Wednesday, November 13, 2024
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फोन पर ‘हैलो’ नहीं, ‘जय बांग्ला/ जय हिंद’ बोलेंगे TMC कार्यकर्ता: ममता बनर्जी का फ़रमान

ममता बनर्जी को 'जय श्रीराम' का नारा इतना नागवार लगता है कि वो तुरंत अपनी गाड़ी से उतरती हैं और नारा लगाने वालों को ख़ूब डाँटती-फटकारती हैं। कहने को तो ममता बनर्जी ने यह बात स्वीकारी थी कि वो बंगाली और बिहारी में कोई भेदभाव नहीं करतीं, लेकिन असलियत इससे परे है।

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। वैसे तो बंगाल में हो रही हिंसात्मक गतिविधियाँ आए दिन सुर्ख़ियों में नज़र आती रहती हैं, लेकिन ममता बनर्जी द्वारा एक फ़रमान जारी करने की ख़बर सामने आई है। इस आदेश के अनुसार अब TMC कार्यकर्ता फोन पर ‘हैलो’ की जगह ‘जय बांग्ला’ या ‘जय हिंद’ बोलेंगे। ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं को यह निर्देश ‘जय श्रीराम’ के नारे से तंग आकर दिया है।

इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी कह रही हैं कि वो ‘जय बांग्ला’ एक बार नहीं, हज़ार बार भी नहीं बल्कि लाख बार बोलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ‘जय हिंद’ पर किसी समुदाय का एकाधिकार नहीं है क्योंकि यह स्लोगन नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। अपने संबोधन में उन्होंने फोन पर और सड़क पर चलते-फिरते भी ‘जय हिंद’ बोलने की अपील की। कड़े शब्दों में ममता ने कहा, “बाहर से आए लोग हमारी संस्कृति को ख़त्म करने में लगे हैं, लेकिन हमारी संस्कृति इतनी सस्ती नहीं है।”

जनसभा को संबोधित करते समय ममता दीदी के मुँह से निकले शब्द काफ़ी तल्ख़ अंदाज़ में बाहर आ रहे थे। उनके इस ग़ुस्से को देखकर यही लग रहा था जैसे वो राज्य में ‘जय श्रीराम’ के नारे से बेहद आहत हों। ‘जय श्रीराम’ के नारे से तिलमिलाई ममता ने अपनी भड़ास निकालने के लिए ‘जय बांग्ला’ और ‘जय हिंद’ शब्दों का इस्तेमाल शायद एक विकल्प के रूप में चुना है। शब्दों को लेकर ममता बनर्जी की यह सोच उनकी कुंठित मानसिकता को उजागर करती है।

दरअसल, पिछले काफ़ी समय से ममता बनर्जी ‘जय श्रीराम’ के नारे को लेकर सुर्ख़ियों में छाई हुईं हैं। कोलकाता के मेदनीपुर और बैरकपुर में ममता बनर्जी के क़ाफ़िले के सामने जब कुछ लोगों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे, तो ममता दीदी न सिर्फ़ उन पर भड़कीं थीं बल्कि वो उनके ख़िलाफ़ कड़ी क़ानूनी कार्रवाई कराने के निर्देश तक दे दिए थे।

गुरूवार (31 मई) को भी एक ऐसा मामला सामने आया था जब ममता बनर्जी अपने क़फ़िले के साथ जा रही थीं और उस समय जय श्रीराम का नारा लगाने वाले 10 लोगों के ख़िलाफ़ ज़मानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। ममता बनर्जी को ‘जय श्रीराम’ का नारा इतना नागवार लगता है कि वो तुरंत अपनी गाड़ी से उतरती हैं और नारा लगाने वालों को ख़ूब डाँटती-फटकारती हैं। कहने को तो ममता ने यह बात स्वीकारी थी कि वो बंगाली और बिहारी में कोई भेदभाव नहीं करतीं, लेकिन असलियत इससे परे है।

पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की ख़बर लगातार सामने आती रहती हैं। 30 मई को 52 वर्षीय बीजेपी कार्यकर्ता सुशील मंडल की हत्या सिर्फ़ इसलिए कर दी गई थी क्योंकि वो प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण के एक दिन पहले पार्टी के झंडे सजा रहे थे और ‘जय श्रीराम’ का नारा लगा रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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