शनिवार (08 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में मेडिकल ऑक्सीजन की माँग और उसके वितरण के लिए एक 12 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया है। यह टास्क फोर्स देश भर में ऑक्सीजन की उपलब्धता और उसके उचित वितरण के अलावा अत्यावश्यक दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं पर भी अपनी सिफारिश देगी।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और साथ ही बढ़ती चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 12 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है जिसमें 10 डॉक्टर, केंद्र का कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य मंत्रालय का गृह सचिव भी शामिल है। केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव को टास्क फोर्स का कन्वेनर बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह भी शामिल रहे। टास्क फोर्स का प्रारंभिक कार्यकाल 6 महीने का होगा।
Supreme Court sets up National Task Force to assess oxygen distribution in country amid COVID-19 surge
— ANI Digital (@ani_digital) May 8, 2021
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित यह टास्क फोर्स महामारी के दौरान की जा रही तैयारियों का जायजा लेगी और भविष्य में किसी भी आपात स्थिति की संभावना के हिसाब से दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की माँग, उपलब्धता और आपूर्ति को लेकर अपनी सिफारिशें पेश करेगी।
हालाँकि कोर्ट ने कहा कि जब तक टास्क फोर्स ऑक्सीजन वितरण पर अपनी सिफारिशें नहीं देती तब तक केंद्र सरकार वर्तमान व्यवस्था के अनुसार देश भर में ऑक्सीजन का वितरण करती रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित इस टास्क फोर्स में डॉ. भाबतोष विश्वास, डॉ. देवेन्द्र सिंह राणा, डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी, डॉ. गगनदीप कंग, डॉ. जेवी पीटर, डॉ. नरेश त्रेहान, डॉ. राहुल पंडित, डॉ. सौमित्र रावत, डॉ. शिव कुमार सरिन और डॉ. जरीर एफ उड़वादिया शामिल हैं। टास्क फोर्स में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का सचिव और टास्क फोर्स के कन्वेनर के रूप में केंद्र सरकार का एक कैबिनेट सचिव भी होगा।
इसके अलावा दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में भी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति और उसकी दक्षता के ऑडिट के लिए एक ऑडिट समूह का गठन किया जाएगा। इस ऑडिट समूह में एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. संदीप बुद्धिराजा और केंद्र सरकार एवं दिल्ली सरकार से एक-एक आईएएस अधिकारी होंगे। ज्ञात हो कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की ऑडिट से इनकार कर दिया था।