इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के मठों और मंदिरों को लूटने वाले और भारतीय संस्कृति को नेस्तनाबूद करने का मंसूबा लेकर आने वाले सैयद सालार मसूद गाजी को महाराजा सुहेलदेव ने अपनी कूटनीति और युद्धनीति का करिश्मा दिखाया और जहन्नुम में पहुँचा दिया।
बीएसपी, एसपी और कॉन्ग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म, संस्कृति , राष्ट्र की रक्षा करने वाले महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम को भुला कर विदेशी आक्रांताओं का महिलामंडन किया गया
उन्होंने कहा, “बहराइच का मुख्य आयोजन महाराजा सुहेलदेव जी के नाम पर होगा। बालार्क ऋषि या आदिशक्ति माँ पाटेश्वरी देवी के नाम पर होगा। महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम को भुलाकर विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन कर हर वर्ष उनका विवाह कराते थे। ये सब मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति की वजह से हो रहा था। पीएम मोदी के नेतृत्व में जब एनडीए की सरकार बनी तो देशी रियासतों को मिलानेवाले सरदार पटेल का सम्मान किया गया। अयोध्या में राम दरबार भी सज गया और काशी, अयोध्या के बाद मथुरा में कॉरिडोर का काम शुरू हो रहा है।”
महाराजा सुहेलदेव पर शोध करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने की योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने महाराजा सुहेलदेव विजयोत्सव में दशकों से अपनी भूमिका निभाने वाले दिवंगत पंडित हनुमान शर्मा, पंडित गुलाब चंद शुक्ल,विहिप के पूर्व अध्यक्ष संतराम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम योगी ने चित्तौरा झील के तट पर निर्मित महाराजा सुहेलदेव स्मारक का लोकार्पण किया। करीब ₹39.49 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कराया गया है। महाराजा सुहेलदेव की 40 फीट ऊँची प्रतिमा है जिसके हाथ में भाला और कंधे पर धनुष है और वह घोड़े पर सवार हैं।
इस मौके पर 5 बच्चों का अन्नप्राशन भी कराया गया। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने इस मौके पर शौर्य मेले का आयोजन किया। राजभर ने ही कार्यक्रम को आयोजित करने का ऐलान किया था।