Saturday, July 27, 2024
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‘ये राम राज्य नहीं किलिंग राज्य है’: लखीमपुर कांड को लेकर BJP पर टूट पड़ीं ममता; भूलीं बंगाल हिंसा, राजस्थान में किसानों को दौड़ाकर पीटा

ममता ने कहा, ''यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसकी निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। वे (भाजपा सरकार) लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते, वे केवल निरंकुशता चाहते हैं। क्या यही है 'राम राज्य'? नहीं। यह 'किलिंग राज्य' है।''

उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर विपक्षी नेताओं के साथ-साथ क्षेत्रीय दल भी अपनी राजनीतिक चमकाने में लगे हुए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लखीमपुर हिंसा को लेकर भाजपा पर हमला बोला है। ममता ने कहा, ”यह बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसकी निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। वे (भाजपा सरकार) लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते, वे केवल निरंकुशता चाहते हैं। क्या यही है ‘राम राज्य’? नहीं। यह ‘किलिंग राज्य‘ है।”

वहीं, कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान में किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का वीडियो सामने आया है। बताया जा रहा है कि धान खरीदी शुरू करने की माँग को लेकर हनुमानगढ़ स्थित जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर धरना दे रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है।

टीएमसी सुप्रीमो लखीमपुर में हुई घटना को लेकर भाजपा को कोस रही हैं, जबकि वह अपने राज्य में चुनावों के बाद हुई हिंसा को लेकर सबके निशाने पर रही हैं। बंगाल में ‘खेला होबे’ का नारा देकर कितने मासूमों को मौत के घाट उतार दिया गया, इस पर ममता बनर्जी का दर्द नहीं झलका।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के बहुमत में आते ही हिंसा का दौर शुरू हो गया था। इस दौरान टीएमसी के गुंडों द्वारा सबसे अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों को निशाना बनाया गया। बेलिहाता विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के 30 वर्षीय कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके साथ ही पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया। इस दौरान बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

जुलाई 2021 में NHRC की 7 सदस्यीय टीम ने 20 दिन में 311 से अधिक जगहों का मुआयना करने के बाद राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसको लेकर ममता भड़क गई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच के दौरान टीम को राज्य के 23 जिलों से 1979 शिकायतें मिलीं। इनमें कई मामले गंभीर अपराध से संबंधित थे। इनमें से अधिकांश शिकायतें कूच बिहार, बीरभूम, बर्धमान, उत्तरी 24 परगना और कोलकाता की थीं। इनमें से अधिकांश मामले दुष्कर्म, छेड़खानी व आगजनी के थे और ये शिकायतें टीम के दौरा करने के दौरान उन्हें लोगों ने बताई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे महिलाओं पर हुए अत्याचार की 57 शिकायतें राष्ट्रीय महिला आयोग से मिली थीं ।

रिपोर्ट में कहा गया था कि 9,300 आरोपितों में से पश्चिम बंगाल पुलिस ने केवल 1,300 को गिरफ्तार किया और इनमें से 1,086 जमानत पर रिहा हो गए। रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि कई मामलों में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की बजाय पुलिस ने उन्हीं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दायर कर दिया था। साथ ही टीएमसी के गुंडों को बचाने के लिए प्राथमिक मामले से पहले की तारीख में पीड़ित के खिलाफ केस दर्ज किए गए, जो बेहद गंभीर धाराओं के अंतर्गत दर्ज किए गए थे।

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा की आंच पंजाब और हरियाणा में भी पहुँच चुकी है। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की माँग को लेकर पंजाब और हरियाणा में आक्रोशित किसानों ने सोमवार (4 अक्टूबर 2021) को दोनों राज्यों में कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के पुतले फूँके और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नारेबाजी की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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