Monday, September 9, 2024
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‘ये निचली जाति के, इनका छुआ खाना मत खाओ… फेंक दो’ – राजस्थान के स्कूल की घटना, मिड-डे मील पर बवाल, रसोइया गिरफ्तार

राजस्थान में जातिगत भेदभाव का शिकार हुई छात्रा डिंपल मेघवाल और नीमा मेघवाल का कहना है, "शुक्रवार को स्कूल के बाद लंच करने वाले बच्चों को बीन्स परोसा गया। लालाराम गुर्जर (रसोइया) दाल परोसे जाने पर क्रोधित हो गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।"

राजस्थान के उदयपुर में एक सरकारी स्कूल में दलित छात्राओं द्वारा मिड-डे मील परोसे जाने पर खाना फेंकने का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी होने के बाद, दलित छात्राओं के साथ भेदभाव किए जाने के आरोप में रसोइए को गिरफ्तार किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला उदयपुर के गोगुंडा तहसील अंतर्गत भरोड़ी गाँव के शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। यहाँ दो छात्राओं- डिंपल मेघवाल और नीमा मेघवाल ने शुक्रवार (2 सितंबर) को स्कूल के रसोइए लालाराम गुर्जर पर भेदभाव करते हुए मध्याह्न भोजन फेंकने का आरोप लगाया।

बताया जा रहा है कि दलित छात्राओं द्वारा मिड डे मील परोसे जाने पर रसोइए लालाराम गुर्जर ने आपत्ति जताते हुए अन्य छात्रों से कहा कि इसे फेंक दो क्योंकि इसे दलित ने परोसा है। इसके बाद, छात्रों ने खाने को फेंक दिया। छात्राओं ने इस घटना के बारे में घर जाकर अपने परिजनों को बताया। इसके बाद छात्राओं सहित उनके परिजन स्कूल पहुँचे और कार्रवाई की माँग की। इसके बाद थाने जाकर शिकायत भी दर्ज करवाई।

स्थानीय मीडिया का रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में भेदभाव का शिकार हुई छात्रा डिंपल मेघवाल और नीमा मेघवाल का कहना है, “शुक्रवार को स्कूल के बाद लंच करने वाले बच्चों को बीन्स परोसा गया। लालाराम गुर्जर (रसोइया) दाल परोसे जाने पर क्रोधित हो गया और हमारे साथ दुर्व्यवहार किया। उसने दूसरी जाति के छात्रों से कहा कि हम लोग निचली जाति के हैं, इसलिए हमारे द्वारा छुआ हुआ खाना मत खाओ, फेंक दो। लालाराम के कहने पर सवर्ण बच्चों ने खाना फेंक दिया। लाल राम ने भीगे हुए आटे और दाल को भी फेंक दिया।”

इस मामले ने स्थानीय पुलिस ने कहा है, “अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गोगुंदा थाने में रसोइए के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच की गई। शुरुआती जाँच में मामला सही पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित की गिरफ्तारी की गई है।”

राजस्थान पुलिस का यह भी कहना है, “रसोइया अपनी पसंद के उच्‍च जाति के छात्रों को खाना परोसने को कहता था। लेकिन, खाना ढंग से नहीं परोसे जाने की श‍िकायत के बाद एक शिक्षक ने शुक्रवार को दलित लड़कियों को खाना परोसने को कहा था।”

भरोड़ी गाँव के शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल ने बताया कि उनके स्कूल में दोस्ताना माहौल है। जाति संबंधी ऊँच-नीच नहीं है और सभी बच्चे एक जगह से पानी पीते हैं, एक ही साथ खाते हैं। प्रिंसिपल ने यह भी स्पष्ट किया कि रसोइए की गलत हरकत की वजह से माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने बातचीत करने और भ्रम दूर करने के लिए संबंधित बच्चों के अभिभावकों को स्कूल भी बुलाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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