दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों ने मीडिया गिरोह की हिपोक्रेसी को उजागर कर दिया है। दंगों के दौरान और उसके बाद भी कुछ मीडिया गिरोह झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है कि ये दंगे मुस्लिम विरोधी थे, जबकि हकीकत यह है कि यह दंगे इस्लामी भीड़ के आक्रामक रवैये का परिणाम थे। इनका ये आक्रामक रवैया दिसंबर में तब शुरू हुआ था, जब इन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर दंगे भड़काए थे।
ऐसे कई चैनल, पत्रकार और पोर्टल्स हैं, जिन्होंने दिल्ली के दंगों के बारे में झूठे नैरेटिव को आगे बढ़ाया है। हालाँकि, NDTV वो चैनल है, जिसने प्रभावी रुप से इस नैरेटिव का नेतृत्व किया। इसी कड़ी में बात अब कपिल मिश्रा को घेरने तक के प्रोपेगेंडा तक पहुँच गई है। दिल्ली के दंगों के लिए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को दोषी ठहराने के लिए मीडिया समूह किसी भी हद तक जाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहा है।
बता दें कि 22 जनवरी को जाफराबाद और चाँद बाग में रोड बंद किए जाने के खिलाफ सड़क पर उतरे कपिल मिश्रा ने कहा था, “दिल्ली पुलिस तीन दिन में रास्तों को खाली कराए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के बाद वापस जाने तक हम यहाँ से शांतिपूर्वक जा रहे हैं, लेकिन अगर तीन दिन में रास्ते खाली नहीं हुए, तो हम फिर सड़कों पर उतरेंगे।” मीडिया उनके इस बयान पर हावी हो गई और कपिल मिश्रा को ‘दंगा भड़काने’ के लिए दोषी ठहराने की कोशिश की।
ऐसा करने करके उन्होंने निश्चित रूप से उन इस्लामवादियों को एक ढाल दिया, जिन्होंने और अधिक भड़काऊ बयान दिए थे। शरजील इमाम ने दिल्ली को बंद करने और देश को तोड़ने के बारे में बात कही थी और हकीकत में उमर खालिद ने लोगों को सड़कों पर आने के लिए कहकर हिंसा भड़काई थी, वो भी तब जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प यहाँ थे। इसके अलावा वारिस पठान ने कहा था कि मुस्लिम हिंदुओं पर हावी हो सकते हैं और AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान पर तो पहले ही हिंसा भड़काने का मामला दर्ज है।
Watch @OnReality_Check | “Violence started after Kapil Mishra’s speech,” says Sanjay Gupta, Mishra’s landlord.#Delhi #DelhiViolence pic.twitter.com/aZD0cvu9cB
— NDTV (@ndtv) March 6, 2020
मीडिया ने हिंसा के लिए उकसाने वाले इन सभी लोगों को बचाते हुए कपिल मिश्रा को दोषी ठहराने के लिए ओवरटाइम काम किया। NDTV ने इसकी अगुवाई करते हुए 6 मार्च को एक वीडियो पब्लिश किया, जिसमें उनके झूठ बोलने वाले एंकर श्रीनिवासन जैन, कपिल मिश्रा के मकान मालिक से बात कर रहे थे।
वीडियो में संजय गुप्ता नाम के एक शख्स से बात की जा रही है, जिसकी पहचान NDTV द्वारा कपिल मिश्रा के मकान मालिक के रूप में की गई है। NDTV यह दावा करता है कि कि वे कपिल मिश्रा के मकान मालिक को ट्रैक करने में कामयाब रहे, जिन्होंने दंगों के लिए कपिल मिश्रा को दोषी ठहराया, जबकि सच्चाई कुछ और थी।
कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि संजय गुप्ता उनके मकान मालिक नहीं हैं। ऑपइंडिया से बात करते हुए भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दावा किया कि संजय गुप्ता उनके मकान मालिक नहीं थे। उन्होंने तो यहाँ तक कहा कि संजय गुप्ता कभी भी उनके मकान मालिक नहीं रहे हैं। कपिल मिश्रा ने यही बात अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर भी कही है। उन्होंने दावा किया कि NDTV ने राह चलते किसी शख्स को पकड़ लिया और दावा किया कि कपिल मिश्रा के मकान मालिक हैं।
Dear @ndtv – STOP showing fake news against me
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 7, 2020
NDTV picked a random guy from road and showing him as my landlord
This guy is not my landlord.
It’s a fake news.
शाहरुख को अनुराग बताने वाले Fake News Channel का एक और सफेद झूठ https://t.co/T3mlpS5fna
वैसे देखा जाए तो वीडियो में भी संजय गुप्ता यह दावा नहीं करते हैं कि वह मिश्रा के ‘मकान मालिक’ हैं। गुप्ता जिस तरह से बोल रहे हैं, उससे लगता है कि वह प्रॉपर्टी ब्रोकर हो सकते हैं, मकान मालिक नहीं। इसके साथ ही कपिल मिश्रा ने ऑपइंडिया से बात करते हुए यह भी दावा किया कि NDTV के एंकर श्रीनिवास जहाँ पर खड़े हैं, वह जगह भी वो नहीं है, जहाँ कपिल मिश्रा रहते हैं।
NDTV ने दिल्ली दंगों के दौरान तनाव को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए। इसके लिए मीडिया संस्थान ने कई झूठे आरोप भी लगाए। गौरतलब है कि इससे पहले NDTV ने शिव विहार क्षेत्र के दो स्कूलों के बारे में गलत रिपोर्टिंग किया था, जिसका ऑपइंडिया ने पर्दाफाश किया था। शिव विहार में दो स्कूल हैं, जो अगल-बगल में स्थित हैं। एक फैसल फ़ारूक़ का राजधानी स्कूल और एक एक पंकज शर्मा का डीआरपी स्कूल। राजधानी स्कूल दंगाइयों का मुख्य अड्डा बना और सारी गोलीबारी, पत्थरबाजी और बमबारी यहीं से हुई।
दूसरी तरफ डीआरपी स्कूल को जला कर ख़ाक कर दिया गया। राजधानी स्कूल के ऊपर से रस्सी के सहारे उतरे दंगाइयों ने डीआरपी स्कूल को फूँक दिया। ऑपइंडिया ने अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग में तहकीकात की तो पाया कि राजधानी स्कूल में दिखावटी तोड़फोड़ हुई थी और कुछ बेंच-डेस्क को पलट दिया गया था। NDTV ने बिना किसी सबूत के दावा किया कि यह मुस्लिम स्वामित्व वाला स्कूल है, जिस पर सबसे पहले हिंदू लोगों ने हमला किया था। यह हिंदुओं को फँसाने की NDTV की साजिश थी।
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