Wednesday, May 1, 2024
Homeराजनीतिक्या हिजाब, गोहत्या और धर्मांतरण पर कानून बदलेगी कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार, एमनेस्टी की...

क्या हिजाब, गोहत्या और धर्मांतरण पर कानून बदलेगी कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार, एमनेस्टी की माँग पर खड़गे के मंत्री बेटे ने दिए संकेत

दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कॉन्ग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर वह सत्ता में आएगी तो राज्य में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देगी। बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की कॉन्ग्रेस की घोषणा की देश भर में आलोचना हुई थी। भाजपा ने तो बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़ दिया था।

कर्नाटक (Karnataka) में सरकार बनाते ही कॉन्ग्रेस (Congress) ने अपने वादे के अनुसार मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनानी शुरू कर दी है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में राज्यमंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि राज्य मे हिजाब पर प्रतिबंध, गोवध प्रतिबंध और धर्मांतरण कानून सहित अन्य मामलों पर विचार किया जाएगा।

कर्नाटक के सिद्धारमैया सरकार में राज्यमंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा, “हम अपने रुख को लेकर बहुत स्पष्ट हैं। हम ऐसे किसी भी कार्यकारी आदेश की समीक्षा करेंगे, हम किसी भी विधेयक की समीक्षा करेंगे जो कर्नाटक की आर्थिक नीतियों के प्रतिकूल है। जो राज्य की खराब छवि प्रस्तुत करता है।”

उन्होंने आगे कहा, “कोई भी विधेयक जो आर्थिक गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, कोई भी विधेयक जो रोजगार पैदा नहीं करता है, कोई भी विधेयक जो किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करता है, कोई भी विधेयक जो असंवैधानिक है उसकी समीक्षा की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो उसे रद्द किया जाएगा।”

बताते चलें कि राज्य में कॉन्ग्रेस की सरकार बनते ही मानवाधिकार के नाम पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने अपनी तीन प्रमुख माँगें रखी थीं। उसने कहा था कि कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध, धर्मांतरण विरोधी कानून और गोवध कानून का सरकार समीक्षा करेगी।

एमनेस्टी इंडिया ने अपनी पहली माँग में शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने को कहा। उसने कहा, “यह प्रतिबंध मुस्लिम लड़कियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और शिक्षा के अधिकार के बीच चयन करने के लिए मजबूर करता है। इससे समाज में सार्थक रूप से भाग लेने की उनकी क्षमता बाधित होती है।”

अपनी दूसरी माँग में पशु क्रूरता (रोकथाम) अधिनियम 2020 और कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक 2022 के प्रावधानों की समीक्षा करने और उन्हें निरस्त करने के लिए कहा। दूसरे शब्दों में, एमनेस्टी इंडिया ने कर्नाटक में गोहत्या की अनुमति और हिंदू विरोधी ताकतों को राज्य में धर्मांतरण रैकेट (लव जिहाद) चलाने की माँग की है।

एमनेस्टी इंडिया ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि गोवध और धर्मांतरण पर बने कानून का दुरुपयोग हो सकता है और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, एमनेस्टी इंडिया ने मुस्लिम विक्रेताओं का बहिष्कार करने वाले हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया।

अपनी तीसरी माँग को लेकर एमनेस्टी ने कहा, “राज्य में चुनावों से पहले मुस्लिम के आर्थिक बहिष्कार और उनके खिलाफ हिंसा का आह्वान किया गया था। धर्म-जाति आधारित भेदभाव से प्रेरित घृणा और घृणित अपराधों को समाप्त करने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करें।” दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कई रिपोर्ट आई हैं, जिनमें मुस्लिमों ने हिंदू व्यवसायों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है, लेकिन एमनेस्टी ने इसे कभी भी घृणित नहीं कहा।

राज्य में प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामवादी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े बजरंग दल (Bajarang Dal) पर प्रतिबंध को लेकर भी प्रियांक खड़गे ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “कोई भी संगठन- धार्मिक, राजनीतिक या सामाजिक, जो असंतोष और वैमनस्य के बीज बोने जा रहा है… उसे कर्नाटक में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम कानूनी और संवैधानिक रूप से उनसे निपटेंगे – चाहे वह बजरंग दल हो, पीएफआई हो या कोई अन्य संगठन हो। हम उन्हें प्रतिबंधित करने में संकोच नहीं करेंगे, यदि वे कर्नाटक में कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बनेंगे।”

दरअसल, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कॉन्ग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर वह सत्ता में आएगी तो राज्य में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगा देगी। बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की कॉन्ग्रेस की घोषणा की देश भर में आलोचना हुई थी। भाजपा ने तो बजरंग दल को बजरंग बली से जोड़ दिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

राहुल राज ने शाहरुख बन शबाना को फँसाया, फिर गौमूत्र पिला करवाई घरवापसी: वो खबर जिसे ध्रुव राठी खोज ही नहीं पाया… इसलिए लव-जिहाद...

मुस्लिम लड़के-हिंदू लड़की, हिंदू लड़के-मुस्लिम लड़की का उदाहरण दे ध्रुव राठी कहता है कि सभी को हत्यारा नहीं कहा जा सकता। लव जिहाद को छिपा...

संस्कार है हिंदू विवाह, नाच-गान का मजमा नहीं, इसलिए केवल रजिस्ट्रेशन से नहीं बनेगी बात: सुप्रीम कोर्ट, जानिए क्या है सप्तपदी का विधान जो...

सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं की शादी को लेकर अहम फैसला सुनाया और कहा कि हिंदुओं की शादी बिना 'सप्तपदी' के मान्य नहीं है। मैरिज सर्टिफिकेट होने से शादी नहीं मानी जा सकती, जब तक सात फेरों के प्रमाण न हों।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -