Monday, July 7, 2025
Homeदेश-समाजगिरफ़्तारी के बाद डिलीट हुए मोहम्मद जुबैर के 101 ट्वीट्स, कौन कर रहा सबूतों...

गिरफ़्तारी के बाद डिलीट हुए मोहम्मद जुबैर के 101 ट्वीट्स, कौन कर रहा सबूतों से छेड़छाड़? AltNews को 24 घंटे में मिला था ₹1 करोड़

ट्विटर हैंडल ने ये भी याद दिलाया कि कैसे 2 महीने पहले ही मोहम्मद जुबैर ने मात्र 24 घंटे में 1 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में जुटा लिए थे। वहीं M2S नामक एक NGO के साथ मिल कर उसने कुल 1.80 करोड़ रुपए जुटा लिए थे।

मोहम्मद जुबैर के बारे में पता चला है कि उसने पिछले 3 दिन में अपने 101 ट्वीट्स डिलीट किए हैं। ट्विटर हैंडल ‘The Hawk Eye’ ने ये बड़ा दावा किया है। इससे पहले 20 जून, 2022 को भी AltNews के सह-संस्थापक ने 28 ट्वीट्स डिलीट किए थे। ट्विटर हैंडल ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए पूछा है कि पुलिस रिमांड के तहत उसके पास गैजेट्स का एक्सेस नहीं है, इसके बावजूद ये कैसे संभव है? ये सब कौन कर रहा? इसे सबूत के साथ छेड़छाड़ का स्पष्ट मामला बताया जा रहा है।

ट्विटर हैंडल ने ये भी याद दिलाया कि कैसे 2 महीने पहले ही मोहम्मद जुबैर ने मात्र 24 घंटे में 1 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में जुटा लिए थे। वहीं M2S नामक एक NGO के साथ मिल कर उसने कुल 1.80 करोड़ रुपए जुटा लिए थे। उसने दावा किया कि इसमें से 26% फंडिंग विदेश से आई थी। इसमें FCRA के उल्लंघन की बात भी कही जा रही है। क्या मोहम्मद जुबैर ने इसमें से अपने व्यक्तिगत खर्च के लिए भी रुपए निकाले थे?

उधर कुछ प्रोपेगंडा पत्रकार UN में भी मोहम्मद जुबैर की गिरफ़्तारी को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। ऐसे ही एक सवाल के जवाब में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि पत्रकारों को वो क्या लिखते हैं और कहते हैं, इसके लिए जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। जुबैर के खाते से 50 लाख के संदिग्ध लेनदेन पर पुलिस की भी नजर है। उन पैसों का कोई स्रोत पता नहीं चला है। उसके साथ प्रतीक सिन्हा का कहना है कि AltNews को मिला सारा पैसा संगठन के बैंक खाते में जाता है, व्यक्तिगत नहीं।

उधर ये भी बताया जा रहा है कि ‘हनुमान भक्त’ नाम के जिस ट्विटर हैंडल की शिकायत पर मोहम्मद जुबैर की गिरफ़्तारी हुई, वो अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं है। वामपंथी मीडिया द्वारा लगातार उस ट्विटर हैंडल को निशाना बनाया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि जुबैर किसी एक समुदाय को नाराज करने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहा था। वह एक समुदाय को दूसरे से लड़ाकर लोकप्रियता हासिल करना चाहता था। वह पूछताछ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सहयोग भी नहीं कर रहा है। जुबैर ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में केवल गुमराह करने वाले जवाब ही दिए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मजहब नहीं, भारत में ममदानी की ‘मूर्खता’ पर हो रही बात: लिबरल एजेंडे के लिए देश को बदनाम करना बंद करो निधि राजदान, मीरा...

निधि राजदान के दावों के उलट, भारत में आलोचना के समय ममदानी के विचारों और बयानों को ही आधार बनाया गया है ना कि उसके मजहब को।

मुहर्रम जुलूस को भाइयों के साथ देख रहे थे अजय यादव, तलवार से काट कर मार डाला: BJP बोली- तेजस्वी यादव ने लगवाए ‘शहाबुद्दीन...

बिहार के मोतिहारी में मुहर्रम जुलूस में विवाद के बाद हिंदू युवक पर तलवार से सिर पर वार कर हत्या कर दी। मृतक युवक की पहचान 22 वर्षीय अजय यादव के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -