Saturday, July 27, 2024
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2 महीने फ्री अनाज: मोदी कैबिनेट की मुहर, 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को होगा फायदा

आत्मनिर्भर भारत आर्थिक राहत पैकेज के तहत यह कदम उठाया गया है। प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 किलो अनाज मुफ्त में मिलेगा। इस योजना से सरकार पर 2,982.27 करोड़ रुपये का खाद्य सब्सिडी बोझ आएगा।

मोदी कैबिनेट ने लॉकडाउन की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहे करीब आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो माह तक निशुल्क अनाज देने से जुड़े प्रस्ताव को बुधवार (मई 20, 2020) को मँजूरी दे दी। इस योजना के तहत सरकार अगले दो माह तक प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से पाँच किलो अनाज उपलब्ध करवाएगी।

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक राहत पैकेज के तहत घोषणा की थी कि सरकार दो महीने के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 किलो अनाज मुफ्त में प्रदान करेगी।

बुधवार को सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस आवंटन से, कोविड-19 की वजह से आर्थिक उथल-पुथल से प्रभावित प्रवासी/फँसे हुए प्रवासियों की कठिनाइयों को कम करने में मदद मिलेगी। इस योजना से सरकार पर 2,982.27 करोड़ रुपये का खाद्य सब्सिडी बोझ आएगा।

इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि इसके अलावा, अंतर-राज्यीय परिवहन, खाद्यान्न के रख-रखाव, डीलर मार्जिन/अतिरिक्त डीलर मार्जिन का खर्च लगभग 127.25 करोड़ आएगा, जो केंद्र सरकार वहन करेगी। इसके अनुसार, इस काम के लिए भारत सरकार की कुल अनुमानित सब्सिडी लगभग 3,109.52 करोड़ रुपए है।

इससे पहले निर्मला सीतारमण ने कहा था, सरकार अगले दो माह तक प्रवासी मजदूरों को बिना राशन कार्ड के भी प्रति व्यक्ति के हिसाब से पाँच किलोग्राम अनाज और प्रति परिवार के हिसाब से एक किलोग्राम चना उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा था कि जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं हैं या जिनके पास राज्यों की तरफ से मिले गरीबी कार्ड नहीं हैं, वे भी मुफ्त अनाज ले सकेंगे। इस कदम से लगभग 8 करोड़ प्रवासी लाभान्वित होंगे।

इसके अलावा घोषणा की गई कि राशन कार्ड को ‘पोर्टेबल’ बनाया जाएगा। यानी प्रवासी मजदूर अपने राशन कार्ड का किसी भी राज्य में उपयोग कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 23 राज्यों में अगस्त तक 67 करोड़ लाभार्थी या सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में आने वाले 83 फीसदी लाभार्थी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा था कि मार्च 2021 तक ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ की व्यवस्था’ को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।

बता दें कि वन नेशन वन राशन कार्ड का खाका सरकार ने बीते साल के दिसंबर महीने में ही तैयार कर लिया था और इसका मानक प्रारूप तैयार करते हुए राज्यों को नया राशन कार्ड जारी करने के लिए नए मानक को अपनाने के निर्देश दिए गए थे। उस वक्त सरकार ने पूरे देश में एक जैसे राशन कार्ड जारी करने की पहल के तहत छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट भी चालू किया था। केंद्र सरकार ने इस योजना को एक जून, 2020 से पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसकी समय-सीमा बढ़ाकर मार्च 2021 कर दिया गया है।

‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना के पूरे देश में लागू होने के बाद कोई भी कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत किसी भी राज्य की राशन की दुकान से अपना राशन ले सकेगा। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जो भी राशन कार्ड जारी करें, वे सभी एक मानक प्रारूप में हों। इसलिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन जारी करने के लिए मानक प्रारूप जारी किया गया है, जिसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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