Wednesday, May 1, 2024
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कॉन्ग्रेस कार्यालय में लालू यादव ने पहना सोने का मुकुट, RJD सुप्रीमो ने कबूला जेल से सोनिया गाँधी को कॉल कर करते थे पैरवी

खुद को गरीब-गुरबों का नेता बताने वाले लालू यादव ने पहले सोने का मुकुट पहना फिर कॉन्ग्रेसियों को उनकी औकात बताई। बताया कि कैसे जेल में भी बंद रहते हुए भी वे कॉन्ग्रेस नेताओं की तकदीर लिखते थे।

नाम श्रीकृष्ण सिंह का। मंच कॉन्ग्रेस का। स्तुतिगान बिहार के सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का। बिहार कॉन्ग्रेस के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में 27 अक्टूबर 2023 को हुए कार्यक्रम की खबर इन तीन लाइनों में भी सिमट सकती थी, यदि इस स्क्रिप्ट में सोने का मुकुट और जेल में फोन का इस्तेमाल करने का कबूलनामा नहीं आता।

सदाकत आश्रम में कार्यक्रम का आयोजन कॉन्ग्रेस ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री ‘बिहार केसरी’ श्रीकृष्ण सिंह की 136वीं जयंती पर किया था। मुख्य अति​थि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू यादव थे। जगजाहिर है कि वर्षों से कॉन्ग्रेस बिहार में लालू यादव की पिछलग्गू बनी हुई है। उसके खुद के पास राज्य में ऐसे नेता भी नहीं हैं जिनके नाम से वह अपने पार्टी कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं का जुटान कर ले।

इसलिए लालू जरूरी थे। कॉन्ग्रेस ने भी इस जरूरत का मान रखा और जमकर उस नेता का स्तुतिगान किया जो स्वास्थ्य के आधार पर चिरौरी कर जेल से बाहर आया है। उसे सोने का मुकुट पहनाया। सोने का मुकुट बेगूसराय के बड़े कारोबारी रतन सिंह ने पहनाया। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि यह मुकुट पूरी तरह से सोने का है। इसमें चाँदी की मिलावट नहीं है। हालाँकि रतन सिंह ने मुकुट का वजन बताने से इनकार कर दिया। यह भी कहा कि इसके पीछे उनकी कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। पर जानकार बताते हैं कि वे राजद से टिकट की ख्वाहिश रखते हैं।

दिलचस्प यह भी रहा कि खुद को गरीब-गुरबों का नेता बताने वाले लालू ने सोने के मुकुट को पहनने में संकोच भी नहीं किया। रतन सिंह का यह भी कहना है कि उनके लिए कॉन्ग्रेस और राजद में अंतर नहीं है। इससे पता चलता है कि इस कारोबारी को यह बखूबी पता है कि भले राजनीति कॉन्ग्रेस से करनी हो, होगा वही जो लालू यादव चाहेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कॉन्ग्रेसियों को अपनी इस ताकत के बारे में बकायदा बताया भी। राजद सुप्रीमो ने बताया कि जेल में रहकर भी वे सोनिया गाँधी को कॉल करते थे। कॉन्ग्रेस नेताओं की तकदीर लिखते थे।

लालू यादव ने कहा, “अखिलेश (अखिलेश प्रसाद सिंह) माँगकर नहीं बने हैं एमपी। इनको जबर्दस्ती हम बनाए हैं। हम राँची जेल में थे और ये मिलने आए थे। दूसरे के लिए आए थे कि इनको एमपी बना ​दीजिए कॉन्ग्रेस पार्टी से। हम कहे तुम ही बन जाओ। माननीय सोनिया गाँधी जी को वहीं से हमने टेलीफोन किया। कॉन्ग्रेस के शीर्षस्थ नेताओं को फोन किया। अहमद भाई (अहमद पटेल) को फोन किया कि इनको डिक्लियर करिए, हम इनको बनाते हैं। वही राज्यसभा के एमपी के रूप में ये अभी भी कंटीन्यू कर रहे हैं।” नीचे वीडियो में आप 13 मिनट से यह बात सुन सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि अखिलेश प्रसाद सिंह फिलहाल बिहार कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष हैं। लालू यादव जब मंच से कॉन्ग्रेसियों को राज्य के उनके सबसे बड़े नेता की ‘हैसियत’ बता रहे थे, तब ताली भी बज रही थी। लालू जिंदाबाद के नारे भी लग रहे थे। वैसे लालू के इस बयान के बाद से बीजेपी हमलावर है। कहा कि जेल से कॉल कर उन्होंने नियम तोड़े हैं और सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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