Thursday, October 10, 2024
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कर्ज में डूबा, 4 साल से एडमिशन नहीं: दामाद के परिवार का मेडिकल कॉलेज, दरियादिल हुई भूपेश बघेल सरकार

मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के निर्णय के विरोध में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है। याचिका दाखिल करने वाले अमित चंद्राकर, उन्हीं चंदूलाल चंद्राकर के पोते हैं जिनके नाम से कॉलेज चल रहा है।

छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार ने चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण को लेकर विधानसभा में बुधवार (28 जुलाई 2021) को विधेयक पेश किया। दुर्ग में स्थित इस मेडिकल कॉलेज के सरकारी अधिग्रहण को लेकर जारी विवादों के बीच यह कदम उठाया गया है। आरोप है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर्ज में डूबे इस मेडिकल कॉलेज पर सरकारी दरियादिली अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुँचाने के लिए दिखा रहे हैं। हालाँकि इन आरोपों को वे पूर्व में ही सिरे से नकार चुके हैं। इस बीच यह मामला हाईकोर्ट में भी पहुँच गया है।

चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का संचालन पिछले करीब 12 सालों से विवादों में रहा है। आखिरी बार 2017 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के इंस्पेक्शन के बाद 150 सीटों पर दाखिला दिया गया था। लेकिन उसके बाद से कॉलेज की हालत और भी खराब होती चली गई। कॉलेज की आर्थिक स्थिति सही नहीं रही और वर्तमान में कॉलेज की यह हालत है कि पिछले 4 सालों से कॉलेज में जीरो ईयर की स्थिति है। अर्थात कॉलेज में चार सालों से कोई एडमिशन नहीं हुआ है। यहाँ तक कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को भी कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल सका।

इस विवादित मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के निर्णय के विरोध में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई है और याचिका दाखिल करने वाले कोई और नहीं बल्कि जिनके नाम पर यह कॉलेज है, उन चंदूलाल चंद्राकर के पोते अमित चंद्राकर हैं। अमित का आरोप है कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अवैध दस्तावेजों का उपयोग करके बैंक से लोन लिया है। अमित के द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि उनके दादा के द्वारा अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के लिए कई सालों पहले जमीन लीज पर ली गई थी। लेकिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के द्वारा इस जमीन को गिरवी रखकर इंडियन बैंक से लोन ले लिया गया और लोन की राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है जिसके कारण कॉलेज आज घाटे में है।

लोन की राशि न जमा होने के कारण बैंक ने भी अब कॉलेज को नीलाम करने की घोषणा कर दी थी। इसी बीच राज्य सरकार द्वारा कॉलेज और अस्पताल के अधिग्रहण संबंधी विधेयक को विधानसभा में पेश किया गया है। अमित द्वारा बैंक और राज्य सरकार के निर्णयों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है जिस पर आगामी दिनों में सुनवाई हो सकती है। छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस के जॉइंट सेक्रेटरी अमित चंद्राकर ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दामाद को इस बिल के जरिए फायदा पहुँचाना चाहते हैं।

राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए छत्तीसगढ़ चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज दुर्ग (अधिग्रहण) बिल, 2021 विधानसभा में पेश किया। इस अधिग्रहण के संबंध में विवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि कॉलेज के मालिकाना हक़ उस परिवार के पास हैं, जिसमें बघेल की बेटी की शादी हुई है। सीएम भूपेश बघेल की बेटी दिव्या की शादी मंगल प्रसाद चंद्राकर के भतीजे क्षितिज चंद्राकर से हुई है। क्षितिज ‘ऑल इंडिया प्रोफेसनल कॉन्ग्रेस’ की छत्तीसगढ़ यूनिट के अध्यक्ष भी हैं। वो कहते हैं कि उनके पिता और चाचा 6-7 वर्ष पहले ही सौहार्दपूर्ण तरीके से अलग हो गए हैं। लेकिन, फिर भी वो छात्रों के हित में कॉलेज के अभिग्रहण का समर्थन करते हैं।

हालाँकि यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि भले ही इस अधिग्रहण को छात्रों के हित में उठाया जाने वाला कदम बताया जा रहा है लेकिन 01 जुलाई 2021 को ही मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के सचिव ने पत्र लिखकर चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के छात्रों को राज्य के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरित करने के लिए कहा था जिसके कारण छात्रों के भविष्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसे लेकर भूपेश बघेल सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि भूपेश बघेल अपने दामाद का निजी महाविद्यालय बचाने के लिए उसे सरकारी कोष से खरीदने की कोशिश में हैं। सिंधिया ने आरोप लगाया था कि प्रदेश की राशि का उपयोग अपने दामाद के लिए किया जा रहा है, वो भी एक ऐसे मेडिकल कॉलेज जिस पर धोखाधड़ी के आरोप MCI द्वारा लगाए गए थे। सिंधिया के अलावा केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी दिवालिया घोषित हो चुके इस कॉलेज के अधिग्रहण को लेकर राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार की आलोचना की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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