Tuesday, April 8, 2025

‘हिंदू राष्ट्र’ की माँग लेकर सड़कों पर उतरे नेपाली, पुलिस के साथ झड़प में 2 की मौत, 30 घायल: पूर्व PM ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को ठहराया जिम्मेदार

नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजशाही और हिंदू राष्ट्र बहाली के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों को रोके के लिए शुक्रवार (28 मार्च) को सेना तैनात की गई है। दरअसल, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। मृतकों में एक मीडिया कर्मी और एक प्रदर्शनकारी है। वहीं, घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

दरअसल, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी और लोगों ने पथराव और तोड़फोड़ शुरू कर दी। कहा जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर पथराव भी किया। उन्होंने अपने हाथों में नेपाल के झंडे और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें ले रखी थीं। हालात को देखकर सेना बुलानी पड़ी।

कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके कुख्यात माओवादी नेता कमल दहल प्रचंड ने सरकार से पूर्व राजा को दी गई स्वतंत्रता को सीमित करने की अपील की है। वहीं, पुलिस ने राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राणा, स्वागत नेपाल, शेफर्ड लिम्बू और संतोष तमांग जैसे राजतंत्र समर्थक नेताओं सहित 51 लोगों को हिरासत में लिया है।

नेपाल में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की स्थिति की बहाली की माँग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। कई राजशाही एवं हिंदू राष्ट्र समर्थक और हिंदू संगठन काठमांडू में विरोध प्रदर्शन के लिए एक साथ आ गए हैं। दरअसल, उन्होंने 9 मार्च को पोखरा से लौटने पर पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का स्वागत भी किया था। राजशाही के समर्थन में कई राजनीतिक पार्टियाँ भी शामिल हैं और उन्होंने मिलकर गठबंधन बनाया है।