कॉन्ग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से विश्व के सबसे बड़े समाजसेवी संगठन ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)’ को लेकर एक ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में, आरएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा पहने जाने वाली ‘हाफ पैंट’ को जलता हुआ दिखाया गया है। साथ ही फोटो में ‘145 दिन और’ का कैप्शन दिया गया है।
To free the country from shackles of hate and undo the damage done by BJP-RSS.
— Congress (@INCIndia) September 12, 2022
Step by step, we will reach our goal.#BharatJodoYatra 🇮🇳 pic.twitter.com/MuoDZuCHJ2
यही नहीं, कॉन्ग्रेस ने इस ट्वीट में लिखा है, “देश को नफरत की बेड़ियों से मुक्त कराने और भाजपा-आरएसएस द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए कदम दर कदम हम अपने लक्ष्य तक पहुँचेंगे।” साथ ही पार्टी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का हैशटैग भी लगाया। BJYM अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कॉन्ग्रेस पर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसने 1984 में दिल्ली को जलाया और इसके इकोसिस्टम ने गोधरा में 59 हिन्दुओं को जलाया।
गौरतलब है, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और वायनाड से सांसद राहुल गाँधी ने कंटेनरों के एक बेड़े के साथ ‘भारत जोड़ो’ यात्रा शुरू की है। इस यात्रा के माध्यम से राहुल गाँधी 2024 के लोकसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए कॉन्ग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ यात्रा कर रहे हैं।
कॉन्ग्रेस ने राहुल गाँधी की इस यात्रा को भारत को ‘एकजुट’ करने वाले कदम के रूप में दिखाने का प्रयास किया था। इसके लिए करोड़ों रुपए भी खर्च किए जा रहे हैं। हालाँकि, कॉन्ग्रेस आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से जिस तरह की फोटो शेयर की गई है, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों को ‘जलाकर राख करने’ की ओर इशारा कर रही है।
इन तमाम बातों के बीच यह जानना आवश्यक है कि कॉन्ग्रेस नेताओं और समर्थकों ने सोशल मीडिया में न केवल आरएसएस के स्वयंसेवकों बल्कि उन तमाम लोगों के साथ ऐसा व्यवहार किया है जो लोग कॉन्ग्रेस की विचारधारा का समर्थन नहीं करते हैं। इतना ही नहीं, कॉन्ग्रेसी हमेशा ही ‘संघी’ शब्द का उपयोग करते हुए अपमान जनक टिप्पणी करते रहे हैं।
वास्तव में, कॉन्ग्रेस के समर्थकों ने ‘संघियों’ को एक कैंप में बंद करके ‘बेल्ट ट्रीटमेंट’ देने तक की बात कही है। यहाँ यह समझना जरूरी हो जाता है कि ‘संघी’ हिंदुओं के लिए उपयोग किया गया एक रूपक मात्र है। कॉन्ग्रेसी जानते हैं कि ‘हिंदू’ शब्द का प्रयोग उन्हें संकट में डाल सकता है। इसलिए, वे हिंदुओं के स्थान पर ‘संघी’ का प्रयोग कर अपनी नफरत और कट्टरता दिखाते हैं। यही नहीं, सोशल मीडिया में यह देखने को मिलता रहता है कि कॉन्ग्रेसी ‘संघियों’ के लिए मौत की दुआएँ करते हैं।
यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि कॉन्ग्रेसी ‘संघियों’ को इंसान नहीं मानते और यदि इंसान मानते भी हैं तो अपना नहीं मानते। कॉन्ग्रेसियों ने अक्सर ही ‘राष्ट्रवादी’ शब्द का इस्तेमाल ‘संघियों’ के खिलाफ एक कलंक के रूप में किया है। इसलिए जब ‘कॉन्ग्रेस’ ‘संघियों’ को इंसान ही नहीं मानती तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वे उन्हें मारना चाहती है।
कुल मिलाकर देखें तो, कॉन्ग्रेस ‘राष्ट्रवादियों’ या ‘संघियों’ से छुटकारा चाहती है। हालाँकि, इसमें हास्यास्पद यह है कि कॉन्ग्रेस के ‘युवराज’ एक ओर ‘भारत जोड़ो’ की बात कर रहे हैं और वहीं उनकी पार्टी ‘संघियों’ को जलाने और ‘मार डालने’ की मंशा रखती है।