Thursday, November 14, 2024
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SC ने कहा – ‘हर धर्मांतरण अवैध नहीं’ : मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन से पहले DM की अनुमति का मामला, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर अवैध धर्मांतरण के लिए शादी का इस्तेमाल किया जाता है, तो वह आँख नहीं मूंद सकती है और कहा कि शादी या धर्मांतरण पर कोई रोक नहीं है, लेकिन इसके लिए केवल जिलाधिकारी को सूचित करना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को (2 जनवरी 2023) मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें जिलाधिकारी को सूचित किए बिना शादी करने वाले अंतरधार्मिक जोड़ों पर मुकदमा चलाने से रोक लगाई गई थी

अब आगे इस मामले की सुनवाई 7 फरवरी 2023 को होगी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एम आर शाह और सीटी रविकुमार ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। उन्होंने कहा, “हर धर्मांतरण अवैध नहीं हो सकता।”

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि अगर अवैध धर्मांतरण के लिए विवाह को आधार बनाया जाता है, तो वह आँखें नहीं बंद कर सकती। सॉलिस्टर जनरल ने कहा कि शादी या धर्मांतरण पर कोई रोक नहीं है, लेकिन इसके लिए केवल जिलाधिकारी को सूचित करना जरूरी है।

मेहता ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की माँग करते हुए अपनी दलील दीं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश ने धारा 10 (1) को मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 की धारा 10 (2) के साथ मिला दिया है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष नवंबर में इस संबंध में एक फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालिग लोगों पर केस न चलाएँ जो अपनी मर्जी से धर्मांतरण करके शादी करते थे। हाईकोर्ट ने 14 नवंबर को कहा था उक्त कानून की धारा 10 असंवैधानिक है जिसमें धर्मांतरण की जानकारी जिलाधिकारी को देने की बात है।

इस धारा के तहत धर्मांतरण के इच्छुक नागरिकों को जिला कलेक्टरों की पूर्व मंजूरी लेना अनिवार्य है।

बता दें कि मध्य प्रदेश का धार्मिक स्वतंत्रता कानून कहता है कि झूठ बोलकर, लालच देकर, धमकी के सहारे, अनुचित प्रभाव से, जबरदस्ती शादी करने या किसी अन्य धोखाधड़ी के माध्यम से धर्मांतरण अवैध है और ऐसा करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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