Wednesday, October 16, 2024
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देश के 3 सबसे बड़े डॉक्टर की 35 बातें: कोरोना में Remdesivir रामबाण नहीं, अस्पताल एक विकल्प… एकमात्र नहीं

हर 6 घंटे पर ऑक्सीजन लेवल चेक करें, फिर 6 मिनट तक चलें। इसके बाद फिर से ऑक्सीजन लेवल चेक करें। अगर 94 से कम ऑक्सीजन लेवल रहता है तो अस्पताल से संपर्क करें।

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच आज (अप्रैल 21, 2021) शाम 5 बजे एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया, नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉ देवी शेट्टी, मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहान ने कोरोना के मुद्दे पर एक साथ आकर चर्चा की। कोरोना से जुड़ी समस्याओं पर बात करते हुए इस टीम ने कुछ समाधान और ध्यान रखने वाली बातें बताईं। 

एक्सपर्ट टीम की चर्चा न्यूज एजेंसी एएनआई पर प्रसारित हुई। इस चर्चा के महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं: 

नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉ देवी शेट्टी

– संक्रमण से जुड़ा कोई भी लक्षण दिखने पर टेस्ट सबसे जरूरी, आइसोलेशन आवश्यक।
– पानी पीएँ। मास्क पहनें।
– संक्रमण की रिपोर्ट आने पर अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।
– जरूरत पड़ने पर ब्लड टेस्ट कराएँ।
– किसी भी प्रकार से पैनिक न करें।
– समस्या का समाधान अब संभव है।
– बीमारी के लक्षण न होने पर खुद को घर में आइसोलेट करें।
– ऑक्सीमीटर घर पर अवश्य रखें।
– ऑक्सीजन लेवल हर 6 घंटे में चेक करते रहें।
– 94 प्रतिशत तक ऑक्सीजन लेवल पर घबराए नहीं। इससे ज्यादा ड्रॉप होने पर अस्पताल जाएँ। डॉक्टर से संपर्क करें। सारे निर्देश फॉलो करें।
– सही समय पर सही इलाज बचा सकती है जान।
– संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव आने से पहले न मानें कि आप कोविड पॉजिटिव नहीं हैं।

मेदांता के डॉ नरेश त्रेहान

– डॉक्टर से संपर्क करके सही सलाह लें।
– संक्रमित होने पर यदि घर में जगह है तो खुद को आइसोलेट करें।
– मिड लेवल सिम्पटम होने पर ही अस्पताल जाएँ।
– बहुत कम लोगों को अस्पताल की जरूरत।
– स्वास्थ्य संस्थानों में सबको पर्याप्त केयर देने के लिए जगह नहीं।
– किसी हालत में घबराएँ नहीं।
– बड़ी तादाद में लोग ठीक हुए।
– ऑक्सीजन लेवल न ठीक होने पर ही अस्पताल पहुँचे।
– अस्पतालों के पास पर्याप्त ऑक्सीजन मात्रा है यदि उसे बर्बाद न किया जाए।
– ऑक्सीजन बर्बादी से सिर्फ़ मरीजों को नुकसान होगा।
– रेमडेसिवीर भी रामबाण नहीं है।
– उपकरणों का बहुत उत्पाद हुआ है। घबराने की जरूरत नहीं।

AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉ गुलेरिया

– 85% लोग रिकवर हुए हैं, बिना किसी भारी-भरकम ईलाज के।
– 15% को सिर्फ़ विस्तृत इलाज की जरूरत पड़ी।
– ज्यादातर लोगों को अस्पताल की जरूरत नहीं।
– पैरासिटामॉल से मरीज ठीक हो रहे। रेमडेसिवीर की जरूरत बहुत कम को।
– होम आइसोलेशन और अपने डॉक्टर से बात करना- अस्पताल आने से बेहतर।
– ऑक्सीजन बहुत जरूरी है। फेफड़े संबंधी बीमारी में बहुत ज्यादा। लेकिन जरूरत से अधिक से लेना सिर्फ़ ऑक्सीजन की बर्बादी है।
– ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 पहुँचने पर मॉनिट्रिंग आवश्यक, लेकिन ऑक्सीजन की जरूरत नहीं।
– जरूरतमंद के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध हो, इसलिए बेवजह इस्तेमाल करके इसे बर्बाद न करें।
– वैक्सीन आपको बड़ी बीमारियों से बचाएगी। वायरस आने से नहीं रोकेगी। वायरस आएगा, लेकिन एंटीबॉडीज के कारण असर नहीं दिखा पाएगा।
– वैक्सीन लेने के बाद RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है। इसलिए उस समय भी अपने आस-पास लोगों से दूरी बनाएँ।
– वैक्सीन एक हथियार है महामारी से लड़ने का। कोशिश करें कि संक्रमण की चेन तोड़ें। दो गज की दूरी का पालन करें। भीड़-भाड़ में जानें से बचें। अपना खान-पान अच्छा ख्याल रखें। हर नागरिक को महामारी के हिसाब से व्यवहार करने की आवश्यकता।

बता दें कि देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। 2.95 लाख नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,56,16,130 हो गई है। वहीं 2,023 और मरीजों की मौत हो जाने से मृतकों की गिनती भी 1,82,553 पहुँच गई है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड वैक्सीन को लेकर बताया है कि 95 दिन में 13 करोड़ वैक्सीन डोज देने वाला भारत पहला देश है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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