Tuesday, March 19, 2024
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दिल्ली सरकार के App पर हॉस्पिटल में कई बेड्स खाली, हकीकत में एक भी नहीं: CM केजरीवाल ने झूठ बोला?

CM केजरीवाल कहते हैं कि दिल्ली के अस्पतालों में 5000 बेड्स खाली। हॉस्पिटल में फोन करने पर एक भी बेड नहीं मिल रहा - सोशल मीडिया में इसको लेकर ऑडियो भी वायरल। दिल्ली की जनता किस पर भरोसा करे?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में हॉस्पिटल बेड्स की कमी नहीं है, लेकिन जमीनी स्थिति इसके एकदम उलट है। सोशल मीडिया पर कुछ अस्पतालों से बात करने के बाद लोगों ने अपनी बात सामने रखी। कई लोगों ने अपने परिवार या रिश्तेदारों के व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर इस महामारी के दौरान कोविड बेड्स के उपलब्ध न रहने की बात बताई। स्थिति सचमुच भयावह दिख रही है।

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए ऑडियो के अनुसार, दिल्ली सरकार के एप पर ‘श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटूशन’ में 5 बेड्स खाली होने की बात बताई जा रही थी, लेकिन जब वहाँ कॉल किया गया तो पता चला कि एक भी बेड खाली नहीं है। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि एप पर क्या बताया जा रहा है, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता, लेकिन वहाँ मरीजों की भर्ती को लेकर वेटिंग लिस्ट चल रही है।

इसी तरह अप्रैल 15 को ही ‘प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ में 18 खाली बेड्स होने की बात एप पर बताई गई, लेकिन जब अस्पताल में कॉल कर के पूछा गया तो पता चला कि कोविड मरीज के लिए एक भी बेड खाली नहीं है। अस्पताल की तरफ से कहा गया कि एप्लीकेशन में ऐसा क्यों दिखा रहा, उन्हें नहीं पता। इसी तरह एप पर ‘शांति मुकुंद हॉस्पिटल’ में 68 बेड्स खाली होने की बात कही गई, लेकिन अस्पताल ने कहा कि ये दूसरे मरीजों के लिए है।

इसी तरह ‘मैक्स स्मार्ट गुजरमल मोदी हॉस्पिटल’ में एप पर 7 बेड्स खाली दिखाए जा रहे थे, लेकिन वहाँ फोन करने पर बताया गया कि क्वारंटाइन के लिए भी बेड नहीं हैं। ‘दीपचंद बंधू अस्पताल’ से भी यही जवाब आया। जबकि एप पर यहाँ भी 30 बेड्स खाली दिखाए जा रहे थे। अस्पताल की रिसेप्शनिस्ट ने कहा कि दिन भर उपलब्ध बेड्स की संख्या में बदलाव होते रहते हैं, इसीलिए एप पर खाली बेड्स की संख्या दिखाई गई होगी।

जिस दिन के ये आँकड़े हैं और फोन कॉल्स किए गए, उसी दिन ये खबर भी आई थी कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में 5000 बेड्स खाली होने की बात कही है। दिल्ली सरकार अब तक 14 प्राइवेट और 6 सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड फैसिलिटी में कन्वर्ट कर चुकी है। कहा गया था कि सोमवार (अप्रैल 12, 2021) को कोरोना के इलाज के लिए 2653 नए बेड्स जोड़े गए, जिससे कुल संख्या 14,900 हो गई।

दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा चुका है। साथ ही AAP सुप्रीमो ये भी कह रहे हैं कि जब तक जरूरी न हो, तब तक लोग अस्पतालों का रुख न करें। मीनाक्षी ठाकुर नामक ट्विटर यूजर ने लिखा कि वो एक दिन में ही ऐसे 6 लोगों से मिलीं, जो दिल्ली के अस्पतालों में एक अदद बेड पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वास्तविकता यही है, तो दिल्ली सरकार हजारों बेड्स खाली होने की बात क्यों कह रही है?

कई ट्विटर इन्फ्लुएंसर्स ने कहा कि उनकी टाइमलाइन पर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है, जो दिल्ली के अस्पताल में बेड्स के लिए गुहार लगा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में ये स्थिति अचानक से आ गई है। पिछले साल 2020 में किस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मैदान में उतरना पड़ा था, सबने देखा। फिर स्थिति ठीक हुई थी। अर्धसैनिक बलों ने फैसिलिटीज की व्यवस्था की। उसके बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई।

जून 2020 के पहले हफ्ते में ही जहाँ एक तरफ दिल्ली सरकार प्रदेश के अस्पतालों में बेड्स की कमी न होने की बात कह रही थी, कई बड़े अस्पतालों ने बताया था कि वो पूरी क्षमता के साथ भरे पड़े हैं। NDTV की पड़ताल में मैक्स हॉस्पिटल्स, फोर्टिस हॉस्पिटल्स और होली फैमिली हॉस्पिटल ने बेड उपलब्ध न होने की जानकारी दी थी। जबकि उस समय भी दिल्ली सरकार का स्मार्टफोन एप दर्जनों बेड्स खाली होने के आँकड़े दे रहा था।

फ़िलहाल दिल्ली में कोरोना के 54,309 सक्रिय मामले हैं। पिछले 1 दिन में ही यहाँ 16,699 नए कोविड-19 मरीज सामने आए हैं। 1 दिन में ठीक होने वाली की संख्या (13,014) नए मरीजों की संख्या से कम है। प्रदेश में पिछले 1 दिन में कोरोना से 112 नई मौतें हुईं, जिससे मृतकों का कुल आँकड़ा 11,652 तक पहुँच गया। दिल्ली में प्रत्येक 10 लाख में 39,575 कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन 1.7% की औसत से मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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