Thursday, November 14, 2024
Homeराजनीतिकॉन्ग्रेस की चंदाखोरी में फिर निकला झोल: पार्टी के पोस्टर में शेयर किया 'डोनेट...

कॉन्ग्रेस की चंदाखोरी में फिर निकला झोल: पार्टी के पोस्टर में शेयर किया ‘डोनेट फॉर देश’ का फर्जी लिंक, पैसा गया दूसरों के खातों में

कॉन्ग्रेस ने चंदा माँगने के अभियान के लिए एक फर्जी वेबसाइट का जोर-शोर से प्रचार किया, जो कि चंदा माँगने के लिए बनाई गई इसकी आधिकारिक वेबसाइट की तरह ही दिखती है। हालाँकि, इस पर भेजा गया पैसा पार्टी को ना मिलकर किसी और के पास जाता है।

कॉन्ग्रेस ने एक बार फिर अपने चंदा माँगने के अभियान ‘डोनेट फॉर देश’ के जरिए खुद की फजीहत करवा ली है। इस बार मूर्खता का स्तर कुछ ज्यादा बड़ा है। कॉन्ग्रेस ने चंदा माँगने के अभियान के लिए एक फर्जी वेबसाइट का जोर-शोर से प्रचार किया, जो कि चंदा माँगने के लिए बनाई गई इसकी आधिकारिक वेबसाइट की तरह ही दिखती है। हालाँकि, इस पर भेजा गया पैसा पार्टी को ना मिलकर किसी और के पास गया।

कॉन्ग्रेस ने बुधवार (10 जनवरी 2024) को राहुल गाँधी की आगामी ‘भारत न्याय यात्रा’ के लिए एक स्पेशल पैम्फलेट जारी किया। इस पैम्फलेट में कॉन्ग्रेस के चंदा एकत्रीकरण अभियान ‘डोनेट फॉर देश’ की वेबसाइट और चंदा देने के लिए QR कोड भी दिया गया था। वह बात अलग है कि वेबसाइट और QR कोड, दोनों ही गलत थे।

कॉन्ग्रेस के आधिकारिक पोस्टर में दिया गया फर्जी लिंक
कॉन्ग्रेस के आधिकारिक पोस्टर में दिया गया फर्जी लिंक

डोनेट फॉर देश अभियान की आधिकारिक वेबसाइट Donateinc.in है, लेकिन यात्रा को लेकर जारी पैम्फलेट में Donateinc.co.in प्रिंट किया गया था। यही हाल QR कोड का भी था। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि गलत वेबसाइट Donateinc.co.in खोलने पर एक वेबसाइट खुलती है जहाँ कॉन्ग्रेस के इस चंदा लेने के अभियान की आधिकारिक वेबसाइट की तरह ही सभी जानकारी और तस्वीरें उसी स्टाइल में लिखी हुई हैं।

कॉन्ग्रेस चंदा फर्जी वेबसाइट
ऐसी दिखती है फर्जी वेबसाइट

यह साफ है कि यह फर्जी वेबसाइट कॉन्ग्रेस को चन्दा देने वाले लोगों को चूना लगाने के उद्देश्य से बनाई गई है। अगर कोई व्यक्ति सतर्क नहीं है और इस पर पैसा डालता है तो उसे लगेगा कि यह पैसा कॉन्ग्रेस को जा रहा है, लेकिन असल में यह पैसा अनजान लोगों को जाएगा। यह फर्जी वेबसाइट अभी भी (रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक) UPI (फ़ोनपे, गूगल पे, भीम, पेटीएम) के जरिए चंदा ले रही है।

चूँकि यह QR कोड और url कॉन्ग्रेस की आधिकारिक पैम्फलेट में है, इसलिए लोगों को इसके फर्जी होने का शक नहीं होगा। ऊपर से इस वेबसाइट ने चंदा इकट्ठा करने के लिए बनाई गई वेबसाइट से सब कुछ कॉपी कर लिया है। जो भी व्यक्ति इसके जरिए कॉन्ग्रेस को पैसा देना चाह रहा है उसे अधिक सतर्क रहना होगा, ताकि वह जान सके कि पैसा कॉन्ग्रेस को नहीं बल्कि कहीं और ही जा रहा है।

