Saturday, April 20, 2024
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UP में सर्वे के दौरान खुलासा: देवबंद का दारुल उलूम यूपी मदरसा बोर्ड में नहीं है पंजीकृत, सहारनपुर में मिले 360 मदरसे

प्रदेश सरकार द्वारा गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के विरोध में दारुल उलूम देवबंद में यूपी के मदरसों का सम्मेलन हुआ था। इसमें मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि मदरसों का सर्वे कराना सरकार का अधिकार है। मदरसों के अंदर कोई अवैध गतिविधि नहीं होती, इसके बारे में पता करना सरकार की जिम्मेदारी है।

नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश की सीमा पर बढ़ते मस्जिद-मरदसों पर ऑपइंडिया की रिपोर्टिंग की श्रृंखला के बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार (Yogi Adityanath Government) ने मदरसों के सर्वे का आदेश दिया था। इसके तहत यूपी में मदरसों के सर्वे का काम बहुत तेजी से चल रहा है।

सर्वे में अकेले यूपी के सहारनपुर में अब तक 360 मदरसे ऐसे मदरसे मिले हैं, जो सरकार से गैर-अनुदान वाले और गैर-मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से एक भारत के सबसे बड़े मदरसों में शामिल देवबंद का दारुल उलूम मदरसा (Darul Ulum Deoband Madarsa) भी शामिल है।

देवबंद का दारुल उलूम मदरसा लगभग 156 साल पुराना है और यह मदरसा सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकृत है। सर्वे के दौरान यह बात सामने आई है कि दारुल उलूम यूपी मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं है और यह सरकारी सहायता भी नहीं लेता है।

सहारनपुर के सदर तहसील में गैर-सहायता प्राप्त मदरसों की संख्या सबसे अधिक 123 है। वहीं, बेहट तहसील में इनकी संख्या सबसे कम है। हालाँकि, सर्वे का काम अभी भी जारी है और इन मदरसों की संख्या और बढ़ सकती है।

मदरसों के सर्वे का काम 10 सितंबर 2022 से चालू है। सर्वे रिपोर्ट को तैयार कर डीएम अखिलेश सिंह 15 नवंबर तक शासन को भेजेंगे। सर्वे में मदरसों का पाठ्यक्रम, स्थापना वर्ष, संस्थापक, संचालित करने वाली संस्था, छात्रों की संख्या, मदरसे को सरकारी मदद व शिक्षकों की संख्या आदि पर बिन्दुवार रिपोर्ट को तैयार की जा रही है।

डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि दारुल उलूम भी सरकार से मदद नहीं लेता और यह सोसाइटी एक्ट में है पंजीकृत है, लेकिन यह अवैध है ऐसा नहीं कहा जा सकता। जो मदरसे सरकार से सहायता प्राप्त हैं, उनका अल्पसंख्यक विभाग में पंजीकरण आवश्यक है। जो मदरसे सरकार से मदद नहीं ले रहे उनको अवैध तब तक नहीं कह सकते, जब तक कि यह पुष्टि न हो जाए कि उनको प्राप्त मदद का स्रोत उचित नहीं है।

बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के विरोध में दारुल उलूम देवबंद में यूपी के मदरसों का सम्मेलन हुआ था। इसमें मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि मदरसों का सर्वे कराना सरकार का अधिकार है। मदरसों के अंदर कोई अवैध गतिविधि नहीं होती, इसके बारे में पता करना सरकार की जिम्मेदारी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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