NCP नेता अजीत पवार के उद्धव ठाकरे को बधाई देने के ट्वीट के एक दिन बाद ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि वे पूर्व सहयोगी शिवसेना के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं। हालाँकि, राज्य भाजपा इकाई के प्रमुख चंद्रकांत दादा पाटिल ने इस हैरान करने वाले बयान एक साथ एक शर्त भी रखी है। इस बयान के बाद कॉन्ग्रेस जरूर सकते में आ गई होगी, लेकिन सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थक इस बयान से नाराज नजर आ रहे हैं।
2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर लड़ा था। हालाँकि, बाद में अवसर देखकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ महा विकास अघाड़ी (एमवीए सरकार) बनाने के लिए हाथ ये कहते हुए मिला लिया था कि बीजेपी द्वारा कथित तौर पर सत्ता का वादा और मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया।
#Breaking | Can join hands with Shiv Sena for the betterment of Maharashtra: Maharashtra BJP Chief Chandrakant Patil.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 28, 2020
TIMES NOW’s Aruneel with details. pic.twitter.com/pCjEgorlI6
मीडिया से बात करते हुए भाजपा नेता पाटिल ने कहा कि राज्य के कल्याण के लिए आज भी वे शिवसेना के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं। हालाँकि, वे इसके लिए एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग रहते हुए चुनाव लड़ेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री पद पर उन्होंने पहले के रुख को दोहराया और कहा कि भाजपा यह पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी।
भाजपा नेता ने कहा कि अगर केंद्रीय नेतृत्व उन्हें कुछ इनपुट देता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उस फार्मूले को स्वीकार करते हैं, तो वे शिवसेना से हाथ मिला लेंगे। इसके आगे पाटिल ने कहा कि शिवसेना क्लाउड 9 पर है, इसलिए, ऐसा नहीं लगता है कि वे एक साथ आने के लिए सहमत होंगे।
उन्होंने कहा – “अगर हम एक साथ आते हैं, तो भी मुख्यमंत्री के पद पर निर्णय केंद्र द्वारा लिया जाएगा। चुनाव एक साथ लड़ना और फिर अवसरवादी राजनीति करना सही नहीं है। कम सीटें होने के बावजूद सत्ता में समान हिस्सेदारी की माँग करने पर यह कैसे चलेगा?”
उन्होंने कहा कि अगर हम सत्ता में वापस आते हैं और शिवसेना के साथ गठबंधन करते हैं, तो इसका मतलब ये नहीं है कि हम उनके साथ चुनाव लड़ेंगे, हम महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेंगे।
महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख पाटिल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, “अगर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राज्य इकाई को शिवसेना से गठबंधन करने को कहता है… मैं एक बात स्पष्ट कर दूँ कि यदि दोनों पार्टियाँ साथ आ भी जाती हैं, तो भी हम साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे। हम पाँच साल शिवसेना के साथ काफी उदार रहे। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हम मंत्री पद साझा करने को भी तैयार थे। लेकिन राष्ट्रीय दल होने के नाते भाजपा किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद नहीं बाँट सकती।”
इस बीच, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने गत सोमवार को ही पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहें कि भाजपा महाराष्ट्र में अपने बल पर सत्ता में आए। नड्डा ने यह बयान प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में दिया।
भाजपा के एक बयान के अनुसार, बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री और विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, राष्ट्रीय संगठनात्मक सचिव वी सतीश ने भी भाग लिया।