मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद अब गुजरात में भी कॉन्ग्रेस की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। यहॉं बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव का गणित इस कदर उलझा दिया है कि उसे क्रॉस वोटिंग का खतरा दिख रहा है। इसे देखते हुए उसने अपने विधायकों को राजस्थान शिफ्ट करने का फैसला किया है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर खतरा मंडराने के बाद से कॉन्ग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के ही रिसॉर्ट में रख रखा है।
गुजरात कॉन्ग्रेस विधायक हर्षद रिबाड़िया का कहना है कि हॉर्स ट्रेडिंग के भय से वे लोग खुद को राजस्थान शिफ्ट करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार के राज्यसभा चुनाव में भी कॉन्ग्रेस विधायकों को बीजेपी ने अपने पाले में लाने की कोशिश की थी। इस बार फिर से ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए विधायकों को सुरक्षित रखकर उन्हें वोट देने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
Gujarat Congress MLA Harshad Ribadiya: Horse trading occurred in the last Rajya Sabha elections in the state so we, the Congress MLAs, have decided to move to Rajasthan to keep us away from attempts of poaching during these polls. MLAs will be trained on voting in the elections. https://t.co/m12WNtyMH7 pic.twitter.com/xS1vz0nPsj
— ANI (@ANI) March 14, 2020
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 35 कॉन्ग्रेस विधायक जयपुर और 15 उदयपुर ले जाए जा रहे हैं। विधायकों के एक जत्थे के साथ राज्यसभा उम्मीदवार शक्ति सिंह गोहिल तो दूसरे के साथ दूसरे राज्यसभा उम्मीदवार भरत सिंह सोलंकी होंगे। यह कदम पॉंच विधायकों के पाला बदलने की आशंका को देखते हुए उठाया गया है। असल में गुजरात विधानसभा का जो मौजूदा गणित है उसमें दो-दो सीट पर भाजपा और कॉन्ग्रेस उम्मीदवारों की जीत पक्की है। लेकिन, भाजपा तीन सीट जीतने का दावा कर रही है। उसके तीन उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने बजट सत्र स्थगित कर फ्लोर टेस्ट की मॉंग की है। बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मिलकर इसका अनुरोध किया। उनसे कहा कि वे राज्य सरकार को बहुमत साबित (फ्लोर टेस्ट) करने के लिए निर्देश दें। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और रामपाल सिंह प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के कारण पैदा हुआ है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।
इसके अलावा बताया जा रहा है कि राजस्थान में भी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। इतना ही नहीं राज्यसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक करीबी को उम्मीदवार बनाए जाने से भी पार्टी नेता नाराज हैं।