Sunday, October 13, 2024
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‘जब भैया (अखिलेश यादव) आएँगे तो तेरा क्या होगा’: एक डरे हुए मुस्लिम से मिलिए, जय श्रीराम पर कट्टरपंथी कह रहे- सु@र, ह#म का बच्चा…

"अब मुझे सुरक्षा मिल गई है। फिर भी घर से निकलते ही लोग कहने लगते हैं- ये वही है सु@र, ह#म का बच्चा... जिसने जय श्रीराम के नारे लगाए।"

‘डरा हुआ मुस्लिम’ नैरेटिव वाली कई खबरें आपने पढ़ी होंगी। लेकिन डरा हुआ मुस्लिम असल में कैसा होता है? वह किससे डरा होता है? यह जानना है तो अहसान राव (Ahsan Rao) से मिलिए। देवबंद (Deoband) में रहने वाले इस युवा के अनुसार उसे सु@र, कुत्ता, ह#म का बच्चा… जैसी गालियाँ दी जा रही है। पूछा जा रहा- 10 मार्च के बाद तेरा क्या होगा? 10 मार्च को जब योगी मठ में जाएँगे और भैया (अखिलेश यादव) आएँगे तो तेरा क्या होगा?

उल्लेखनीय है कि 10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने हैं। उत्तर प्रदेश (UP Election 2022) में 11 जिलों की 58 सीटों पर पहले चरण में 10 फरवरी को वोट डाले जाएँगे। इन सीटों में सहारनपुर जिले की देवबंद सीट भी शामिल है। करीब साढ़े तीन लाख मतदाताओं वाले इस सीट पर सवा लाख तक मुस्लिम वोटर बताए जाते हैं।

अहसान राव को धमकी देने वाले कौन

अहसान राव के अनुसार उन्हें अपनी गली-गाँव से लेकर विदेश तक से धमकी मिल रही है। घर से निकलना हो या सोशल मीडिया पर पोस्ट करना, अहसान को गाली ही मिल रही। वजह, उन्होंने दिसंबर 2021 में सहारनपुर की एक रैली में ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे। इस रैली को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया था।

अहसान ने ऑपइंडिया को बताया, “नारे लगाने का वीडियो वायरल होने के बाद मेरे पास फोन आने शुरू हो गए। पाकिस्तान से कॉल आए। दुबई से कॉल आए। कतर से कॉल आए। कहने लगे आप वसीम रिजवी बन जाइए या माफी माँग लीजिए। किस बात की माफी माँग लूँ।” वे आगे बताते हैं, “मेरे गाँव में भी कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू किया। अब मुझे सुरक्षा मिल गई है। फिर भी घर से निकलते ही लोग कहने लगते हैं- ये वही है सु@र, कुत्ता, ह#म का बच्चा… जिसने जय श्रीराम के नारे लगाए।” यह पूछे जाने पर कि गाली देने वाले लोग कौन हैं, “अहसान कहते हैं, हमारे समाज के ही लोग हैं। जहाँ भी मैं जाता हूँ, वे गाली धमकी देते हैं। सब लोग इस इंतजार में हैं कि भैया (अखिलेश यादव) आएँगे, सरकार बदलेगी तो बदला लेंगे। मेरे पिता को, घरवालों को, रिश्तेदारों को, सबको बरगलाने का काम कर रहे। जिस मुल्क में रहता हूँ, उसका जय जयकार करना कौन सा गुनाह है?”

