Tuesday, June 24, 2025
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‘तू मुसलमान नहीं, काफिर है’: संभल में पत्थरबाजी का बीवी ने किया विरोध तो शौहर ने मारपीट कर दिया तीन तलाक, पुलिस की तारीफ पर भड़का

पुलिस की तारीफ सुनते ही एजाजुल आग-बबूला हो गया और उसे मुसलमानों की दुश्मन कहते हुए तीन तलाक दे दिया। निदा ने आरोप लगाया कि एजाजुल ने उसे काफिर भी कहा और वीडियो देखने पर आपत्ति जताई।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। महिला निदा जावेद को उसके शौहर एजाजुल आबेदीन ने तीन तलाक इसलिए दे दिया क्योंकि उसने संभल में हुई हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया। शौहर ने महिला को ‘काफिर’, ‘मुसलमानों की दुश्मन’ कहते हुए घर से निकाल दिया।

निकाह के बाद से ही खफा रहता था आरोपित

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता निदा जावेद ने बताया कि 2012 में उसका पहला निकाह हुआ था, जिससे तीन बच्चे हैं। 2021 में तलाक होने के बाद पड़ोस में रहने वाले एजाजुल आबेदीन से उसका रिश्ता जुड़ा। एजाजुल ने शादी का झांसा देकर गुरुग्राम बुलाया और उसके साथ रहना शुरू कर दिया। दबाव बढ़ने पर और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उसने निकाह किया। निकाह के बाद से ही एजाजुल उसे दहेज के लिए परेशान करने लगा। निदा ने बताया कि उसका शौहर अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़ता था, लेकिन जब उसने संभल हिंसा में पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया तो मामला बिगड़ गया।

पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया, तो दिया तीन तलाक

महिला ने बताया कि एक दिन घर में संभल हिंसा को लेकर बात हो रही थी। निदा ने कहा कि पुलिस ने पत्थरबाजों पर लाठी चलाकर सही किया। यह सुनते ही एजाजुल आग-बबूला हो गया और उसे मुसलमानों की दुश्मन कहते हुए तीन तलाक दे दिया। निदा ने आरोप लगाया कि एजाजुल ने उसे काफिर भी कहा और वीडियो देखने पर आपत्ति जताई। निदा के अनुसार, उसके जेठ ने भी उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की थी, जिसे लेकर वह पहले ही शिकायत दर्ज करा चुकी है।

पीड़िता ने एसएसपी कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। एसएसपी सतपाल अंतिल ने कहा कि महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं और मामले की जाँच जारी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पीड़ित महिला के अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार है। चाहे वह किसी की आलोचना हो या समर्थन। अगर इस आधार पर किसी महिला को प्रताड़ित किया जाता है, तो यह पूरी तरह से गैर-कानूनी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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