Friday, April 19, 2024
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‘राम-कृष्ण ने हमारे साथ की है नाइंसाफी’: प्रशांत किशोर के मंच से हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान, बोले हिन्दू संगठन – चंपारण की भूमि पर ये बर्दाश्त नहीं

रमन गुप्ता ने प्रशांत किशोर से कहा कि वो अपने लोगों को समझाएँ अगर इस प्रकार की राजनीति होगी तो विहिप और बजरंग दल इसका कड़ा विरोध करेगा एवं चंपारण की पावन भूमि पर इस प्रकार का कृत्य बर्दाश्त नहीं करेगा।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) पिछले कई दिनों से ‘जन सुराज यात्रा’ पर हैं। ‘जन सुराज यात्रा’ के 42वें दिन रविवार (13 नवंबर, 2022) को जिला अधिवेशन का आयोजन बिहार के बेतिया स्थित MJK कॉलेज परिसर में किया गया। कार्यक्रम में प्रशांत किशोर के सामने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया। हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाला रिटायर्ड शिक्षक है। उसका नाम गोरख महतो है।

प्रशांत किशोर के सामने गोरख महतो ने मंच से कहा, “राम, द्रोणाचार्य, कृष्ण और विश्वकर्मा ने हमारी जाति के साथ नाइंसाफी की है।” इसके बाद आनन-फानन में वॉलंटियर्स ने रिटायर्ड टीचर को पोडियम से हटा दिया। इसका वीडियो भी सामने आया है। इस घटना के बाद से विहिप और बजरंग दल सहित जिले के अन्य लोगों में काफी रोष है। लोग इस यात्रा का जमकर विरोध कर रहे हैं।

दैनिक भास्कर ‘के मुताबिक, बजरंग दल के जिला मंत्री रमन गुप्ता ने प्रशांत किशोर को घेरते हुए उनसे कई सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा कि वे किस प्रकार की राजनीति करना चाहते हैं? क्या वो देवी-देवताओं का उपहास उड़ाकर अपनी राजनीति शुरू करना चाहते हैं? क्या वो जाति आधारित बातें एवं डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी अपनाकर राजनीति शुरू करना चाहते हैं?

इसके अलावा रमन गुप्ता ने प्रशांत किशोर से कहा कि वो अपने लोगों को समझाएँ कि अगर इस प्रकार की राजनीति होगी तो विहिप और बजरंग दल इसका कड़ा विरोध करेगा एवं चंपारण की पावन भूमि पर इस प्रकार का कृत्य बर्दाश्त नहीं करेगा।

वहीं, ‘जन सुराज’ पदयात्रा अधिवेशन में प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरा सपना बिहार का मुख्यमंत्री बनना नहीं है। मेरा सपना है कि अपने जीवन में ऐसा बिहार देख सकूँ, जहाँ मुंबई, गुजरात से लोग काम करने बिहार आएँ। लोग कह रहे हैं कि आपने बहुत कठिन काम ले लिया है यह कैसे संभव होगा। बिहार में इतनी जाति, बाहुबल, पैसा है, पहले से समीकरण है।”

प्रशांत किशोर आगे कहा, “मैं केवल यहाँ लड़ने नहीं आया, मैं तो लड़कर जीतने आया हूँ। अभी मुझे केवल 40 दिन हुए हैं और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि किसका वोट कटेगा। महागठबंधन का वोट कटेगा या बीजेपी का वोट कटेगा। तो मैं आपको बता दूँ कि जनता अगर एक बार जाग गई तो दोनों को काटकर अलग कर देगी।”

उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर ने बंगाल चुनाव के बाद अपनी भूमिका बदलने और एक साल में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही थी। पिछले साल पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने चुनावी कामकाज से संन्यास लेने की बात कही थी। उन्होंने बताया0- था कि वो अपनी कंपनी I-PAC को छोड़ कर दूसरे करियर को आगे बढ़ाने वाले हैं। किशोर ने कहा था कि वह अपने लिए कुछ समय निकालना चाहते हैं और एक वैकल्पिक करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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