Tuesday, March 19, 2024
Homeदेश-समाजमर गए 14 और बच्चे: कोटा के जेके लोन अस्पताल में टूटे हुए हैं...

मर गए 14 और बच्चे: कोटा के जेके लोन अस्पताल में टूटे हुए हैं ख़िड़की-दरवाजे, घूमते हैं सूअर

अस्पताल के NICU और PICU में 25 दिसंबर से 29 दिसंबर के बीच 6 नवजात समेत 14 बच्चों की मौत हुई है। इससे पहले 24 दिसंबर तक 77 शिशुओं की यहाँ मौत हुई थी।

राजस्थान के कोटा के जेकेलोन अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 5 दिनों में यहाँ 14 और बच्चों की मौत हो गई है। जिसके बाद इस अस्पताल में एक महीने के भीतर मरने वाले बच्चों की संख्या 77 से 91 पहुँच गई है। खुद, जेके लोन के नए अधीक्षक सुरेश दुलारा ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल के NICU और PICU में 25 दिसंबर से 29 दिसंबर के बीच 6 नवजात समेत 14 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 24 दिसंबर तक 77 शिशुओं की यहाँ मौत हुई थी और इनमें से 10 शिशुओं की मौत 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर हुई थी।

बाल रोग विभाग के प्रमुख ने इस संबंध में कहा कि वह 25 दिसंबर तक 77 शिशुओं की मौत के पीछे के कारणों का विश्लेषण कर रहे हैं। बाद में जिन 14 शिशुओं की मौत हुई, उनमें से 4 की मौत गंभीर निमोनिया, 1 की मौत मेनिंगोएनसेफेलाइटिस, 4 की मौत जन्मजात निमोनिया, 3 की मौत सेप्सिस और 1 की मौत सांस संबंधी बीमारी के कारण हुई।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण (NCPCR) ने भी लिया संज्ञान

गौरतलब है कि अस्पताल में नवजात बच्चों की लगातार हो रही मौत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण (NCPCR) ने भी संज्ञान लिया है। NCPCR के अध्यक्ष ने अस्पताल में हालातों को मुआएना करने के बाद कोटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को तलब कर राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, NCPCR के अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने कोटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बीएस तंवर को 3 जनवरी तक पेश होने को कहा है। वहींं, राज्य के चिकिस्ता शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गालरिया को भी कारण बताओ नोटस जारी कर 3 दिन के अंदर इस मामले की रिपोर्ट आयोग को सौंपने के लिए कहा गया है।

यहाँ बता दें कि NCPCR की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल की जर्जर हलात और वहाँ पर साफ-सफाई को बरती जा रही लापरवाही बच्चों की होतीं मौत का एक अहम कारण है। अपनी रिपोर्ट में NCPCR ने बताया है कि अस्पताल की ख़िड़कियों में शीशे नहीं हैं, दरवाजे टूटे हुए हैं, जिस कारण अस्पताल में भर्ती बच्चों को मौसम की मार झेलनी पड़ती है। इसके अलावा अस्पताल के कैंपस में सूअर भी घूमते पाए गए।

बच्चों की होती लगातार मौत पर भाजपा सख्त

राजस्थान सरकार एक ओर जहाँ इन मौतों को पिछले सालों के मुकाबले सबसे कम बताकर दरकिनार करने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस पर अपना कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। इसके मद्देनजर बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जाँच के लिए 4 सांसदों का एक पैनल बनाकर उन्हें 3 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस पैनल में लोकसभा सांसद जसकौर मीणा, लॉकेट चटर्जी, भारती पवार और राज्यसभा सांसद कांता कर्दम शामिल हैं। अब यह टीम मंगलवार को यानी आज अस्पताल का दौरा करेगी और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को इसकी रिपोर्ट सौंपेगी।

इसके अलावा, नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष नेता एवं राजस्थान में भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने रविवार को अचानक अस्पताल का निरीक्षण कर पहले ही दावा किया है कि अस्पताल में मासूम बच्चों को साफ हवा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। यही नहीं, बीजेपी नेता का कहना है कि अव्यवस्था के बीच गंभीर बीमारियों से जूझते इन बच्चों की देखभाल के लिए नर्स नहीं, बल्कि उनकी माँ खड़ी रहती हैं।

‘अगस्त में बच्चे मरते ही हैं’ और ‘बच्चों की मौत कोई नई बात नहीं’ के बीच मीडिया की नंगी सच्चाई

केवल 900 मरे हैं, 6 साल में यह सबसे कम है: बच्चों की मौत पर अशोक गहलोत ने कहा- यह नई बात नहीं

48 घंटों में 10, एक महीने में 77 बच्चों की मौत: राजस्थान के डॉ कह रहे – सब मौतें सामान्य, अस्पताल की लापरवाही नहीं

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर K कविता ने रची थी साजिश, AAP को दिए थे ₹100 करोड़: दिल्ली शराब घोटाले पर ED का बड़ा खुलासा

बीआरएस नेता के कविता और अन्य लोगों ने AAP के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर शराब नीति कार्यान्वयन मामले में साजिश रची थी।

क्या CAA पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में 200+ याचिकाओं पर होगी सुनवाई, बोले CM सरमा- असम में 3-5 लाख प्रताड़ित हिन्दू नागरिकता के...

CM सरमा ने बताया कि असम में NRC की अंतिम सूची जारी होने के बाद लगभग 16 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिली थी। इसमें 7 लाख मुस्लिम हैं जबकि बाकी कोच-राजबंशी और दास जैसे उपनाम वाले असमिया हिन्दू हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe