Friday, March 28, 2025
Homeदेश-समाजयति नरसिंहानंद की हत्या की साजिश: विपुल नहीं रमजान घुसा था मंदिर में, हिंदू...

यति नरसिंहानंद की हत्या की साजिश: विपुल नहीं रमजान घुसा था मंदिर में, हिंदू धर्म छोड़ कासिफ की बहन से किया था निकाह

नागपुर का विपुल विजयवर्गीय गाजियाबाद में सलीमुद्दीन से उर्दू की तालीम लेता है। मुस्लिम धर्म अपना रमजान बनता है और कासिफ की बहन से निकाह करता है। अब वो नागपुर जाकर मुस्लिम धर्म का प्रचार-प्रसार भी करता है।

गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात गलत नाम बताकर प्रवेश करने वाले दो संदिग्धों विपुल विजयवर्गीय व कासिफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस व खुफिया एजेंसियों को पूछताछ में पता चला कि विपुल और कासिफ जीजा-साला हैं। विपुल ने डेढ़ साल पहले ही कासिफ की बहन आयशा से शादी की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिमांड के दौरान जीजा-साले ने बताया कि मंदिर में जाने के लिए उन्हें सलीमुद्दीन ने उकसाया था। सलीमुद्दीन को ये लोग अपना आका (जो कहेगा, वही करेंगे) मानते हैं, वह विजयनगर सेक्टर-12 का निवासी है। इसके बाद मसूरी पुलिस ने सलीमुद्दीन को शुक्रवार (11 जून 2021) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने विपुल व कासिफ के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है, जिसमें सलीमुद्दीन को षड्यंत्रकारी के तौर पर शामिल किया है।

पूछताछ में यह भी सामने आया है कि विपुल का ससुर और उसका आका सलीमुद्दीन जिसने उसे उर्दू व पैरामेडिकल की तालीम दी थी, दोनों एक कट्टरपंथी संगठन के पदाधिकारी रह चुके हैं। कट्टरपंथी परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद विपुल और कासिफ ने अब तक अपना एक भी दोस्त मुस्लिम नहीं बताया है।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का स्क्रीनशॉट

बताया जा रहा है कि आरोपित विपुल का गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई प्रदेशों में कनेक्शन है। वह यहाँ के लोगों से लगातार संपर्क में रहता था। इसकी जाँच भी की जा रही है क्योंकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विपुल विजयवर्गीय मुस्लिम धर्म अपना कर रमजान बन चुका है और कासिफ की बहन के साथ निकाह भी कर चुका है। गाजियाबाद से नागपुर लौट कर वो मुस्लिम धर्म का प्रचार-प्रसार

गौरतलब है कि विपुल विजयवर्गीय (अब रमजान) नागपुर का रहने वाला है। वह विजयनगर में पैरामेडिकल व उर्दू की तालीम लेने के लिए गाजियाबाद आया था। वहीं, कासिफ गाजियाबाद का ही रहने वाला है। कासिफ को मालूम था कि डासना देवी मंदिर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद न तो कासिफ ने मंदिर जाने पर एतराज जताया और ना ही रजिस्टर में उसका नाम गलत लिखने पर उसने अपने जीजा विपुल (अब रमजान) का विरोध किया।

जानिए, क्या है पूरा मामला

बीते दो जून की रात करीब साढ़े आठ बजे दो संदिग्ध डासना देवी मंदिर में घुसे थे। गेट पर दोनों ने अपना नाम नागपुर निवासी विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता लिखवाया थे। बाद में काशी गुप्ता नाम का युवक कासिफ निकला। पुलिस को आरोपितों के बैग से सर्जिकल ब्लेड, वेक्यूम थेरेपी में काम आने वाली मशीन, धार्मिक पुस्तकें व ग्रंथ मिले थे।

विपुल ने बताया था कि वह शास्त्रार्थ करने के लिए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आया था, जबकि पुलिस व जाँच एजेसियाँ इसे सच नहीं मान रही हैं। वहीं, एटीएस को जाँच के दौरान सलीमुद्दीन के पास से लैपटॉप और कुछ किताबें बरामद हुई हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है।

इससे पहले भी दिल्ली पुलिस ने महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की साजिश का पर्दाफाश करते हुए एक आतंकी को गिरफ्तार किया था। जान मोहम्मद डार उर्फ़ जहाँगीर को पहाड़गंज के एक होटल से दबोचा गया था। उसके पास से भगवा कपड़ा भी बरामद हुआ था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जस्टिस यशवंत वर्मा पर नहीं होगी FIR, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका: कहा- इंटरनल कमेटी कर रही जाँच, अभी यह सब करने का...

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के FIR नहीं दर्ज की जाएगी। यह माँग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।

दावा 20000 कमरों का, मिले 7000 ही: दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बताया- किचन-टॉयलेट को भी क्लासरूम में गिनती थी केजरीवाल सरकार, ₹49 लाख...

केजरीवाल की सरकार के दौरान देशभक्ति करिकुलम पर ₹49 लाख खर्च किए गए और इसके प्रचार पर ₹11 करोड़ से अधिक खर्च कर दिए गए।
- विज्ञापन -