उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गाँधी ने ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। ऑक्सफोर्ड ने वरुण को नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों पर बोलने के लिए बुलाया था। वरुण का कहना है कि इन मुद्दों पर बोलने के लिए देश में बहुत से मंच हैं। बता दें कि राहुल गाँधी ने विदेश में भारत और सरकार की आलोचना की थी, जिसके कारण उन्हें भारी किरकिरी झेलनी पड़ रही है।
वरुण गाँधी ने इसको लेकर ट्वीट कर बताया, “मैंने ऑक्सफोर्ड यूनियन के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। भारत की राजनीति नियमित रूप से हमें अपनी नीतियों में सुधार के लिए समालोचना करने और रचनात्मक सुझाव देने का स्थान प्रदान करती है। भारत की पसंद और चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय जाँच के अधीन करना मेरे लिए एक अपमानजनक कार्य है।”
I have declined the invitation for a debate at the Oxford Union.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) March 17, 2023
India's polity regularly offers us a space to critique & provide constructive suggestions to improve our policies.
Subjecting India’s choices & challenges to international scrutiny, for me, is a dishonourable act. pic.twitter.com/4XsZfV9vV4
वरुण ने आमंत्रण को अस्वीकार करते हुए कहा कि सरकार से संबंधित मुद्दे देश के अंदर और पॉलिसीमेकरों के समक्ष उठाए जाने चाहिए। उन्होंने टॉपिक को भी पूर्व परिभाषित निष्कर्ष वाला बताया। उन्होंने आंतरिक मुद्दे को देश के बाहर उठाने को देश का अपमान बताया। पीएम मोदी के अक्सर आलोचना करने वाले वरुण ने जवाब में कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश सही रास्ते पर है।
दरअसल, कुछ दिन पहले ही राहुल गाँधी इंग्लैंड की यात्रा पर गए थे। वहाँ विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर उन्होंने पीएम मोदी और देश की प्रणाली को लेकर आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा और RSS के कारण देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने देश की संवैधानिक संस्थानों को भी हाईजैक करने का आरोप लगाया था।
राहुल गाँधी के इन बयानों के बाद देश भर में उनकी जमकर आलोचना हुई। राहुल गाँधी पर देश को अपमानित करने का आरोप लगा और उनकी पार्टी कॉन्ग्रेस लगातार राहुल के बचाव में लगी हुई है। हालाँकि, सोशल मीडिया पर भी लोग राहुल को उनकी बयानों के लिए आलोचना कर रहे हैं।
समय-समय पर भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले वरुण गाँधी ने संभवत: वर्तमान हालात और स्थिति को भाँपते हुए ऑक्सफोर्ड के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। ऑक्सफोर्ड यूनियन ने उन्हें ‘सदन का मानना है कि मोदी का भारत सही रास्ते पर है’ विषय पर बोलने के लिए बुलाया गया था।
वरुण गाँधी राहुल गाँधी का हश्र और विदेश में अपनी ही सरकार की आलोचना के बाद अपनी राजनीतिक स्थिति को संभवत: भाँप गए। वर्ना ऐसे अनेक मौके हैं, जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाजपा सरकार और पीएम मोदी की आलोचना की है। वरुण कॉन्ग्रेस में भी अब नहीं जा सकते। राहुल गाँधी ने उन्हें विचारधारा के आधार पर पार्टी में शामिल करने से मना कर दिया था। ऐसे में वरुण गाँधी ऑक्सफोर्ड में जाने पर अपनी राजनीतिक अनिश्चितता का अंदाजा लगा लिया था।
बता दें कि राहुल गाँधी जब भारत जोड़ो यात्रा पर थे, तब भाजपा में असंतुष्ट वरुण गाँधी के कॉन्ग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। समय-समय पर कई बार ऐसी चर्चाएँ सामने आईं। पत्रकारों ने वरुण गाँधी की कॉन्ग्रेस में एंट्री को लेकर जब सवाल पूछा तो राहुल ने कहा था कि उनकी और वरुण गाँधी की विचारधारा अलग है। चाहे उनका गला कट जाए वह आरएसएस कार्यालय नहीं जाएँगे।
कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा था, “वरुण गाँधी बीजेपी में हैं। इसलिए, यदि वो उनके साथ भारत जोड़ो यात्रा में चलेंगे तो उन्हें दिक्कत हो सकती है। मेरी विचारधारा, उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाती। मैं कभी आरएसएस के ऑफिस में नहीं जा सकता। उसके लिए आपको पहले मेरा गला काटना पड़ेगा।”
राहुल गाँधी ने आगे कहा था, “मेरा जो परिवार है उसकी एक अलग विचारधारा है। वरुण ने दूसरी विचारधारा को अपनाया। जिसे मैं कभी स्वीकार नहीं कर सकता। मैं जरूर वरुण से प्यार से मिल सकता हूँ, उन्हें गले लगा सकता हूँ। लेकिन मैं उस विचारधारा को कभी भी स्वीकार नहीं कर सकता।” साल 2019 में भी वरुण के कॉन्ग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगी थीं, लेकिन राहुल ने यह कहकर विराम लगा कि इसके बारे में उन्हें पता नहीं है।
दरअसल, वरुण गाँधी कई मौकों पर पार्टी लाइन को तोड़ते नजर आए हैं। किसान आंदोलन से लेकर कोरोना वायरस, बेरोजगारी, अग्निवीर योजना सहित तक कई बार वह कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सुर में सुर मिलाते नजर आए। वे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी तारीफ कर चुके हैं।
दिसंबर 2022 में वरुण गाँधी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें उन्होंने कहा था, “न तो मैं नेहरू जी के खिलाफ हूँ और ना ही कॉन्ग्रेस के खिलाफ हूँ। हमारी राजनीति देश को आगे बढ़ाने के लिए होनी चाहिए ना कि गृह युद्ध पैदा करने के लिए। आज जो लोग केवल धर्म और जाति के नाम पर वोट माँग रहे हैं। हमें उनसे ये पूछना चाहिए कि रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा का क्या हाल है।”
इस वीडियो के सामने आने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वह भाजपा का दामन छोड़ कॉन्ग्रेस में जा सकते हैं, लेकिन राहुल गाँधी ने इन अटकलों पर भी विराम लगा दिया। अब राहुल गाँधी का हश्र और अपनी राजनीतिक की अनिश्चितता को देखते हुए उन्होंने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर बोलने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनियन का निमंत्रण भी ठुकरा दिया।