है। यह जानकारी जुबैर के मामले की जाँच कर रहे यूपी पुलिस के अफसर ने दी है।
यूपी पुलिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को दिए गए एक हलफनामे में बताया है कि उसने भारतीय न्याय संहिता की अलग-अलग धाराओं में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह धाराएँ समुदायों में वैमनस्य बढ़ाने, सबूत के साथ छेड़छाड़ और मानहानि समेत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने से सम्बन्धित हैं। उस पर आईटी एक्ट की धाराएँ भी जोड़ दी गई हैं।
यह हलफनामा देने का आदेश हाई कोर्ट ने 25 नवम्बर, 2024 को हुई पिछली सुनवाई को दिया था। पुलिस ने बुधवार (27 नवम्बर, 2024) को यह हलफनामा कोर्ट को सौंपा है। मोहम्मद जुबैर इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुँचा है।
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ यह FIR उदिता त्यागी ने दर्ज करवाई है। जुबैर पेर आरोप है कि उसने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का एक पुराना वीडियो साझा किया और मुस्लिम भीड़ को भड़काया। इस वीडियो में कथित तौर पर यति नरसिंहानंद ने इस्लाम के पैगम्बर मोहम्मद का अपमान किया था।
इस वीडियो को डाले जाने के बाद मुस्लिम भीड़ डासना मंदिर के बाहर इकट्ठा हुई और बवाल काटा। देश के बाकी कई हिस्सों में भी मुस्लिमों ने खूब हंगामा किया। कई जगह पर ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए। इन हमलों में कई पुलिसवाले भी घायल हुए थे।
भाई अगर @UPGovt के वकीलों ने ठीक से अपना पक्ष रखा तो इसे इस बार इसे कोई नहीं बचा सकता
— डॉ उदिता त्यागी (@druditatyagi) November 27, 2024
बाक़ी मैं पूरी ताक़त से इस डिजिटल जिह!दी के ख़िलाफ़ हर क़ीमत पर लड़ूँगी
अब ये जिह!दी जहां भी जिस भी कोर्ट में जाएगा वहीं इसको करारा जवाब मिलेगा मैं इसके पीछे जाऊँगी
बाक़ी @myogiadityanath… https://t.co/8vXfBPhIQ0
उदिता त्यागी ने इस मामले में मोहम्मद जुबैर पर कार्रवाई की माँग की है। उदिता त्यागी यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। उदिता त्यागी ने इस मामले पर कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश के सरकारी वकीलों ने सही पक्ष रखा तो मोहम्मद जुबैर को जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा।