Saturday, November 2, 2024
Homeदेश-समाजदिल्ली दंगा: UAPA के तहत JNU के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को 22 अक्टूबर...

दिल्ली दंगा: UAPA के तहत JNU के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया

एफआईआर में आरोप है कि उमर खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए और लोगों से अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरने और उन्हें जाम करने की अपील की।

दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार (सितम्बर 24, 2020) को जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी हिंसा से संबंधित एक मामले में 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद उमर खालिद को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ADJ) अमिताभ रावत के सामने पेश किया गया। खालिद को आतंकवाद रोधी कानून, गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।

FIR में, पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा एक ‘पूर्व-निर्धारित साजिश’ थी जो कथित तौर पर उमर खालिद और दो अन्य लोगों द्वारा रची गई थी। उन पर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और दंगा करने के अपराध के लिए भी मामला दर्ज किया गया है।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उमर खालिद ने कथित रूप से दो अलग-अलग स्थानों पर भड़काऊ भाषण दिए थे और मजहबी भीड़ से अपील की थी कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरें और सड़कों को अवरुद्ध करें, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करें कि कैसे भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है।

एफआईआर में दावा किया गया है कि दंगों की साजिश में कई घरों में आग्नेयास्त्र, पेट्रोल बम, एसिड की बोतलें और पत्थर जमा किए गए।

पुलिस ने आरोप लगाया कि सह-अभियुक्त दानिश को कथित रूप से दंगों में भाग लेने के लिए दो अलग-अलग जगहों से लोगों को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। एफआईआर में कहा गया है कि लोगों के बीच तनाव पैदा करने के लिए 23 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए महिलाओं और बच्चों को मोहरा बनाया गया था।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -