Monday, November 4, 2024
Homeराजनीतिनहीं होगा ईसाई बहुल नागालैंड का खुद का संविधान: 22 वर्षों से चले आ...

नहीं होगा ईसाई बहुल नागालैंड का खुद का संविधान: 22 वर्षों से चले आ रहे समझौते को ख़त्म करने के आसार

"न ही नगालैंड को अपना खुद का झंडा या संविधान मिलेगा, और न ही अलगाववादियों के साथ हो रही वार्ता को समय सीमा के आगे खींचा जाएगा। नगा अलगाववादी संगठन NSCN-IM के साथ सरकार की वार्ता 1997 से चली आ रही है, लेकिन अब सरकार ने तय कर लिया है कि और आगे ऐसा नहीं चल सकता।"

नागालैंड की सरकार ने सभी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दीं हैं, और उन्हें ड्यूटी पर वापिस आने का आदेश दिया है। ऐसा नगा शांति वार्ता के समापन की तारीख पास आने और शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के आभास में किया गया है। यह कदम सरकार की ओर से वार्ताकार और नगालैंड के गवर्नर आरएन रवि के उस बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने दो टूक कह दिया था कि न ही नगालैंड को अपना खुद का झंडा या संविधान मिलेगा, और न ही अलगाववादियों के साथ हो रही वार्ता को समय सीमा (31 अक्टूबर, 2019) के आगे खींचा जाएगा। नगा अलगाववादी संगठन NSCN-IM के साथ सरकार की वार्ता 1997 से, यानि 22 वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अब सरकार ने तय कर लिया है कि और आगे ऐसा नहीं चल सकता।

परसों (सोमवार, 21 अक्टूबर, 2019 को) नगालैंड के डीजीपी ने एक वायरलेस संदेश के ज़रिए पुलिस कर्मियों की सभी प्रकार की छुट्टियों को रद्द किए जाने का संदेश जारी किया। मुख्य सचिव के ऑफ़िस ने ऐसा ही संदेश सभी डिप्टी कमिश्नरों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए जारी किया। मुख्य सचिव के आदेश में सभी अधिकारियों को अपनी ड्यूटी पर तैनात रहने और छुट्टी पर गए अधिकारियों को वापिस बुलाए जाने की बात कही है। इसके अलावा नगालैंड के मुख्यमंत्री नाइफीउ रिओ के कार्यालय ने भी सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों को जिला मुख्यालय किसी भी हालत में न छोड़ने के कठोर आदेश जारी किए हैं।

National Socialist Council of Nagaland (Isak-Muivah faction) के नाम से जाने वाले इस अलगाववादी संगठन से हालाँकि सरकार बातचीत और जारी न रखने के निश्चय पर अडिग रहती दिखाई दे रही है, लेकिन NSCN (IM) भी अलग झंडे और संविधान को लेकर अड़ता ही लग रहा है। ऐसे में संभावना शांति समझौते पर हस्ताक्षर बिना NSCN (IM) के ही होने की सूरत बनती दिख रही है। इसके चलते कानून व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।

सरकार की शांति वार्ता सात नगा संगठनों के साथ चल रही है, और NSCN (IM) के अलावा बाकी सभी वार्ता खत्म कर शांति समझौते पर हस्ताक्षर के पक्ष में बताए जा रहे हैं। NSCN (IM) के नेता भी सरकार के साथ पहले ही ‘Framework Agreement’  पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। जहाँ सरकार ‘Framework Agreement’ के दायरे में झंडा और संविधान के मुद्दों के न आने की बात कर रही है, वहीं NSCN (IM) ‘Framework Agreement’ में इन दोनों का वादा किए जाने की बात कह रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

15 साल की दलित नौकरानी की हत्या में गिरफ्तार हुआ मोहम्मद निशाद और उसकी बीवी, लेकिन मीडिया ने ‘दीवाली’ को घसीटा: हिंदुओं से ये...

जिस दलित नौकरानी की हत्या में पुलिस ने मुस्लिम दंपती को गिरफ्तार किया है, मीडिया ने उसकी खबर को भी 'दीपावली' से जोड़ दिया।

भारत-बांग्लादेश-म्यांमार को काटकर ईसाई मुल्क बनाने की रची जा रही साजिश? जिस अमेरिकी खतरे से शेख हसीना ने किया था आगाह, वह मिजोरम CM...

मिजोरम CM लालदुहोमा ने कहा, "हमें गलत बाँटा गया है और तीन अलग-अलग देशों में तीन अलग सरकारों के अधीन रहने के लिए मजबूर किया गया है।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -