Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज1984 सिख विरोधी दंगों पर SIT की जाँच पूरी, सीलबंद रिपोर्ट SC में: फँस...

1984 सिख विरोधी दंगों पर SIT की जाँच पूरी, सीलबंद रिपोर्ट SC में: फँस सकते हैं कई कॉन्ग्रेसी नेता!

केंद्र सरकार द्व्रारा दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर गठित विशेष जाँच दल (SIT) ने अपनी जाँच पूरी कर ली है।

केंद्र सरकार द्व्रारा दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर गठित विशेष जाँच दल (SIT) ने अपनी जाँच पूरी कर ली है। इस बात की जानकारी केंद्र ने शुक्रवार (29 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट को दी।

केन्द्र की वरिष्ठ क़ानून अधिकारी पिंकी आनंद ने विशेष टीम की रिपोर्ट को शीर्ष अदालत को एक सीलबंद कवर में सौंप दिया और अनुरोध किया कि सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली टीम को छुट्टी दे दी जाए।

अदालत ने रिकॉर्ड पर रिपोर्ट ले ली है और मामले को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। SIT का गठन जनवरी 2018 में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में एक दंगाई पीड़ित गुरलाद सिंह काहलो द्वारा दायर याचिका पर किया गया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा की अध्यक्षता वाली SIT के तीन सदस्य होने थे। लेकिन, बाद में दो सदस्यों के साथ काम करने की अनुमति दी गई थी। तब सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी राजदीप सिंह ने इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। जस्टिस ढींगरा के अलावा IPS अधिकारी अभिषेक दुलार दूसरे सदस्य थे।

इससे पहले कि अदालत SIT रिपोर्ट की जाँच करे, वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने पीड़ितों के लिए अपील करते हुए SIT को भंग करने के अनुरोध का विरोध किया था। उन्होंने कोर्ट में पेश की जाने वाली रिपोर्ट की एक प्रति भी माँगी थी। इसके जवाब में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि रिपोर्ट सीलबंद कवर में है और केवल अदालत के लिए है।

1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क गए थे। दंगों में सिख समुदाय के हज़ारों लोग मारे गए थे। कुछ वरिष्ठ राजनेताओं, जिनमें से कई कॉन्ग्रेस पार्टी से थे, उन पर हिंसा भड़काने और तनावपूर्ण हमले का आरोप लगाया गया था।

दिसंबर 2018 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को दंगों में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

10 किलो वजन कम हो गया है, जमानत दे दीजिए: सिख नरसंहार के गुनहगार सज्जन कुमार ने SC में लगाई गुहार

‘रवीश कुमार के फैन’ ने दी सिखों के नरसंहार की धमकी, मोदी समर्थक महिलाओं को करता है प्रताड़ित

सिख नरसंहार: CM कमलनाथ तक पहुँची आँच, चश्मदीद ने SIT के समक्ष दर्ज कराया बयान

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -