Saturday, July 27, 2024
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डिटेंशन सेंटरों में लोग न सेक्स कर पाएँगे, न ही बढ़ा पाएँगे अपनी जनसंख्या: सुशांत सिंह का ‘दर्द-भरा’ विडियो

"इस कानून के तहत मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटरों में रखा जाएगा। वहाँ उनको सेक्स करने का भी अधिकार नहीं होगा, वह अपनी जनससंख्या भी नहीं बढ़ा पाएँगे। यानी कि उनको जेल के कैदियों की तरह रखा जाएगा।"

अभिनेता सुशांत सिंह ने एक विडियो जारी किया है। वही CAA और NRC के बारे में घिसी-पिटी बात करते हुए। इसके विरोध में प्रोपेगेंडा फैलाते हुए। और यह कहते हुए कि वो इसके ख़िलाफ हैं। विडियो में सुशांत सिंह ने CAA, NPR और NRC के विरोध के साथ चिंता भी जाहिर की है। उनकी चिंता बड़ी अजीब है। उनका कहना है कि इस कानून के तहत समुदाय विशेष को डिटेंशन सेंटरों में रखा जाएगा। वहाँ उनको सेक्स करने का भी अधिकार नहीं होगा, वह अपनी जनससंख्या भी नहीं बढ़ा पाएँगे। यानी कि उनको जेल के कैदियों की तरह रखा जाएगा।

सुशांत सिंह ने NRC और NPR पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए इस विडियो के माध्यम से सरकार से कई सवाल भी किए। उन्होंने कहा, “अगर एक मुस्लिम परिवार के सभी सदस्य अवैध प्रवासी पाए जाते हैं, तो क्या उन्हें एक साथ हिरासत केंद्रों में रखा जाएगा? उनको डिटेंशन सेंटरों में रखा जाएगा, क्योंकि वह मुस्लिम हैं। अब सवाल खड़ा होता है कि क्या उस परिवार को जनसंख्या बढ़ाने का अधिकार होगा? यह सवाल इसलिए उठता है कि डिटेंशन सेंटरों में स्थान सीमित हैं। ज़ाहिर है कि आप वहाँ आबादी नहीं बढ़ा सकते।”

सुशांत सिंह ने CAA, NRC और NPR के बारे में अपनी आशंकाओं को जारी रखा और आधे-अधूरे झूठ के साथ वीडियो के माध्यम से अपनी बात रखते गए। इतना ही नहीं, सुशांत ने अमित शाह और पीएम मोदी के द्वारा दिए गए बयान को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि NRC पूरे देश में लागू नहीं की जाएगी। सुशांत ने दावा किया कि NRC न केवल मुस्लिमों को बदनाम करेगा, बल्कि यह देश के हिंदुओं को भी प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि जो गैर-मुस्लिम अपनी नागरिकता साबित करने में विफल होंगे, उनके पास अभी भी CAA के माध्यम से भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करने का मौक़ा होगा, लेकिन आश्चर्य की बात यह कि यह मौक़ा मुस्लिमों के पास नहीं होगा।

सुशांत सिंह ने कहा कि जो लोग अपनी भारतीय नागरिकता को साबित नहीं कर पाएँगे, उनको भारत की नागरिकता के लिए CAA के माध्यम से आवेदन करना होगा। फिर इसके बाद उनको यह भी स्वीकार करना होगा कि वे भारतीय नहीं हैं और पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान से आए हैं।

सुशांत सिंह ने सवाल किया, “आपके इतिहास के बारे में क्या? चूँकि आपने पहले ही स्वीकार कर लिया है कि आप भारतीय नहीं हैं, तो क्या आपकी नौकरी वैध मानी जाएगी? क्या आपकी शादी को कानूनी माना जाएगा? आपके बच्चों की नागरिकता की स्थिति क्या होगी? ”

सुशांत ने NPR के खिलाफ भी बात की। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह NRC को लागू करने की दिशा में पहला कदम है। बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, “NRC और NPR पर लोगों को बहुत भ्रम की स्थिति है। सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि NRC को लागू किया जाएगा, लेकिन गृह मंत्री ने अपनी कई रैलियों में घोषणा की थी कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।”

सुशांत ने आख़िर में केंद्र सरकार को निशाने पर रखकर कहा कि लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा करने से बेहतर है कि सरकार के सभी मंत्री आपस में बैठकर एक राय बना लें कि हमें लोगों के बीच क्या बोलना है। मतलब इसे लागू करना है या नहीं और लागू करना है तो इसकी एक लिस्ट जारी करें कि इसके लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ताकि हम उसकी तैयारी में जुट जाएँ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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