Saturday, October 12, 2024
Homeदेश-समाजरेलवे के 3 कर्मचारियों ने पहले खुद खोली रेल लाइन की फिश प्लेट, फिर...

रेलवे के 3 कर्मचारियों ने पहले खुद खोली रेल लाइन की फिश प्लेट, फिर नाम-इनाम के लिए सूचना भी दी: लेकिन खुल गया भेद, पकड़े गए

पुलिस ने इस मामले में अपनी जाँच में पाया कि ट्रेन पलटने की साजिश इन रेलवे कर्मचारियों ने ही रची थी। इन तीनों रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेन बेपटरी करने की साजिश का नाटक रचने को लिए पटरी से कुछ चाभियाँ और फिशप्लेट हटा दी और फिर इसकी तस्वीरें और वीडियो बनाई।

गुजरात के सूरत में किम रेलवे स्टेशन के पास पटरी से फिशप्लेट और चाभियाँ निकाल कर ट्रेन पलटने की साजिश रचने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह तीनों रेलवे के कर्मचारी हैं। ट्रेन को बेपटरी करने की यह साजिश 21 सितम्बर को फेल की गई थी।

पुलिस ने इस मामले में अपनी जाँच में पाया कि ट्रेन पलटने की साजिश इन रेलवे कर्मचारियों ने ही रची थी। इन तीनों रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेन बेपटरी करने की साजिश का नाटक रचने को लिए पटरी से कुछ चाभियाँ और फिशप्लेट हटा दी और फिर इसकी तस्वीरें और वीडियो बनाई। इसे बड़े अधिकारियों को भेजा गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि यह तीनों मुस्तैद हैं।

घटना वाले दिन रेलवे ने बताया था कि वड़ोदरा डिविजन में यह घटना हुई जब पटरियों पर से किसी ने फिशप्लेट और चाभियाँ हटा दी और पटरी को ऐसे ही छोड़ दिया। यह सभी हिस्से अप लाइन पर से निकाले गए और उन्हें डाउन लाइन पर रख दिया गया। रेलवे ने बताया था कि इस मामले में कोई दुर्घटना नहीं हुई और संचालन कुछ देर बाद सामान्य हो गया।

अब इस मामले में गिरफ्तार तीनों की पहचान ट्रैकमैन सुभाष पोद्दार और मनीष मिस्त्री तथा एक ठेका कर्मचारी शुभम जायसवाल के रूप में हुई है। इस मामले में पुलिस ने यात्रियों की जान को खतरा पहुँचाने और साजिश रचने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इन तीनों के खिलाफ रेलवे एक्ट के अंतर्गत मामला भी दर्ज किया गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सुभाष पोद्दार ने ही अपने अधिकारियों को पटरी पर से फिश प्लेट हटाए जाने के बारे में सूचना दी थी। इसके बाद अधिकारी यहाँ पहुँचे और उन्होंने समय रहते पटरियों की मरम्मत करवाई। इस कारण कई ट्रेनें पटरी से उतरने से बच गईं और जान माल का नुकसान नहीं हुआ।

सूरत ग्रामीण एसपी ने बताया कि 21 सितंबर की रात को किम और कोसांबा रेलवे स्टेशनों के बीच 1.5 किलोमीटर की पटरियों से फिश प्लेटें हटाई हुई पाई गईं थी। बताया गया कि जब सुभाष पोद्दार और उसका साथी पैडलॉक और स्क्रू हटा चुका था, उस समय उस पटरी से 15 ट्रेनें गुजरीं।

ट्रेनों के निकलने के समय यह तीनों छिप जाते थे। इनका मिशन था कि जब सुबह यहाँ से गरीब रथ ट्रेन निकलने वाली हो तब अधिकारियों को घटना के बारे में सूचना दी जाए। यह लोग ट्रेन के इस घटनास्थल पर पहुँचने से कुछ देर पहले अधिकारियों को बताने की साजिश रच कर आए थे। इनका मानना था कि यदि यह बड़ी ट्रेन को पलटने से रोकेंगे तो इन्हें सम्मान मिलेगा।

सम्मान और इनाम के अलावा, इन तीनों को उम्मीद थी कि उन्हें उनकी नाइट शिफ्ट ड्यूटी से हटाकर दिन की शिफ्ट में रखा जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, सुभाष पोद्दार 9 साल से भारतीय रेलवे के साथ काम कर रहा है। सूरत के एसपी हितेश जॉयसर ने कहा: “उनके फोन की जाँच के दौरान, हमें उनके रीसायकल बिन से उन फिशप्लेट और चाभियों के फोटो मिले, यह सुबह 2 बजे से 5 बजे के बीच शूट किए गए थे। लेकिन अलर्ट सुबह 5 बजे के बाद भेजा गया था। जा पूछा गया तो वह साफ जवाब नहीं दे पाए, इसके बाद शक और गहरा हो गया।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कहीं तोड़ी माँ की मूर्ति, कहीं पंडाल में फेंके पेट्रोल बम: भारत से बांग्लादेश तक दुर्गा पूजा में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हिंदू आस्था पर...

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान बमबाजी और मूर्तियों के विखंडन जैसी 35 सांप्रदायिक घटनाएँ हुईं, जिससे हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल बन गया है।

‘मदरसों को न दें सरकारी पैसा, मदरसा बोर्ड भंग करें’ : NCPCR चेयरमैन ने लिखा सभी राज्य के सचिवों को पत्र, कहा- यहाँ नहीं...

प्रियांक कानूनगो ने सिफारिश की है कि प्रदेश सरकारों द्वारा मदरसों को दिए जाने वाले फंड रोक लगे मदरसा बोर्डों को भी बंद किया जाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -