Friday, June 20, 2025
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मंदिर की जमीन पर बनवाई मज़ार, विरोध करने पर दलितों पर पत्थरबाजी: बजरंग दल का आरोप, पुलिस ने मजहबी एंगल नकारा

आरोप है कि टीले का अवैध खनन भी किया जा रहा है। खनन की वजह से टीला कई जगहों पर समतल भी हो गया, जहाँ खेत बनाकर फसल भी बोई जा रही है। जब उन्होंने इस निर्माण का विरोध किया तो गाँव के मुस्लिम वर्ग के लोग वहाँ जमा हो गए। थोड़ी देर की बहस के बाद हिन्दू पक्ष पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पत्थरबाजी में टीले से गुजर रहीं महिलाओं को भी निशाना बनाया गया।

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक जमीनी विवाद के चलते 2 पक्षों में जमकर पत्थरबाजी हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आरोप है कि मंदिर की जमीन पर मजार बना देने के बाद तनाव फैला है। हालाँकि पुलिस ने मजाक वाले एंगल को नकारा है। वहीं पत्थरबाजी मामले में पुलिस ने शनिवार (4 जनवरी 2025) को कामिल, नूर हसन और इबले हसन के खिलाफ FIR दर्ज की है। तीनों पर दलित व्यक्ति को पीटने और धमकी देने का भी आरोप है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला कन्नौज के थाना क्षेत्र ठठिया का है। यहाँ के गाँव उमरन में बबूल के घने पेड़ों के बीच लगभग 70 बीघों का एक प्राचीन टीला है। बताया जा रहा है कि इसमें से 7 बीघा जमीन मंदिर के नाम पर है, जबकि बाकी बची 63 बीघा जमीन ग्राम समाज की है। बजरंग दल के सदस्यों का आरोप है कि इस पूरी जमीन पर गाँव में रहने वाले मुस्लिमों की लंबे समय से नजर है जो इस पर कब्जा करने की साजिश भी रच रहे हैं।

इस मामले में पहले मीडिया में बताा गया था कि एक सप्ताह पहले गाँव के रहने वाले दलित समुदाय के महिपाल कुछ अन्य ग्रामीणों के साथ टीले पर गए थे। यहाँ उन्हें कथिततौर पर एक मजार दिखी। उनका कहना है कि ये मजार हाल ही में जमीन कब्ज़ाने की नीयत से बनाई गई है। यह मज़ार हिन्दुओं के पहले से बने एक धार्मिक चबूतरे पर बनी है।

हालाँकि कन्नौज पुलिस ने धार्मिक स्थल तोड़कर बनाई गई मजार के किसी प्रकरण को नकारा है। उन्होंने कहा कि ये जानकारी तथ्यात्मक आधार पर नहीं है और यह पूरी तरह भ्रामक एवं असत्य है । कन्नौज पुलिस इसका खण्डन करती है। थाना ठठिया क्षेत्रांतर्गत एक गांव में जमीन के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद है जो मा0 न्यायालय में वाद विचाराधीन है जिसको लेकर दोनो पक्षों में कहासुनी हुई थी । प्रकरण में प्राप्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना ठठिया पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। विधिक कार्यवाही की जा रही है।

मजार वाली बात के अलावा मीडिया में ये भी बताया गया था कि टीले का अवैध खनन भी किया जा रहा है। खनन की वजह से टीला कई जगहों पर समतल भी हो गया, जहाँ खेत बनाकर फसल भी बोई जा रही है। जब उन्होंने इस निर्माण का विरोध किया तो गाँव के मुस्लिम वर्ग के लोग वहाँ जमा हो गए। थोड़ी देर की बहस के बाद हिन्दू पक्ष पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस पत्थरबाजी में टीले से गुजर रहीं महिलाओं को भी निशाना बनाया गया।

हमलावर भीड़ द्वारा दलित समुदाय के लोगों को पीटा गया और उन्हें जातिसूचक गालियाँ दी गईं। पीड़ित पक्ष ने भी अपनी आत्मरक्षा में पत्थरबाजी की। गाँव के कुछ लोगों ने जैसे-तैसे करके इस हमले से बचते हुए पत्थरबाजी की वीडियो बना ली। इस वीडियो को लेकर वे सभी पुलिस में शिकायत करने ठठिया थाना पहुँचे। हिंदू संगठनों को इसकी जानकारी मिली तो वे भी थाने के पास इकट्ठा हो गए।

बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता थाने पर पहुँचकर हंगामा किया। आखिरकार पुलिस ने शनिवार (4 जनवरी 2025) को नूर हसन, कामिल और इबले हसन पर मुकदमा दर्ज कर लिया। यह केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (2), 352 और 351 (2) के साथ SC/ST एक्ट में दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक, दोनों पक्षों का जमीनी विवाद पहले से ही कोर्ट में चल रहा है। मौके पर पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई है।

(नोट: इस खबर को पुलिस के बयान के अपडेट किया गया है)

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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