दो तरह के मुस्लिम: एक कलाम को मानने वाले, दूसरे कसाब को

उन्होंने ऑपइंडिया को बताया, “मैंने भी दारूल उलूम से इस्लाम और कुरान शरीफ की पढ़ाई की है। इन लोगों ने पता नहीं कौन सा इस्लाम पढ़ा है। इस्लाम कहता है कि आप जिस मुल्क में रहते हैं, उससे मुहब्बत करें। उसके लिए जान कुर्बान होने पर जन्नत मिलती है। आज दो तरह के मुस्लिम हैं। एक कलाम को फॉलो करने वाले मेरे जैसे लोग। दूसरे कसाब को मानने वाले लोग। कलाम साहब ने देश को बुलंदियों पर पहुँचाया। उन पर सभी हिन्दुस्तानी गर्व करते हैं। लेकिन कुछ लोग कसाब पर भी खुश होते हैं। यही लोग हमारे सीडीएस की मौत पर मजाक उड़ा रहे थे। यही लोग अहसान का विरोध करते हैं। मैं कहता हूँ हम जिस देश में रहते हैं, हमें उस देश की वफादारी करनी चाहिए। यही इस्लाम कहता है। मैं अपने देश के लिए जान कुर्बान करने को तैयार हूँ।”

देवबंद के ही उलेमा मुफ़्ती असद कासमी ने अहसान को इस्लाम से खारिज करने की धमकी दी थी। इसके बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं, “क्या मुुफ्ती साहब ने उन पर भी कभी कोई फतवा लगाया जो ‘जय भीम’ बोलते हैं। केवल अहसान पर ही सारा इस्लाम जाग रहा।” अहसान ने बताया कि धमकी मिलने के बाद से स्थानीय प्रशासन और भाजपा नेताओं का उन्हें सहयोग मिल रहा है। देवबंद से बीजेपी उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक बृजेश सिंह ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से धमकी देने वाले लोगों को चेताया था। इसी तरह का आश्वासन अन्य दलों, दारूल उलूम अथवा यहॉं मुस्लिमों के बीच खासा प्रभाव रखने वाले मदनी परिवार से मिलने से अहसान इनकार करते हैं। उनका दावा है, “मदनी साहब कभी किसी मैटर में खुद सामने नहीं आते। उनके जैसे और भी बहुत सारे लोग हैं जो खुलकर सामने नहीं आ रहे। लेकिन अपने लोगों को बरगलाकर, भड़काकर काम करवाते हैं। ओवैसी को दारूल उलूम आने की इजाजत नहीं दी गई। लेकिन मदनी साहब के भतीजे ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। उस पार्टी से एहसान या कोई और मुसलमान लड़ता को उसका विरोध होता। जब उनके परिवार का लड़का लड़ रहा है तो सही है, जायज है। इस्लाम में कहाँ लिखा है कि दूसरे पर फतवा जारी हो सकता है, आप पर नहीं हो सकता है।”

जब तक हूँ जय श्रीराम कहता रहूँगा

अहसान का कहना है कि उनका विरोध कर रहे लोग वे हैं जो अफ्रीका होते हुए पाकिस्तान जाते हैं। जिन्हें विदेशों से पैसा मिलता है। जो 70 साल से कॉन्ग्रेस के तलवे चाट रहे हैं। उसके इशारे पर काम करते हैं। वे कहते हैं, “यदि ऐसा नहीं होता तो बसपा में रहने वाले मुस्लिम का जय भीम कहना ठीक, आएलडी के मुस्लिम नेता का चौधरी चरण सिंह की जयंती और पुण्यतिथि मनाना ठीक और बीजेपी-संघ से जुड़े मुस्लिमों का जय श्रीराम कहने पर विरोध क्यों होता?” वे बताते हैं, “जो मुस्लिम पढ़ा-लिखा है, युवा है, अपने राष्ट्र के प्रति जागरूक है, आज भाजपा के साथ है।” यह पूछे जाने पर कि जिस तरह से धमकी दी जा रही है, नाते-रिश्तेदारों ने जैसे उनसे दूरी बना ली है, क्या उन्हें ये नारे लगाने पर अफसोस है, अहसान जवाब देते हैं, “मुझे ऐसा कोई भी अफसोस नहीं है। मैं जब तक रहूँगा जय श्रीराम और भारत माता की जय-जयकार करता रहूँगा।”

साथ में राहुल पांडेय

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अजीत झा
अजीत झा
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