Tuesday, May 20, 2025
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140 सालों में पहली बार जीता कोई हिन्दू, दारुल उलूम के गढ़ में लहराया भगवा: रामपुर के बाद देवबंद में BJP ने तोड़े रिकॉर्ड

बताते चलें कि दिसंबर 2022 में रामपुर में हुए रामपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने इसी रिकॉर्ड को तोड़ा था। बीजेपी की टिकट पर खड़े व्यवसायी आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम रजा को लगभग 34,000 वोटों को हरा दिया था। आजादी के बाद आकाश सक्सेना पहले गैर-मुस्लिम हैं, जिन्होंने इस सीट से जीत हासिल की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भाजपा ने राजनीति के कई मिथकों को ध्वस्त किया है। ऐसी ही मिथक रामजहाँ-जहाँ जीत की कल्पना भी नहीं की जा सकता थी, वहाँ-वहाँ भाजपा ने जीत दर्ज की। रामपुर विधानसभा के बाद सहारनपुर के देवबंद नगरपालिका (Deoband Nagar Palika) में भाजपा ने 75 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

देवबंद सीट से भाजपा के प्रत्याशी विपिन गर्ग ने आजादी के बाद यानी 75 सालों में पहली बार कमल खिलाया है। वहीं, 140 सालों में पहली बार कोई हिंदू (गैर-मुस्लिम) यहाँ से चुनाव जीतने में कामयाब हुआ है। यह इलाका मुस्लिम बहुल है और यहाँ विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम स्थित है। इस सीट से अब तक मुस्लिम ही जीतते रहा है।

भाजपा के विपिन गर्ग ने 4,700 वोट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार जहीर फातिमा को हराया है। विपिन को कुल 22,659 मत मिले हैं। वहीं, सपा की जहीर फातिमा को 17,959 वोट मिले। वहीं, बसपा प्रत्याशी जमालुद्दीन अंसारी 7,079 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कॉन्ग्रेस प्रत्याशी नौशाद कुरैशी को सिर्फ 483 वोट मिले हैं।

देवबंद नगरपालिका का गठन अंग्रेजों ने मई 1884 में की थी। तब से इसके अध्यक्ष पद पर मुस्लिम ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। हालाँकि, 1950 और 1991-92 में निवर्तमान अध्यक्ष की अनुपस्थिति में गैर-मुस्लिम उपाध्यक्ष ने कुछ समय के लिए अध्यक्ष की भूमिका अदा की थी, लेकिन वे चुनाव जीतकर अध्यक्ष नहीं बने थे।

साल 1950 में नगरपालिका चैयरमैन सैयद मोहतशिम की हत्या के बाद तत्कालीन उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने और 1991-92 में तत्कालीन अध्यक्ष आशिक अंसारी के हज पर चले जाने के कारण कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में नरेश कंसल ने अपनी भूमिका निभाई थी। साल 2007 में हबीब सिद्दीकी ने भाजपा के वीर सिंह सैनी को सिर्फ 250 वोटों से हराया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1989 से जनता के सीधे मत से नगर निगम अध्यक्ष, नगरपालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष आदि का चुनाव होते आ रहा है। इसके पहले चुने गए पार्षद या सदस्य अध्यक्ष चुनते थे। इस सीट पर साल 2007 में पहली बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी उतारा था।

विपिन गर्ग योगी सरकार में लोक निर्माण विभाग (PWD) राज्यमंत्री कुँवर बृजेश सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। वोटिंग के दौरान वे वहाँ मौजूद थे। विपिन की जीत के बाद कुँवर बृजेश सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि पसमांदा भाजपा को वोट करेगा। मुस्लिमों ने पीएम मोदी और सीएम योगी में विश्वास जताया है।

बताते चलें कि दिसंबर 2022 में रामपुर में हुए रामपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने इसी रिकॉर्ड को तोड़ा था। बीजेपी की टिकट पर खड़े व्यवसायी आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम रजा को लगभग 34,000 वोटों को हरा दिया था।

आजादी के बाद आकाश सक्सेना पहले गैर-मुस्लिम हैं, जिन्होंने इस सीट से जीत हासिल की है। अगर 1996 से 2002 और 2019 के दौरान को छोड़ दें तो साल 1985 से इस सीट पर आजम खान का कब्जा रहा है। उनके पहले भी इस सीट से मुस्लिम प्रत्याशी ही जीतते रहे हैं।

आकाश सक्सेना आजम खान के भ्रष्टाचार एवं गुंडई के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ते आ रहे थे। आजम खान के उन्होंने शिकायतें देनी शुरू की थी। आजम खान के खिलाफ दर्ज 43 मामलों में आकाश सक्सेना पक्षकार हैं। आजम खान को जेल की सजा के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता गई तो रामपुर सीट पर उपचुनाव हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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