पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद हिंसा और हिन्दुओं के पलायन की वजह से सुर्खियों में बना हुआ है। हिन्दू यहाँ से पलायन करने को मजबूर हैं। पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर अत्याचार का कोई पहला मामला नहीं है। मुर्शिदाबाद से ठीक एक वर्ष पहले संदेशखाली में हिन्दुओं पर TMC के नेता रहे शाहजहाँ शेख की अत्याचार की कहानी सामने आई थी।
शाहजहाँ शेख और उसके गुर्गे इस इलाके में जो महिला पसंद आती थी, उसको अपना निशाना बनाते थे। बात ना मानने पर उसके घरवालों को तंग किया जाता था। यौन शोषण करने के साथ ही शाहजहाँ शेख ने यहाँ लोगों की जमीन और आर्थिक संसाधनों पर कब्जा कर लिया था।
इस घटना को साल भर बीतने के बाद भी संदेशखाली की हवाओं में डर का माहौल है। देश भर की मीडिया की सुर्ख़ियों में बना रहने वाला शाहजहाँ शेख जेल में है लेकिन उसके गुर्गे अब भी लोगों को धमकाते हैं। दैनिक भास्कर ने संदेशखाली में एक वर्ष बाद जाकर पीड़ित महिलाओं से बात की है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि शाहजहाँ शेख जेल में है, लेकिन संदेशखाली की महिलाएँ आज भी डरी हुई हैं। बताया जा रहा है कि शाहजहाँ शेख और उसके गुर्गों को जेल में पूरी आराम है। रिपोर्ट बताती है कि संदेशखाली में शाहजहाँ शेख के गुंडे अभी भी महिलाओं को धमकियाँ दे रहे हैं।
शाहजहाँ जेल में, लेकिन धमकियाँ जारी
संदेशखाली में शाहजहाँ शेख के खिलाफ FIR करने वाली एक महिला ने बताया कि पिछले साल जब आंदोलन हुआ तो वह आंदोलन का हिस्सा थी। उन्होंने बताया कि उनके बेटे और पति गुजरात में रहते हैं और अकेले रहने के चलते उन्हें धमकियाँ मिलती हैं।
एक और पीड़ित ने बताया कि शाहजहाँ शेख के गुर्गे आज भी एक्टिव हैं और लोगों को धमकाते हैं। पीड़ित ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी धमकी दी जा रही है, हालाँकि ये फेक आईडी से दी जाती है। पीड़िता ने बताया कि धमकी देने वाले अपनी पहचान नहीं उजागर करते हैं।
पीड़िता ने बताया, “वह कहते हैं कि उसके दादा का घर यहीं है। वह कभी-कभी यहाँ आता है। वह मुझे धमकाता है कि तुमने शाहजहाँ शेख और उसके साथियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करके सही काम नहीं किया। वह मुझे जान से मारने की धमकी देता है। वे शिबू हाजरा और आमिर शाहजहां के चेले हैं।”
एक और पीड़िता पियाली दास ने बताया, “पहले लोग चाय की दुकान पर खड़े होकर एक दूसरे का हालचाल भी नहीं पूछ पाते थे। बहुत डर लगता था। अब स्थिति ठीक है, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार में शाहजहाँ शेख जेल में बैठकर भी लोगों को धमका रहा है।”
आगे उन्होंने बताया, “मेरे दोस्त रुबिन मंडल का परिवार यहीं नदी के उस पार रहता है। उनकी सब्जी मंडी थी, जिसे शाहजहाँ शेख ने दो साल पहले हड़प कर अपने नाम पर रजिस्टर करवा लिया था। उनके परिवार को आज भी धमकियाँ मिलती हैं कि जिस दिन शाहजहाँ बाहर आएगा, उस दिन उन पर हमला होगा। यह धमकी शाहजहाँ के गुर्गे मस्तान ने दी है।”
उन्होंने आगे बताया, “मुझे झूठे मामले में फंसाया गया था। मैं करीब 7 दिन जेल में रही। मुझ पर महिलाओं से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाया गया। उस समय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा आई थीं। मैं उनकी टीम के साथ थी।”
पियाली ने आगे बताया, “मैंने उन्हें बताया कि कई महिलाओं ने शिबू हाजरा और शाहजहाँ शेख के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें भगा दिया। फिर रेखा शर्मा ने मुझे अपना अनुवादक बनाया और पुलिस स्टेशन ले गईं… मैंने सच्चाई बताई और मेरी मदद शुभेंदु अधिकारी ने की थी।”
अब भी हैं जमीन-तालाब छिनने की कहानियाँ
शाहजहाँ शेख ने सिर्फ महिलाओं को नहीं प्रताड़ित किया बल्कि उसने यहाँ की अर्थव्यवस्था पर भी कब्जा कर लिया था। एक पीड़ित जोशना दास ने बताया कि शाहजहां और शिबू हाजरा ने उनकी 7.5 बीघा जमीन भी हड़प ली है।
उन्होंने दावा किया कि दो साल पहले, हाजरा उनकी जमीन हड़पना चाहता था और जब उनके परिवार ने उसका विरोध किया, तो उनके बड़े बेटे की हत्या कर दी गई। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि शेख शाहजहाँ ने उनके परिवार को अपने खेत पर काम करने के लिए मजबूर किया, और उन्हें पैसे भी नहीं दिए की।”
शाहजहाँ जेल पहुँचा तो हिन्दुओं में आई शक्ति
संदेशखाली में पहली बार पूजा और मेला लगाने की बात हो रही है। यहाँ पैसे के अभाव में हालाँकि मंदिर नहीं बन पाया है लेकिन झोपड़ीनुमा घर में भगवान की मूर्ति स्थापित की गई है। महिलाओं के मुताबिक “शाहजहाँ जब जेल के बाहर था तो कोई हिन्दू त्यौहार नहीं मनाया जाता था। गाँव में कोई मंदिर नहीं था और मेला नहीं हो सकता था। अब गाँव में शांति है। हमें गाँव में मंदिर बनवाने के लिए मदद की दरकार है।”