Wednesday, May 14, 2025
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अमरावती से हरिद्वार तक ‘सिर तन से जुदा’ गैंग का उपद्रव, कहीं पुलिस पर हमला-कहीं भगवाधारी का फूँका पुतला: बोले बीजेपी MLA- डासना मंदिर पर हमला करने वालों का एनकाउंटर हो

मज़हबी उन्माद की लम्बी श्रृंखला की चपेट में उत्तराखंड का हरिद्वार भी आया। यहाँ दिन में यति नरसिंहानंद पर एक्शन की माँग की आड़ में जुटी मुस्लिम भीड़ ने भगवा वस्त्र का पुतला बनाया और इस पुतले को आग के हवाले करद दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। इसी के साथ रात में एक अन्य मुस्लिम भीड़ ने चौराहे पर जुटकर नारेबाजी की।

डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानन्द को गुस्ताख़ करार देते हुए मुस्लिम भीड़ ने शुक्रवार (4 अक्टूबर 2024) को देश के कई हिस्सों में हिंसा की। इसमें UP के बुलंदशहर और गाजियाबाद, महाराष्ट्र का अमरावती और उत्तराखंड का हरिद्वार शामिल हैं। अमरावती में भीड़ द्वारा थाने पर किए गए हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। कई सरकारी वाहनों को तोड़ डाला गया है।

अमरवती में कई पुलिसकर्मी घायल

जुमे की नमाज़ के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों में सबसे अधिक प्रभावित महाराष्ट्र का अमरावती रहा। यहाँ के नागपुरी गेट पुलिस स्टेशन पर शुक्रवार रात लगभग 8:30 पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग पहुँचे। इन्होंने यति नरसिंहानंद के खिलाफ शिकायती पत्र देकर केस दर्ज करने की माँग शुरू कर दी। पुलिस ने इस शिकायत पर FIR दर्ज कर ली।

अभी पुलिस जरूरी कार्रवाई कर ही रही थी कि हजारों की तादाद में पहुँची मुस्लिम भीड़ ने थाने को घेर लिया और उन्मादी नारे लगाने लगी। पुलिसकर्मी भीड़ को समझाने की कोशिश ही कर रहे थे कि अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पथराव के चलते कुल 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात काबू करने के लिए अतिरिक्त फ़ोर्स को बुलाया गया।

फोर्स के आने तक हमलावर भीड़ ने पुलिस के 10 वाहनों को तोड़ डाला। बाद में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया। इस मामले में पुलिस ने 1200 उपद्रवियों पर केस दर्ज कर लिया है। कुछ हमलावरों को भी चिन्हित किया गया है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299, 302 और 197 के तहत कार्रवाई की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CCTV फुटेज और अन्य माध्यमों से हमलावरों की पहचान की जा रही है। अब तक 26 हमलावरों को चिन्हित कर लिया गया है। इलाके में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू कर दी गई है। इसके तहत 5 या उससे अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है।

हरिद्वार में अल्लाह हु अकबर के नारे

मज़हबी उन्माद की लम्बी श्रृंखला की चपेट में उत्तराखंड का हरिद्वार भी आया। यहाँ दिन में यति नरसिंहानंद पर एक्शन की माँग की आड़ में जुटी मुस्लिम भीड़ ने भगवा वस्त्र का पुतला बनाया और इस पुतले को आग के हवाले करद दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई। इसी के साथ रात में एक अन्य मुस्लिम भीड़ ने चौराहे पर जुटकर नारेबाजी की।

इस नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि मुस्लिम भीड़ ‘अल्लाह हु अकबर’ जैसे भड़काऊ नारे के साथ-साथ ‘सिर तन से जुदा’ के नारे भी लगा रही है। यह नारेबाजी पुलिस के सामने ही की गई है। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसकर्मी भीड़ की ओर से लौटते दिख रहे हैं।

सहारनपुर में भी पुलिस चौकी पर हमले का प्रयास

गुस्ताखी की आड़ में हो रहे सिलसिलेवार उपद्रवों की लिस्ट में अब उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का नाम भी जुड़ गया है। यहाँ के कोतवाली देहात क्षेत्र में शेखपुर कदीम पुलिस चौकी पर 6 अक्टूबर (रविवार) को एक मुस्लिम भीड़ यति नरसिंहानंद के खिलाफ ज्ञापन देने पहुँची थी। पुलिस इस ज्ञापन पर कार्रवाई कर ही रही थी कि अचानक भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने हिंसा करनी शुरू कर दी। भीड़ द्वारा नारेबाजी की गई और पुलिस चौकी पर उपद्रव का प्रयास हुआ।

भीड़ की हिंसा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने फ़ौरन ही बल प्रयोग कर के हिंसक हो चुकी भीड़ को तितर-बितर किया। सहारनपुर जिले के पुलिस अधीक्षक नगर ने बताया कि केस दर्ज कर के जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। कुछ हमलावरों को चिन्हित भी कर लिया गया है जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। फ़िलहाल मौके पर हालात सामान्य बताए जा रहे हैं।

मंदिर पर हमला करने वालों का एनकाउंटर हो

उधर, गाजियाबाद में डासना मंदिर पर उन्मादी भीड़ के हमले के बाद आसपास के लोगों में आक्रोश पनप रहा है। शनिवार (5 अक्टूबर) को लोनी से भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर मंदिर पहुँचे। उन्होंने हमलावरों का एनकाउंटर करने की माँग की। भाजपा MLA ने कहा कि बेहतर होता कि हमले के दौरान पुलिस लाठीचार्ज के बजाय गोलियाँ बरसातीं।

नंद किशोर के मुताबिक, नरसिंहानंद का बयान दुनिया भर में में हो रहे हिन्दुओं के साथ इस्लामी अत्याचारों की वजह से आया है। मंदिर घेरने को उन्होंने सनातन और हिन्दुओं की आस्था पर हमला बताया। विधायक का दावा है कि हमले में अधिकतर लोग बाहरी थे। नंदकिशोर ने कहा, “यहाँ का मुसलमान तो भगवान राम को मानने वाला है। ये बेचारे को बलत्कार से बचने के लिए मुस्लिम बन गए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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