Wednesday, October 9, 2024
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कई सौगात दे PM मोदी ने लॉन्च की ‘असम माला’, कहा- साजिश रचने वालों ने भारत की चाय को भी नहीं छोड़ा

"क्या आप ऐसे लोगों के इन हमलो को स्वीकार करेंगे? आप इस हमले में शामिल लोगों को स्वीकार करेंगे? क्या आप इन हमलावरों की प्रशंसा करने वालों को स्वीकार करेंगे ? मैं असम की धरती से षड्यंत्रकारियों से कहना चाहता हूँ कि ये जितनी मर्जी षड्यंत्र कर लें देश इनके नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (7 फरवरी, 2021) को असम के बिश्वनाथ और चराइदेव में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला रखी। असम के सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में ‘असम माला (Asom Mala)’ प्रोग्राम को भी लॉन्च किया। सोनितपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने उन विदेशी साजिशों का भी जिक्र किया जो कथित किसान आंदोलन की आड़ में रचे जा रहे हैं।

बता दें, ‘असम माला’ प्रोजेक्ट के तहत राज्य की सड़कों के बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क के साथ-साथ निर्बाध मल्टी-मॉडल परिवहन की सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण अंतर-संपर्क मार्ग प्रदान करेगी। यह परिवहन गलियारों के साथ आर्थिक विकास केंद्रों को भी आपस में जोड़ने का काम करेगा और इससे अंतर-राज्य कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत माला की तर्ज पर असम माला की शुरुआत की गई है। अगले 15 सालों में असम में चौड़े हाईवेज का जाल हो, सभी गाँव मुख्य सड़कों से जुड़ें, सड़कें देश के शहरों की तरह आधुनिक हों, यह प्रोजेक्ट सपनों को पूरा करेगा, आपका सामर्थ्य बढ़ाएगा।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “पिछले महीने असम आकर गरीब, पीड़ित, शोषित लोगों को जमीन के पट्टों के वितरण कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मुझे सौभाग्य मिला था। तब मैंने कहा था कि असम के लोगों का स्नेह और आपका प्रेम इतना गहरा है कि वो मुझे बार-बार असम ले आता है।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरा सपना है कि हर राज्य में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज मातृभाषा में पढ़ाना शुरू करें। जब असम में नई सरकार बनेगी मैं असम के लोगों की तरफ से वादा करता हूँ कि असम में हम एक मेडिकल कॉलेज स्थानीय भाषा में शुरू करेंगे।”

वहीं विपक्षियों के नापाक मंसूबे पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचने वाले इस स्तर तक पहुँच गए हैं कि भारत की चाय को भी नहीं छोड़ रहे। कुछ दस्तावेज सामने आए हैं जिनसे खुलासा होता है कि विदेश में बैठी कुछ ताकतें चाय के साथ भारत की जो पहचान जुड़ी है, उस पर हमला करने की फिराक में हैं।”

उन्होंने पूछा, “क्या आप ऐसे लोगों के इन हमलो को स्वीकार करेंगे? आप इस हमले में शामिल लोगों को स्वीकार करेंगे? क्या आप इन हमलावरों की प्रशंसा करने वालों को स्वीकार करेंगे ? मैं असम की धरती से षड्यंत्रकारियों से कहना चाहता हूँ कि ये जितनी मर्जी षड्यंत्र कर लें देश इनके नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा। भारत की चाय पर किए जा रहे हमलों में इतनी ताकत नहीं है कि वो हमारे चाय बागान में काम करने वाले लोगों के परिश्रम का मुकाबला कर सकें।”

पीएम ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए अहा, “गुवाहाटी में एम्स का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछली सरकारें क्यों नहीं समझ पाईं की गुवाहाटी में एम्स होगा तो यहाँ के लोगों को कितना फायदा होगा। सरकार असम के विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है। असम में आयुष्मान भारत योजना का लाभ करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।”

उन्होंने कहा, “इस बार देश के बजट में चाय बगान में काम करने वाले हमारे भाइयों और बहनों के लिए 1000 करोड़ रुपये की विशेष योजना की घोषणा की गई है। ये पैसा आपको मिलने वाली सुविधाओं को बढ़ाएगा, टी-वर्कर्स का जीवन और आसान बनाएगा।”

गौरतलब है कि असम के कोने-कोने में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स भी खोले जा रहे हैं जो गाँव-गरीब के प्राथमिक स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं। इन सेंटर्स पर अब तक असम के 55 लाख से ज्यादा लोग अपना इलाज करा चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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