उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (4 अप्रैल, 2025) को पशुपालन और डेयरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में गौसेवा, डेयरी उद्योग और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।
उन्होंने सरकारी इमारतों पर गोबर आधारित प्राकृतिक पेंट के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही और डेयरी क्षेत्र को तकनीक तथा नवाचार से सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस योजनाएँ तैयार करने का निर्देश दिया। हालाँकि, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इससे भड़क गए और उन्होंने तंज कसते हुए इसे ‘गोबरनामा’ बताया और ‘भाजपा का का नया कारनामा’ करार दिया। जबकि यादव समाज पशुपालक रहा है। इससे पहले अखिलेश यादव ने गोबर से दुर्गन्ध आने की बात कही थी।
उन्होंने मंडल स्तर पर स्वदेशी गायों की नस्लों के लिए प्रतियोगिताएँ आयोजित करने और उत्कृष्ट गौ आश्रय स्थलों को सम्मानित करने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही गाय आधारित उत्पादों का निर्माण करने वाले संगठनों के लिए नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने हेतु प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का सुझाव भी दिया।
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक 40,968.29 हेक्टेयर चरागाह भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है, जिसमें से 12,168.78 हेक्टेयर भूमि को हरे चारे के उत्पादन के लिए समर्पित किया गया है। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं, जिनमें महिला स्वयं सहायता समूहों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अब तक 21,884 “गौसेवकों” को प्रशिक्षण देकर तैनात किया गया है।
जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए। इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा: #UPCM @myogiadityanath
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 4, 2025
बरेली में आईएफएफसीओ, आवंला के सहयोग से जैविक खाद और गोमूत्र प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना प्रगति पर है। राज्यभर के 7,693 गौ आश्रय स्थलों में लगभग 11.49 लाख गायों को आश्रय प्रदान किया गया है, जिनकी निगरानी सीसीटीवी कैमरों और नियमित निरीक्षणों के माध्यम से की जा रही है। मुख्यमंत्री ने आश्रयों में पशु चिकित्सा सुविधाएँ नियमित रूप से उपलब्ध कराने, भूसा बैंक की स्थापना, और चारा, चोकर व पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।