कॉन्ग्रेस को पैसा देने के लिए इस लिंक को खोलने के बाद गूगल पे पर भुगतान वाले पेज पर ऊपर की तरफ इंडियन नेशनल कॉन्ग्रेस नाम लिखा दिखेगा। हालाँकि, नीचे की तरफ इस पेज में बैंकिंग नाम की जगह पर ‘रोज कैश’ नाम लिखा दिखता है। इससे स्पष्ट होता है कि यह एक घोटाला है।

फर्जी लिंक खोलने पर यह जानकारी आती है
फर्जी लिंक खोलने पर यह जानकारी आती है

भले ही गहन जाँच के बाद यह पकड़ में आ जाता हो, लेकिन हर व्यक्ति इस मामले में सतर्कता नहीं बरत सकता और ना ही इस गड़बड़ी को पकड़ सकता है। इसके पीछे वजह यह है कि वह कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए एक आधिकारिक दस्तावेज़ के क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद ही वह वेबसाइट पर पहुँचा है। रिपोर्ट के अनुसार, इसके कारण कॉन्ग्रेस को अब तक लाखों रुपए का चूना लग चुका है।

गूगल में खोजने पर पता चलता है कि रोज कैश नाम के कुछ एप हैं, जो वादा करते हैं कि जो भी इन एप को डाउनलोड करके साइनअप करेगा और कुछ एक्टिविटी करेगा तो उन्हें पैसा मिलेगा। हालाँकि, स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि कॉन्ग्रेस को चूना लगाने के लिए बनाई गई है। हालाँकि, यह जरूर कहा जा सकता है कि यह एक घोटाला है और कॉन्ग्रेस को चूना लग चुका है।

इस पूरे मामले में यह बात गौर करने वाली है कि कॉन्ग्रेस ने इस पूरे गड़बड़झाले पर कोई विशेष आपत्ति नहीं दर्ज करवाई है, जबकि इसमें बड़ी संख्या में लोग कॉन्ग्रेस को पैसा देने के नाम पर मूर्ख बन रहे हैं। कॉन्ग्रेस ने जब यह अभियान चालू किया था तो इसके लिए Donatefordesh.com और Doantefordesh.org वेबसाइट डोमेन को नहीं खरीदा था। इसको लेकर कॉन्ग्रेस ने खूब हो-हल्ला किया था।

यह बात अलग है कि पिछली बार कॉन्ग्रेस के किसी कार्यकर्ता के साथ धोखाधड़ी नहीं हो रही थी। ऐसा इसलिए था, क्योंकि यह लिंक खोलने पर यूजर दूसरी वेबसाइट पर पहुँचा जाता था, जहाँ कॉन्ग्रेस से सम्बंधित कुछ भी नहीं लिखा होता था। हालाँकि, इस बार के घोटाले में जो वेबसाइट खुलती है, वह कॉन्ग्रेस की हू-ब-हू वेबसाइट जैसी ही है।

इस फर्जी वेबसाइट के बारे में सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी बताती है कि यह वेबसाइट राजस्थान के किसी व्यक्ति द्वारा 19 दिसम्बर 2023 को बुक की गई थी। इसके सिर्फ एक दिन पहले यानी 18 दिसम्बर 2023 को डोनेट फॉर देश को कॉन्ग्रेस ने आधिकारिक रूप से शुरू किया था।

कॉन्ग्रेस के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी हो रही है, इसके बावजूद कॉन्ग्रेस ने कभी भी यह नहीं कहा कि वह इसके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाएगी। यह भी पता नहीं चल सका है कि कॉन्ग्रेस के आधिकारिक पोस्टर में यह फर्जी वेबसाइट कैसे आई।

यह रिपोर्ट अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बिहार के एक अस्पताल से शुरू हुई दलित लड़के-मुस्लिम लड़की की प्रेम कहानी, मुंबई में रघुनंदन को काटकर मोहम्मद सत्तार ने कर दिया अंत:...

दरभंगा के रघुनंदन पासवान का 17 वर्षीय मुस्लिम प्रेमिका से संबंध था, जिससे लड़की के परिवार के लोग नाराज थे।

ट्रंप सरकार में हिंदू नेता भी, जानिए कौन हैं तुलसी गबार्ड जो होंगी अमेरिकी इंटेलीजेंस की मुखिया: बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भी उठा चुकी...

डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद तुलसी गबार्ड को डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलिजेंस (DNI) नियुक्त किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -