Thursday, May 2, 2024
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₹1 लाख की दी मदद, बेटी की शादी का जिम्मा उठाया: वसुंधरा राजे पहुँची कन्हैया लाल हत्या के गवाह के घर, परिजन भावुक होकर बोले- किसी ने तो हाल पूछा

कन्हैया लाल पर हमले के दौरान उन्हें बचाने की कोशिश में बुरी तरह घायल होने वाले ईश्वर सिंह का परिवार आज भी मदद की आस लगाए हुए है। वहीं, हत्यारे रियाज और गौस का 25 किलोमीटर तक पीछा कर पकड़वाने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह की नौकरी जा चुकी है और परिवार गरीबी के कारण बदहाल हो गया है। इन लोगों को अभी भी मदद उम्मीद है।

राजस्थान के उदयपुर में पिछले साल हुई टेलर कन्हैया लाल की हत्या के मुख्य गवाह राजकुमार शर्मा से भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने मुलाकात की। कन्हैया लाल की गला कटते देखने की घटना को याद करके राजकुमार को दो बार ब्रेन हैमरेज हो चुका है। वहीं, आरोपित मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद का 25 किलोमीटर तक पीछा कर पकड़वाने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह को आज तक सुरक्षा नहीं दी गई। अशोक गहलोत की सरकार ने इसका वादा किया था।

वसुंधरा राजे मावली विधायक धर्मनारायण जोशी के साथ शनिवार (1 जुलाई 2023) को राजकुमार के घर जाकर उनकी पत्नी और बेटे से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को 1 लाख रुपए की सहायता दी और उनकी बेटी की शादी का जिम्मा उठाने की बात कही। राजे ने उनकी मदद के लिए जो भी हो पाएगा, वह करेंगी।

राजकुमार की पत्नी ने बताया कि उनकी बेटी 25 साल की हो गई है। साल भर पहले बेटी की शादी होनी थी, लेकिन टल गई। उन्होंने बताया कि उनका परिवार बुरी तरह डरा हुआ है। राजकुमार की पत्नी पुष्पा ने बताया कि बेटे को अच्छे से पढ़ाना चाहती थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति हो गई कि बेटा घर चलाने के लिए 10 से 12 हजार रुपए की नौकरी कर रहा है।

बताते चलें कि राजकुमार शर्मा बिस्तर पर हैं। कन्हैया लाल का गला कटते देखकर उन्हें भारी सदमा लगा है। इसकी वजह से उन्हें दो बार ब्रेन हैमरेज हो चुका है। अक्टूबर 2022 में उनकी ब्रेन का पाँच घंटे तक ऑपरेशन हुआ था। इनके परिवार को पुलिस सुरक्षा मिली हुई है।

कन्हैया लाल को बचाने की कोशिश करने वाले ईश्वर सिंह की सुध लेने वाला कोई नहीं

देर से ही सही राजकुमार शर्मा की सुध लेने के लिए वसुंधरा राजे उनके घर पहुँचीं, लेकिन कन्हैया लाल को बचाने की कोशिश में घायल हुए ईश्वर सिंह की सुध लेने वाला कोई नहीं। उन्हें ना ही किसी तरह सुरक्षा दी गई है और ना ही कोई आर्थिक मदद देने वाला है। उनके परिवार को भी जान का खतरा है। इसके बावजूद सरकार लापरवाह है।

बताते चलें भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर पर दिए गए बयान का समर्थन करने के कारण कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। 28 जून 2022 को दोनों आरोपित कपड़ा सिलवाने के बहाने से दुकान में घुसे थे। एक आरोपित वीडियो बनाता रहा, जबकि दूसरा अपना नाप देने लगा। कन्हैया नाप लेने में व्यस्त हो गए। फिर अचानक से आरोपितों ने उन पर हमला कर दिया। 

इस दौरान दुकान में ईश्वर सिंह और राजकुमार शर्मा भी मौजूद थे। कन्हैया लाल को बचाने में ईश्वर सिंह घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर ईश्वर सिंह ने बताया था कि रियाज नाप देने लगा और गौस वहाँ खड़ा रहा। इस दौरान वो भी अपने साथी राजकुमार के साथ वहाँ मौजूद थे। अचानक चिल्लाने की आवाज आई और उन्होंने मुड़कर देखा तो रियाज कन्हैया लाल पर धारदार हथियार से लगातार हमला कर रहा था। 

ईश्वर सिंह ने बताया कि सके बाद वो कन्हैया लाल को छुड़ाने की कोशिश की तो आरोपितों ने अपने हथियारों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में उनके सिर और बाएँ हाथ पर चोट जख्म हो गया था और वहाँ से खून निकल रहा था। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके सिर में 16 टाँके लगे।

कन्हैया के हत्यारे गौस और रियाज को पकड़ने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद का परिवार बदहाल

कन्हैया लाल की हत्या के गवाह ईश्वर सिंह ही नहीं, बल्कि हत्यारे मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद का 25 किलोमीटर तक पीछा करके पकड़वाने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह का हाल लेने वाला कोई नहीं है। इन दोनों को ना सिर्फ अपनी जान का खतरा है, बल्कि इस केस के कारण नौकरी भी छूट गई और वे बदहाली तक पहुँच गए हैं।

दरअसल, अशोक गहलोत की सराकर ने ईश्वर सिंह के साथ शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह को सुरक्षा देने का वादा किया था, लेकिन ये आज तक नहीं दी गई है। इस मुद्दे को राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ और राजसमंद की भाजपा सांसद दिया कुमारी ने करीब 20 दिन पहले उठाया था।

दोनों नेताओं ने कहा कि कन्हैया लाल के हत्यारों को पकड़ने में शक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह की काफी भूमिका रही। ये लोग पहले गुजरात के सूरत में नौकरी करते थे, लेकिन केस में नाम आने के बाद सुरक्षा कारणों से इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। वहीं, दोनों युवाओं का कहना है कि गाँव के लोग भी उन पर हँसते हैं कि और करो समाज सेवा।

दोनों नेताओं ने कहा कि वादा करने के बाद भी अशोक गहलोत की नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने इन दोनों युवकों को किसी प्रकार की मदद नहीं की। जान का खतरा होने के बावजूद इन्हें सुरक्षा भी नहीं दी गई। सरकार और समाज की मदद करने का परिणाम दोनों युवाओं को गरीबी और बेबसी में अपना और परिवार का जीवन गुजारने के लिए मजबूर होकर करना पड़ रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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