Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाज'नोटिस लेकर आएँ तो जूते-चप्पल से करो स्वागत': यूपी के मदरसों में सर्वे को...

‘नोटिस लेकर आएँ तो जूते-चप्पल से करो स्वागत’: यूपी के मदरसों में सर्वे को लेकर मौलाना के बिगड़े बोल, कहा – मुस्लिम अभी बर्दाश्त कर रहा है, जिस दिन…

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर उनका सर्वे कराने जा रही है। इसे लेकर राज्य में 10 टीमें बनाई जा रही हैं।

मौलाना साजिद रशीदी (Maulana Sajid Rashidi) ने उत्तर प्रदेश में मदरसे सर्वे को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मुस्लिम बहुत बर्दाश्त कर रहा है, जिस दिन अपने अधिकारों के लिए खड़ा हुआ, सरकार अपने आपको बचा नहीं पाएगी।” इसके साथ ही उन्होंने अन्य मुस्लिमों से अपील की है कि जो भी सर्वे का नोटिस लेकर आए, उसका चप्पल-जूतों से स्वागत करें।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर उनका सर्वे कराने जा रही है। इसे लेकर राज्य में 10 टीमें बनाई जा रही हैं, जो इसकी जाँच करेंगी कि कौन सा मदरसा मान्यता प्राप्त है और कौन सा नहीं। ये टीमें 5 अक्टूबर से सर्वे का काम शुरू करेंगी और रिपोर्ट 25 अक्टूबर तक देंगी। मौलाना मदरसों के सर्वे का विरोध कर रहे हैं। मौलाना रशीदी ‘ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन’ के अध्यक्ष हैं। उनके बयान पर यूपी सरकार के पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

रजा ने कहा कि रशीदी जैसे लोगों के विवादास्पद बयान छात्रों एवं मदरसों को भड़काने वाले हैं। सरकार सर्वे के जरिए मदरसों का भला करना चाहती है, लेकिन इस तरह के बयान जब आते हैं तो सरकार को कड़ा रुख अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ता है। अब तो सर्वे बहुत जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान के लिए रशीदी पर कार्रवाई होगी।

उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे

बता दें कि 31 अगस्त को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आदेश दिया था कि राज्य के सभी मदरसों का सर्वे किया जाए और उनकी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाए। यूपी सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था के कायाकल्प की दिशा में प्रयास कर रही है। मदरसों के सर्वे को लेकर सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया गया है। यह सर्वे 5 अक्टूबर, 2022 से शुरू किया जाएगा और 25 अक्टूबर तक दी जाएगी। इसमें उन सभी मदरसों का सर्वे होगा, जो गैर-मान्यता प्राप्त हैं।

इस सम्बन्ध में एक बैठक भी हुई थी। उसमें स्पष्ट कर दिया गया कि सर्वे में SDM, BSA (बेसिक शिक्षा अधिकारी) और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी मौजूद रहेंगे। ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी, जिसे वो आगे सरकार को बढ़ाएँगे। दरअसल, इसका उद्देश्य मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और आधुनिक बनाना है। किस जिले में कितने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे हैं और उनमें कितने छात्र तालीम ले रहे हैं, इसकी जानकारी भी प्राप्त होगी।

इन मदरसों में जिनका संचालन ठीक से हो रहा होगा, उन्हें मान्यता के दायरे में भी लाया जाएगा। किन मदरसों को कहाँ से फंडिंग मिल रही है, इसकी भी जाँच की जाएगी। ‘उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड’ से उन मदरसों को मान्यता दिलाई जाएगी, जो इसके योग्य होंगे। इतना ही नहीं, सरकार को ये जानकारी भी हासिल करनी है कि इन मदरसों में पढ़ा रहे शिक्षक कौन हैं और वो क्या पढ़ा रहे हैं। मदरसों का सिलेबस क्या है, रिपोर्ट में ये भी जुटाया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -